Organic Farming in Haryana: करनाल के युवा किसान ऑर्गेनिक खेती से ला रहे हरियाणा में बदलाव
करनाल। जैविक खेती से आप अपने और अपने परिवार समाज को रोग बीमारियों से बचा सकते हैं। घर में हरियाली ला सकते हैं। कचरा घर में ही निपटा कर पर्यावरण को मदद पहुंचा सकते हैं। साथ ही अगर ऐसे जैविक खेती को व्यावसायिक रूप देना चाहते हैं, तो इससे अच्छी कमाई भी कर सकते हैं।जैविक खेती, इससे जुड़े किसान और जैविक अनाजों पर आधारित प्रोडक्ट के प्रति शहर से लेकर गांव के लोगों की चाहत ये बता रही है कि आने वाला ज़माना जैविक का ही है।
मिसाल बने घरौंडा के पुनीत
हरियाणा के किसान तेजी से ऑर्गेनिक खेती की तरफ रुख कर रहे हैं। जिससे किसान पारंपरिक खेती के मुकाबले ज्यादा कमाई कर रहे हैं। करनाल के किसान पुनीत कुमार निजी नौकरी के साथ-साथ जैविक खेती भी कर रहे हैं। जिससे सेहत का भी ख्याल रखा जाता है और फायदा भी खूब होता है।
करनाल के एक युवा पुनीत कुमार जो नोएडा में एक बड़ी कंपनी में जॉब करते हैं। लेकिन उनके भी स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने लगा था। जिसके बाद उन्होंने गांव की ओर रुख किया और जैविक खेती की शुरुआत की।
जैविक खेती को दे रहे बढ़ावा
यह हाईप्रोफाइल युवा प्राकृतिक और जैविक खेती के लिए दूसरे किसानों को प्रेरित करते हैं। जैविक उपज की गुणवत्ता बेहतर होती है, इसलिए खुदरा बाजार में उपभोक्ता उसकी अच्छी कीमत देते हैं और ज्यादा कीमत देने के लिए तैयार हैं। लेकिन इस बढ़ी हुई कीमत का लाभ जैविक खेती करने वाले किसानों तक नहीं पहुंच पाता।
इसलिए लागत के अनुरूप लाभ कमाने के लिए उपज की ऊंची कीमत किसानों को मिलनी चाहिए। इसके लिए किसानों का ग्रुप बनाकर ऑनलाइन मार्केटिंग करते हैं और अपने उत्पाद को बेचने के लिए किसानों के साथ मिलकर जैविक बाजार भी लगाते हैं। पुनीत चाहते हैं कि जैविक फार्मर खुद ही अपने उत्पाद की प्रोसेसिंग करें या नहीं तो उनका सीधा संपर्क प्रोसेसिंग यूनिट वालों से हो।
मार्केटिंग से जुड़ रहे किसान
जैविक खेती को लेकर ऐसी जागरूकता कि अब इस तरह की खेती और मार्केटिंग से बहुत पढ़े-लिखे लोग भी जुड़ रहे हैं। वो इसके महत्व को समझने लगे हैं। पुनीत कुमार अपने फार्म पर अनाज, दाल,तिलहन, फल, सब्जियां जैसी फसल पूरी तरह से जैविक खाद से उपजाते हैं। उन्होंने अपने फार्म पर लगभग तीस प्रकार के फलों की बागवानी की हुई है। जिससे साल भर उनके खेतों से फल मिलता रहे। उन्होंने अपने फार्म पर देसी गायों की डेयरी भी स्थापित की है।
सबसे पहले सेहत
पुनीत बताते हैं कि रासायनिक फर्टिलाइजर से उपजाए गए खाद्यान्न के प्रति लोग बेहद सतर्क हुए हैं। बढ़ती बीमारियों के कारण लोग अब प्राकृतिक या जैविक तौर पर उपजाई गई फ़सलों का रुख कर रहे हैं, जो आज के समय के लिए बहुत जरूरी है। उनके अनुसार अगर कोई बड़े स्तर पर जैविक खेती करने में असमर्थ हैं तो वह अपने हेल्थ के लिए छोटे स्तर पर ही अपने लिए जैविक खेती करें। हर लोग अपने परिवार की सेहत को ध्यान में रखते हुए खेतों में बढ़िया लगाइए और बढ़िया खाइए।
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