आदमपुर ग्राउंड रिपोर्ट: गांवों की चौपालों पर चुनावी चकल्लस, हार जीत पर माथापच्ची

यहां देर रात तक चल रहा नेताओं को चायपानी कार्यक्रम तो कार्यकर्ता रात भर घूम रहे घर घर जातीय समिकरणों के साथ साथ किसानों की समस्याएं भी कर रही चुनाव को प्रभवित।

 

Haryana News Post : Aadmpur Chunav : राजस्थान की सीमा से सटे आदमपुर हल्के का मिजाज अब उप चुनाव को लेकर पूरी तरह से गरमाया हुआ है। गांवों की चौपालों से लेकर राह चलते लोगों के बीच अब एक चर्चा है कि पूर्व सीएम भजन लाल परिवार के युवा तुर्क भव्य परमपरागत सीट को  सलामत रख पाएंगे या हरियाणा के खुर्राट नेताओं में शुमार रहे जय प्रकाश जेपी इस बार करिश्मा कर जाएंगे।

आम आदमी पार्टी व इनेलो की भी चर्चा होती है मगर केवल वोट कितने रहेंगे इस बात की ही। मगर  इतना साफ है कि विकास, बेरोजगारी, समस्याओं के साथ साथ कास्ट फैक्टर से लेकर अपने पराए के बीच अब यह चुनाव पूरी तरह से रोचक होता जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जाट और बिश्नोई वोट पूरी तरह से निर्णायक बने हुए हैं। जिन गांवों में बिश्नोई की संख्या अधिक है वहां पर भाजपा का जोर है जहां जाट अधिक हैं वहां पर कांग्रेस।

ऐसे में अब कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशियों की नजरें इन दोनों जातियों से इतर गांवों पर  लगी हुई है। सभी नेता देर रात के गांवों में दौरा कर जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा देर रात तक गांवों में चाय पानी के कार्यक्रम आयोजित कर कांग्रेस को वाेट की अपील करते हैं तो कुलदीप बिश्नोई व रेणुका भी अपने अपने वर्करों के साथ देर तक मैदान में डटे रहते हैं।

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  चुनाव में जिन गैर जाट नेताओं की सबसे अधिक पूछ हो रही है वे है भाजपा के रणबीर सिंह गंगुवा व कांग्रेस रामनिवास घोड़ेला और करण सिंह रणोलिया की। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि हल्के में प्रजापत समुदाय के वोटों की बड़ी संख्या है। 

पेश है आदमपुर के चुनावी माहौल पर ग्राउंड रिपोर्ट...

जाखोद के बस स्टैंड पर बैठे लोग ताश के खेल में पूरी तरह से मशगूल हैं। चुनावी माहौल के बारे में बात करने पर पहले तो कहते हैं कि मुकाबलों जोर का है। लेकिन इसी बीच पास में खड़े कृष्ण कुमार कहते हैं कि पूरे हल्के में माहौल कड़ा है, कुछ भी हो सकता है। मगर हमारे गांव में कांग्रेस प्रत्याशी कुछ अधिक रह सकते हैं।

कारण पूछने पर बताते हैं कि शुरू से ही हमारे गांव में माहौल कांग्रेस के पक्ष में रहा है। इसके अलावा जातीय समीकरण भी कुछ जेपी के पक्ष में हैं। किसान आंदोलन में हमारे यहां पूरा माहौल गर्म रहा था। आज भी गांव में बहुत सारी समस्याएं हैं बार बार मांग कि गई मगर समाधान नहीं हुए। जाखोद से अगले गांव मुल्लापुर में जब खेत में काम कर रहे राजकुमार से बात की गई तो उसका कहना था कि चौधरी भजनलाल ने जो कार्य किए हैं उनका भुलाया नहीं जा सकता।

हमारे गांव में महौल लगभग बराबर का लग रहा है मगर फिर भी कुछ हद तक भाजपा ऊपर रह सकती है। महलसरा गांव में एक युवा कपील से चुनाव की बात शुरू करते ही मुखर हो जाते हैं- 'आखिर महंगाई, बेसहारा पशुओं से दिक्कत, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का चुनाव में असर होगा। इन सबके बीच यह भी देखेंगे कि हमारा भला कौनसा उम्मीदवार कर सकता है। वहीं खड़े दीपक बोलते हैं- 'दिक्कतें तो हैं, सत्ता में आने के बाद या विधायक बनने के बाद कोई कार्य नहीं करता, सभी को केवल कुर्सी चाहिए।

लाडवी गांव के रमेश कुमार कहते हैं कि भले ही इनेलो ने भी जाट उम्मीदवार कुरड़ाराम और आम आदमी पार्टी ने भी सतेंद्र को मैदान मेंउतारा है लेकिन वोट अधिक बंटने वाला नहीं है। मुकाबला इस बार बहुत कड़ा होगा। गांव भाना में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदय भान जनसभा को संबोधित करने पहुंचे हुए थे। वे लोगों बताते हैं कि कौन दलित विरोधी है और कौन हितेषी। वे कहते हैं कि भविष्य में कांग्रेस की सरकार आएगी लिहाजा वोट कांग्रेस को ही दें। 

 फ्रांसी गांव में सबसे अधिक वोट प्रजापत जाति के हैं। गांव के बस स्टैंंड पर मीठाई की दुकान करने वाले संदीप कहते हैं वे अपना वोट भाजपा को देंगे क्योकि चौधरी भजनलाल के मुख्यमंत्री रहते उनके परिवार के कईं लोग सरकारी नौकरी लगे थे। इसके अलावा विधानसभा के अध्यक्ष रणबीर सिंह गंगुवा भी गांव में आ चुके हैं। 

दुर्जनपुर व चिकनवास के लोग कहते हैं कि तमाम समस्याओं के चलते वे बहुत परेशान है। कहीं नहरी पानी नहीं आ रहा है तो कहीं पर सड़कों का बुरा है। इतना ही नहीं  इलाके में वर्षों से विकास नहीं हुआ है। खेतों में बरसात का पानी अभी तक जमा है। बार बार अधिकारियों से मांग की है मगर खेतों से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। अभी कांग्रेस के नेताओं व भाजपा के नेताओं को भी बताया है कि पानी कि निकासी नहीं होगी तो कैसे अगली फसल की बुवाई करेंगे। 

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पूर्व  सीएम ओपी चौटाला काे भी लोग सुनते हैं ध्यान से

पूर्व सीएम ओपी चौटाला भी गांवों में अपने रथ से जाते हैं। वे वर्तमान सरकार के साथ साथ कांग्रेस को भी घेरते हैं। लोगों से इनेलो के प्रत्याशी को वोट की अपील भी करते हैं। खास बात यह है ओपी चौटाला को सुनने के लिए लोग खूब आते हैं। मगर जब लोगों से वोट के बारे में पूछा जाता है तो एक ही कहते हैं कि जो उम्मीदवार मुकाबले में होगा वोट उसी को दिया जाएगा। लोग पूर्व सीएम की इस बात की जमकर तारीफ करते हैं कि इस उम्र भी चौटाला साहब चुनाव में पूरा समय दे रहे हैं।

जेपी दिखा रहे दम

कांग्रेस प्रत्याशी जय प्रकाश जेपी पूरे जोश से जनसभाओं को संबाेधित कर रहे हैं। वे जनसभाओं में लोगों को कहते हैं चुनाव के बाद भाजपा प्रत्याशी आपको मिलेंगे नहीं और मुझे यही रहना है। भाजपा वाले लंदन चले जाएंगे। इसलिए आप सोच लो कि आपको कौन चाहिए यहीं रहने वाले या लंदन जाकर बसने वाले।