Pollution News: केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार पंजाब की हवा हरियाणा की अपेक्षा बेहतर
Pollution News: केंद्र सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पंजाब के सिर पराली को जला कर प्रदूषण फैलाने के आरोप लगा रही है। पंजाब भवन में पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों कुलदीप सिंह धालीवाल और गुरमीत सिंह मीत हेयर ने पराली के मुद्दे पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गुजरात में घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटना से लोगों का ध्यान हटाने के लिए केंद्र सरकार पराली जलाने के मुद्दे को आगे ला रही है।
केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार पंजाब की हवा हरियाणा की अपेक्षा बेहतर है। उन्होंने कहा कि कि आज तक के डाटा अनुसार हरियाणा के कई शहर भारत के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची में पहले 10 शहरों में शामिल हैं, जिनमें हिसार, फरीदाबाद, सिरसा, रोहतक, सोनीपत और भिवानी आदि शामिल हैं, जबकि पंजाब का कोई भी शहर इस लिस्ट अनुसार पहले 10 में शामिल नहीं।
जिससे साफ पता चलता है कि पंजाब से हरियाणा में पराली को आग ज्यादा लगाई जा रही है। पराली के मुद्दे पर दिल्ली का लेफ्टिनेंट गवर्नर भी बीजेपी के इशारे पर राजनीति कर रहे है और बिना किसी अधिकार के पंजाब के मुख्यमंत्री को इस मामले पर चिट्ठियां लिख रहे है।
केंद्र पर राजनीति करने का लगाया आरोप
कुलदीप धालीवाल और मीत हेयर ने कहा कि पराली की संभाल उत्तर भारत के कई राज्यों का सांझा मुद्दा है, लेकिन केंद्र सरकार इस मामले में पंजाब का साथ देने की बजाय राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब और दिल्ली सरकार ने पराली की संभाल के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था।
लेकिन केंद्र सरकार ने यह प्रस्ताव को रद्द कर दिया। मंत्रियों ने कहा कि पंजाब ऐसा राज्य है जिसने अपना पवन, पानी और धरती ख़राब करके देश को आत्म निर्भर बनाया, लेकिन अब जब पंजाब की बाजू थामने की जरूरत थी तो केंद्र किनारा कर गया। उल्टा पंजाब पर प्रदूषण फैलाने के आरोप केंद्र की तरफ से लगाए जा रहे हैं।
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पराली जलाने की घटनाओं में आई है कमी
कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार के प्रयासों के चलते पहले से पराली जलाने को काफी रोक लगी पड़ी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बने को अभी कुछ महीने ही हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद भगवंत मान सरकार ने अब तक 42342 पराली संभालने के लिए सब्सिडी वाली मशीनें किसानों को जारी की है।
इसके अलावा ब्लॉक स्तर पर कृषि विभाग की तरफ से छोटे किसानों को पराली की संभाल के लिए मशीनें मुफ्त बरतने के लिए दीं गई हैं। इस साल 2 मिलियन टन पराली की बेलिंग हो चुकी है जबकि पिछले साल यह 1.2 मिलियन था।
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जल्द ही समस्या पर पा लिया जाएगा नियंत्रण
राज्य के वातावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से पराली की संभाल के लिए कोई मदद न करने के बावजूद केंद्र की तरफ से पराली की संभाल के लिए पंजाब को दिए लक्ष्य को अपने स्तर पर 100 प्रतिशत पूरा किया जा रहा है।
उन्होंने साथ ही कहा कि आने वाले एक-दो सालों में पराली की समस्या पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया जाएगा। मीत हेयर ने बताया कि सेटेलाइट सिस्टम में भी पराली के मामले दिखाने में कुछ ख़ामियां हैं जबकि असली हकीकत कुछ और है। पंजाब में इस साल पहले से पराली को आग लाने के मामलों में बहुत कमी आई है।
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गेंहू की बुआई में सिर्फ 10 दिनों का समय होता है
चाहे पंजाब में धान की फसल काटने और गेंहू की बुवाई में सिर्फ 10 ही दिनों का समय होता है, इसलिए पराली खेत में जलाने के लिए डी-कंपोजर घोल का सभी स्थानों पर इस्तेमाल करना कारगर नहीं है। लेकिन इसके बावजूद जहां संभव हो सका राज्य में लगभग 5 हजार एकड़ में डी-कंपोजर के घोल का छिड़काव किया जा रहा है।
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