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Sugarcane Price Hike: केंद्र सरकार ने बढ़ाई गन्‍ना का खरीद की कीमत, किसान हो गए खुश

Sugarcane Price Hike: केंद्र सरकार ने बढ़ाई गन्‍ना का खरीद की कीमत, किसान हो गए खुश
Purchase price for sugarcane : केंद्र सरकार ने गन्ने के रेट में 25 रुपये की वद्धि की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निर्देशों के तहत भारतीय किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। केंद्र सरकार ने गन्ने के खरीद मूल्य में वृद्धि की है।

नई दिल्‍ली। Purchase price for sugarcane : नया रेट गन्ने के खरीद के लिए बहुत ही उत्साहजनक है। इससे किसानों को अधिक मुनाफा हासिल करने में मदद मिलेगी और उन्हें और अधिक स्थिरता प्राप्त होगी। इससे कृषि उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे देश की कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। नया रेट अधिक विवरणों के लिए स्थानीय कृषि विभाग की वेबसाइट या समाचार स्रोतों पर देखा जा सकता है।

गन्‍ना किसानों को तोहफा

सरकार ने 2024-25 के सत्र के लिए गन्ने के रेट में प्रति क्विंटल 25 रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले के बाद अब गन्ने का खरीद मुल्य 340 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, जो पहले 315 रुपये था. बता दें कि बुधवार (21 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में ये बड़ा निर्णय लिया गया।

कितने किसानों को होगा फायदा

कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने इसे गन्ने की ऐतिहासिक कीमत बताते हुए कहा कि सत्र 2023-24 के गन्ने की एफआरपी से यह लगभग आठ प्रतिशत और लागत से 107 प्रतिशत अधिक है. नया एफआरपी 10 फरवरी से प्रभावी होगा।

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इससे गन्ना किसानों की आमदनी में इजाफा होगा. केंद्र सरकार के इस फैसले से पांच करोड़ से अधिक गन्ना किसानों और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को फायदा होगा. यह फैसला किसानों की आय दोगुनी करने की मोदी की गारंटी को पूरा करने में भी सहायक होगा।

इतना फायदा हुआ

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि साल 2019-20 में गन्ना किसानों को 75,854 करोड़ रुपये मिला है. साल 2020-21 में 93,011 करोड़ रुपये मिला है. साल 2021-22 में गन्ना किसानों को 1.28 लाख करोड़ रुपये मिले हैं. वहीं, साल 2022-23 में 1.95 लाख करोड़ रुपये मिले हैं. यह रकम सीधे किसानों के खातों में भेजी गई।

सरकार ने किसानों को किया खुश

अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने बीते 10 वर्षों से किसान कल्याण के लिए कई सारे काम किए हैं. उन्होंने कहा, 'साल 2014 से पहले किसानों को खाद के लिए भी सड़कों पर उतरना पड़ता था. उस समय गन्ने की कीमत सही नहीं मिलती थी. लेकिन मोदी सरकार ने इस दिशा में बेहतरीन काम किया है।

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अनुराग ठाकुर ने बताया कि पिछले दस वर्षों में मोदी सरकार ने किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य उचित समय पर दिलाने का प्रयास किया है. पिछले सत्र यानी 2022-23 का 99.5 प्रतिशत गन्ना बकाये का भुगतान कर दिया गया है. सरकार के नीतिगत हस्तक्षेप के चलते चीनी मिलें भी आत्मनिर्भर हो गई हैं और अब उन्हें कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जा रही है।

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