Business Ideas : कभी ना करें इस पेड़ की खेती, जमीन हो सकती है बंजर
Haryana News Post : Business Tips : अगर आप एक किसान हैं और अपने खेत में फसल उगाते हैं. लेकिन कई बार हम ये सोचते हैं कि फसल की साथ साथ क्यूं ना एक और बिजनस किया जाए और हम अपनी फसल के साथ किसी पेड़ को लगा देते हैं. कई पेड़ ऐसे होते हैं जो लगभग 5 साल में तैयार होते हैं और कुछ पेड़ ऐसे भी होते हैं जिन्हें ज्यादा खाद और पानी की आवश्यकता होती है और वो ज्यादा पोषक तत्व मांगते हैं.
इनमें से कुछ पेड़ ऐसे भी होते हैं जो अपने आप ही धीरे धीरे बढ़ने लगते हैं. इन सभी से किसानों को अच्छी लकड़ी मिलती है और मुनाफा भी होता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे भुलकर भी आपको अपने खेत में नहीं लगाना चाहिए. जी हां.. जिसे पेड़ की हम बात कर रहे हैं उसका नाम है, सफेदा जो आपकी जमीन को बंजर बना देता है आइए जानते हैं इसके नुकसान।
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सारी जमीन का पानी सोख लेता है :
वनस्पति वैज्ञानिकों का कहना है कि सफेदे का पेड़ आपकी जमीन से सारा पानी सोख लेता है. बता दें कि इस पेड़ को पूरी तरह तैयार होने में 5 साल का समय लगता है और पांच साल बाद ये 20 से 30 फीट तक का लंबा हो जाता है. इसके बाद इसको बेचने से आपको अच्छे पैसे मिल जाते हैं. इस पेड़ को हर रोज काफी मात्रा में पोषक तत्व और 12 लीटर पानी की आवश्यकता होती है. जो ना मिलने पर ये किसी दूसरी फसल से और पानी की भुजल से खींच लेता है. जिससे आपकी जमीन का भुजल कम हो जाता है.
सफेदे की खेती पर लगाया बैन :
पर्यावरण रिपोर्ट के अनुसार सरकार द्वारा कई इलाकों में इस पेड़ की खेती पर बैन लगा दिया गया है. जांच के अनुसार पता लगाया गया कि जिन इलाकों में इस पेड़ की खेती की जाती है वहां का भुजल औरों के मुकाबले कम होता जा रहा है और वहां की जमीन के पोषक तत्वों में भी कमी आ रही हेै. हालात को देखते हुए प्रशासन ने ऐसे इलाकों को डेंजर जोन घोषित करके वहां पर सफेदे के पेड़ लगाने पर बैन लगा दिया है.
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अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई ये खेती :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पेड़ की खेती को अंग्रेजों द्वारा दलदली इलाकों में पानी को कम करने के लिए इस पेड़ को लगाना शुरू किया गया था. और रिजल्ट ये हुआ के उन इलाकों में दलदली कम हो गई और पानी का स्तर भी कम हो गया. इस पेड़ की लंबाई बाकी पेड़ों की तुलना में बहुत ज्यादा होती है, जिसके चलते इसमें से बड़ी मात्रा में लकड़ी निकलती है, जिसे बेचने से किसानों को फायदा होता है.
इन इलाकों में कर सकते हैं इस पेड़ की खेती :
बता दें कि जमीन का भुजल स्तर काफी हद तक नीचे जा चुका है इसके चलते कई किसान अब इस पेड़ की खेती नहीं कर रहे हैं. लेकिन कुछ इलाके आज भी हैं जहां आप इस पेड़ की खेती कर सकते हैं. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पेड़ को लगाना केवल तभी फायदेमंद माना जा सकता है, जब आप उसे नहर, तालाब, नदी या दलदली जमीन के पास लगाने की सोच रहे हैं. बाकी जगहों पर इस पेड़ को लगाना अब केवल जमीन को बंजर करवाने जैसा होता है और कुछ नहीं.
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