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Peach and Plum Flowering: आड़ू और आलू बुखारा के पेड़ में आ गए हैं फूल तो कीटनाशकों का न करें छिड़काव

Peach and Plum Flowring : आड़ू और आलू बुखारा के पेड़ में आ गए हैं फूल तो कीटनाशकों का न करें छिड़काव
Peach and Plum Flowering tips in Hindi: इस समय आड़ू और आलू बुखारा के पेड़ में फूल पूरी तरह आ चुके हैं। इस दौरान किसानों को सावधानी बरतने की जरूरत है। किसान फूल लगने के बाद क्‍या करें इस बारे में बता रहे हैं उप उष्ण कटिबंधीय फल केंद्र, बागवानी विभाग,  लाडवा (कुरुक्षेत्र) के डॉ  शिवेंदु प्रताप सिंह सोलंकी। आइए जानते हैं उनके टिप्‍स।

लाडवा (कुरुक्षेत्र), Peach and Plum Flowering tips in Hindi : उप उष्ण कटिबंधीय फल केंद्र, बागवानी विभाग लाडवा के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ  शिवेंदु प्रताप सिंह सोलंकी ने किसानों को सलाह दी है। उनके अनुसार आड़ू और आलू बुखारा के पेड़ में फूल आने के बाद उनकी केयर करने की जरूरत है। अगर आप थोड़ा धीरज रखेंगे तो अच्‍छी फसल प्राप्‍त कर सकेंगे। आइए जानते हैं उन्‍होंने किसानों को क्‍या सलाह दी।

आड़ू और आलू बुखारा के फूलों की केयर

डॉ  शिवेंदु प्रताप सिंह सोलंकी ने बताया कि कई किसान इस बात से चिंति‍त हैं कि फूल छड़ गए हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्‍होंने बताया कि इस समय आड़ू और आलू बुखारा में पूरी तरह से फूल आ चुके हैं। कुछ जगह फूल झड़ गए हैं तो चिंतित न हों। कई बार किसान बिना किसी सलाह के ऐसा कदम उठा लेते हैं कि पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।

कीटनाशकों को भी इस्‍तेमाल न करें

आड़ू और आलू बुखारा में फूल लगने के बाद कीटनाशकों का इस्‍तेमाल न करें। अगर आप ये गलती करते हैं तो मधुमक्खियां परागण नहीं कर पाएंगे और फल नहीं बन सकेगा। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फूल लगने के बाद परागण होने दें। जब फ्रूट बन जाए तो विशेषज्ञ की सलाह पर ही कीटनाशकों का प्रयोग करें। नहीं तो फसल पर विपरीत असर हो सकता है।

आलू बुखारा की खेती

बता दे आलू बुखारा का वैज्ञानिक नाम Prunus Domestica है. यह फल गुलाबी, भूरा और हल्का पीला रंग का होता है. इसकी खेती एक लाभदायक कृषि व्यवसाय है. अगर आप इसकी खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त करना चाहते है तो इसके लिए आपको कुछ जरुरी जानकारी होना आवश्यक है. बता दे आलू बुखारा एक उच्च वर्षा तथा तापमान के मौसम की खेती है।

इसके पेड़ को नियमित रूप से पानी देना बहुत ही जरूरी है, खासतौर पर पेड़ों के विकास के समय यह और भी आवश्यक हो जाता है. आलू बुखारा की खेती में उचित कृषि प्रौद्योगिकीयों का उपकरण करना ही फायदेमंद होता है. कृषि मशीनरी, उन्नत उपकरण, जल संरचना, सिंचाई प्रणाली आदि का उपयोग करके उत्पादकता में सुधार किया जा सकता है।

लगाने का समय

जानकारी हेतु बता दे आलू बुखारा के पौधे को उगाने का समय मुख्य रूप से उस स्थान की भूमि तथा जलवायु पर निर्भर करता है परंतु आमतौर पर आलू बुखारा के पौधे लगाने के लिए जनवरी- फरवरी का महीना सबसे उचित माना जाता है।

यहां होती है इनकी खेती

फल आलू बुखारा की खेती भारत में कई राज्यों में की जाती है. परंतु, जम्मू- कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, झारखंड, असम, छत्तीसगढ़ और ओडिसा जैसे राज्यों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।

कैसी हो जलवायु

इस फल की अच्छी उपज के लिए ठंडी जलवायु उपयुक्त होती है. इसकी खेती पहाड़ी अंचल के साथ- साथ जमीनी क्षेत्रों में भी आसानी से की जा सकती है. परंतु, आलू बुखारा की अच्छी उपज के लिए समुद्रतल से 900 से 2500 मीटर तक की ऊंचाई वाले क्षेत्र जहां पाला न पड़ता हो, वह सर्वोत्तम होती है।

आलू बुखारा की वैज्ञानिक खेती

फल आलू बुखारा की खेती से यदि आप अच्छी पैदावार प्राप्त करना चाहते है तो, आपको इसकी खेती वैज्ञानिक तरीके से करनी चाहिए. इसके लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा।

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आलू बुखारा की खेती के लिए उपयुक्त भूमि का चयन करना महत्वपूर्ण है।

इसकी बुवाई तथा रोपाई उपयुक्त समय पर करना अत्यंत आवश्यक है।

इस खेती में सिंचाई का ध्यान रखना जरूरी है, इसमें आपको समय- समय पर पानी देना होगा।

इसके पेड़ों की देखभाल करने में समय- समय पर कटाई, खेत की खरपतवार, विषाणुरोधी रसायनों का उपयोग तथा उर्वरक का समयबद्ध रूप से इस्तेमाल करना शामिल होता है।

आलू बुखारा का पौधा कैसे तैयार करें

बता दे आलू बुखारा का पौधा तैयार करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा, जिससे आप आलू बुखारा के पौधे को अच्छी तरह से तैयार कर सकते है:

आलू बुखारा के पौधे को उगाने के लिए आपको सबसे पहले, अच्छे गुणवक्ता वाले बीजों का चयन करना होगा।

चयनित बीजों को 12 से 15 घंटे तक पानी में भिगो दे. इसके बाद, इन्हे अच्छे से धूप में सुखा ले।

फिर बीजों को उपचार कर ले। 

फिर एक बार जांच कर ले कि आपके खेत की मिट्टी में नमी है या नही। 

यदि आपके खेत की मिट्टी में नमी नही है तो, आपको एक बार खेत की अच्छे से सिंचाई कर देनी है. फिर 5 से 6 दिनों के बाद जब मिट्टी में नमी आ जाए तब आपको बुवाई कर देनी है। 

आलू बुखारा की खेती में देखभाल करना आवश्यक है. उन्हें नियमित रूप से पानी देना, खरपतवार का ध्यान रखना आदि देखभाल करना जरुरी होता है।

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