Kala Gehu Price in India: काला गेहूं की खेती कैसे की जाती है, जानें इसकी बुवाई, पैदावार और भाव

How black wheat is cultivated: काले गेहूं की खेती वर्तमान में कृषि संस्थानों, किसानों के द्वारा मध्य प्रदेश, उतरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात जैसे राज्यों में की जा रही है। ये गेहूं काफी महगे दाम पर बिकता है। जानते हैं काले गेहूं का क्या भाव है। 
 

करनाल। Kala Gehu News : भरपूर गुणों के कारण काला गेहूं को ‘सुपर व्हीट’ कहा जाता है | काला गेहूं की खेती हाल ही में बाजार में अधिक मांग और कम उत्पादकता के कारण सरकार एव कृषि विभाग किसानों से आशा कर रही है | नये किस्म की फसल में किसान कुछ नया करने की चाहत में जोर-शोर से हिस्सा ले रहे है। 

काला गेहूं की खेती

किसान को सामान्य गेहूं की तरह ही खेत की अच्छी तैयारी करनी है। खेत की तैयारी के समय जहाँ तक हो सके जैविक खाद का चयन करें – जैसें गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, हरी खाद, जिप्सम आदि। 

काले गेहूं की बुवाई कब करें

बुवाई का उचित समय की बात करें तो नवंबर माह के मध्य में कर देनी चाहिए | बुवाई में जैसे-जैसे लेट करेगे पैदावार घटती जाती है, इसलिए समय पर बिजाई कर देना चाहिए। 

काला गेहूं का बीज कहाँ मिलेगा

किसान काले गेहूं का बीज नजदीकी कृषि विभाग (KVK )से संपर्क करें, वो आपके लिए जल्द ही व्यवस्था करा देंगे। 

काले गेहूं का बीज अपने नजदीकी कृषि मंडी में भी संपर्क कर सकते है। 

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बीज की खोज में यूट्यूब, facebook, आदि सोशल नेटवर्क का सहारा लेकर भी बीज प्राप्त कर सकते है। 

पोस्ट के नीचे कमेन्ट में बहुत से किसान भाई है, जो काला गेहूं का बीज बेचना चाहते है उनसे भी संपर्क कर सकते है। 

काले गेहूं की पैदावार कितनी होती है

सामान्य गेहूं की तुलना में इसका उत्पादन थोडा कम माना जाता है, क्योकि यह जैविक तरीकों से अच्छा माना जाता है। इसकी औसत पैदावार माने तो 15 क्विंटल प्रति एकड़ उपज ली जा सकती है। 

काला गेहूं कहां बिकता है

किसान इस गेहूं को नजदीकी मंडियों एव कृषि संस्थानों के साथ-साथ नजदीकी खुले बाजार में भी बेच सकते है या ऑनलाइन माध्यम से भी कई किसान खरीद और बेच रहे है। 

काला गेहूं क्या भाव बिकता है

काले गेहूं का रेट बाजार, मंडियों में 5000 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल के भावों में बिक रहा है, खुले बाजारों में और भी ज्यादा भाव मिल जाता है। 

काले गेहूं की सिंचाई 

काले गेहूं की फसल में पहली सिचाई बुआई 2 से 3 सप्ताह बाद करें। 

इसके बाद फसल के फुटाव के समय। 

3 सिचाई गेहूं की फसल में गाठे बनते समय सिचाई करें। 

अगली सिचाई गेहूं की बलिया निकलने से पहले रहते करें। 

5 वी सिचाई गेहूं के दूधिया होने की दशा में करें। 

अब अंतिम सिचाई गेहूं का दान पकते समय करें। 

काला गेहूं के प्रकार

इस किस्म के गेहूं की खोज पंजाब के NABI द्वारा हाल ही में की गई थी, जिसमे काले गेहू के तीन प्रकार के विकसित किये गये | जिनमे काला गेहूं सबसे ज्यादा खूबियों से भरपूर मिला। 

काला गेहूं तीन प्रकार के होते है – काला, नीला, जामुनी। 

काले गेहूं का भाव 2024 

इस गेहूं की कीमत की बात करें, तो किसानों को kala gehu bhav 5 हजार से 6 हजार के भाव मिल जाते है। किसान इस गेहूं को नजदीकी मंडियों एव कृषि संस्थानों के साथ-साथ नजदीकी बाजार में भी बेच सकते है। 
उतर प्रदेश और बिहार में काले गेहूं के बीजों का सामान्यतः भाव 70-80 रुपये किलो है। 

काले गेहूं की कम पैदावार के कारण देश के 12-15 राज्यों में मांग बनी हुई है। काले गेहूं का रेट बाजार, मंडियों में 5000 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल के भावों में बिक रहा है। 

काला गेहूं की खेती के फायदे

साधारण गेहूं की तुलना में काले गेहूं कही गुना ज्यादा पोष्टिक होता है। 

दुर्लभ फसल के तौर पर किसानों की किस्मत चमकने के आसार बने हुए है। 

आने वाले समय में काला गेहूं दवाइयों के रूप में खूब उपयोग में लिया जाएगा। 

वर्तमान में काला गेहू साधारण गेहूं की तुलना में चोगुना दाम दे रहा है। 

काले गेहूं की रोटी खाने से अनेक रोगों से बचाव होता है। 

काला गेहू शरीर को पोषक व शक्ति भी भरपूर देता है। 

किसानों को इसके अच्छे दाम मिल रहे है। 

नई तरीके की फसल के चलते गाँवो में काले गेहू की खेती नए रोजगार का वरदान साबित होंगे। 

काला गेहूं किसान के लिए साबित हो रहा सोना। 

डायबिटीज के रोग वाले लोगों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि ये गेहूं जल्दी पच जाता है। 

दिल के रोगों को करे दूर और कब्ज को दूर करता है। 

पेट के कैंसर में फायदा

काला गेहूं केंसर, शुगर, मोटापा, दिल की बीमारियों के साथ-साथ 15 और बीमारियों से मुक्ति में मददगार साबित होगा। 
हाई ब्लड प्रेशर में लाभ
डायबिटीज में असरदार
आंतों के इंफेक्शन को खत्म करने में कारगर
नए ऊतकों को बनाने में कारगर

काले गेहूं की प्रमुख विशेषताए

यह खेती पारंपरिक खेती से ज्यादा फायदेमंद है। 

इस किस्म के बारे में विज्ञान भी इसके गुणों से प्रभावित होके काफी बढ़ावा दे रही है। 

दिखने में काला है, पर पोषक तत्वों से भरपूर। 

सामान्य गेहूं में एंथोसईमीन की मात्रा 5 से 15 ppm होती है, जबकि काले गेहू में ppm की मात्रा 40 से 40 ppm (एंथोसईमीन पिग्मेन्ट) होती है। 

काले गेहू में जिंक और आइरन का % सामान्य गेहूं के मुकाबले काफी अधिक होता है। 

अधिक ppm होने से खाने में स्वादिष्ठ और पोष्टिक होता है। 

इस गेहूं का काला रंग भी अधिक ppm के कारण होता है। 

काला गेहूं इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार इस गेहूं का मिश्रित आटा कुछ विकसित बाजारों में उपलब्ध है। 

काला गेहूं का बीज कहां मिलता है

किसान काले गेहूं का बीज नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करें, वो आपके लिए जल्द ही व्यवस्था करा देंगे। 

काले गेहूं का बीज अपने नजदीकी कृषि मंडी में भी संपर्क कर सकते है। 

बीज की खोज में यूट्यूब, facebook, आदि सोशल नेटवर्क का सहारा लेकर भी बीज प्राप्त कर सकते है। 

सामान्य गेहूं की तुलना में काफी महगा बिकने वाला गेहूं हाल ही में पंजाब की एक शोध संस्थान द्वारा खोज गया है। 

पंजाब के मोहाली में स्थित राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। बता दें आपको की NABI ने काले गेहूं की खोज की रिसर्च 2010 को शुरू की थी, और 7 साल के रिसर्च ने काले गेहूं की किस्म प्राप्त हुई। काले गेहूं की खोज NABI द्वारा किए जाने के कारण इस किस्म का वैज्ञानीक नाम NABI-MG रखा गया है। 

काले गेहूं की खेती में खाद उर्वरक कौन सा डालें

किसान को काला गेहूं की खेती में जहा तक हो सके पारंपरिक एव जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए। अगर किसान की भूमि कम उपजाऊ या उर्वरक पर निर्भर है, तो किसान को साधारण गेहूं के जैसे ही भूमि तैयार करनी है। खाद पर निर्भर भूमि में जुताई से पहले DAP, यूरिया, पोटाश, जिंक सल्फेट प्रति एकड़ के हिसाब से डाले। 

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