U-23 World Wrestling Championships: फाइनल में ओलिम्पिक चैम्पियन से हारने के बावजूद बहुत कुछ सीखा : अंकुश पंघाल

फाइनल में ओलिम्पिक और वर्ल्ड चैम्पियन जापान की युई सुसाकी से अंकुश का मुक़ाबला हुआ जहां उन्हें हार के साथ ही सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। अंकुश ने कहा कि बेशक मैं उनसे हार गईं लेकिन इस अनुभव से मैंने बहुत कुछ सीखा। मैं जानती हूं कि आगे आने वाली प्रतियोगिताओं में भी मेरा वास्ता इसी खिलाड़ी से पड़ने वाला है।
 

U-23 World Wrestling Championships: कभी कैडेट वर्ग में अंकुश पंघाल ने एशियाई और विश्व स्तर पर पदक हासिल किए थे लेकिन उसके बाद से एक लम्बा समय हो गया था उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हुए। आखिरकार स्पेन के शहर पोंतेवेंद्रा में वह घड़ी आ ही गई

जब उन्होंने वर्ल्ड अंडर 23 चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर देश का परचम लहराया और और भारतीय दल के ज़्यादातर खिलाड़ियों को वीज़ा न दिए जाने की भरपाई अपने पदक के साथ की। अंकुश ने पहले दो मुक़ाबले यूक्रेन और जर्मनी के पहलवानों के खिलाफ जीते।

उनका कहना है कि इन दोनों मुक़ाबलों को जीतने में उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई और वह तकनीकी दक्षता से वह मुक़ाबले अपने पक्ष में करने में कामयाब रहीं। इसके बाद सेमीफाइनल में मेरे सामने मिस्र की खिलाड़ी थीं। जिनसे मैं कुछ समय पहले हार चुकी थीं लेकिन इस बार मैं उनके खिलाफ पूरे कॉन्फिडेंस से खेलीं और उन्हें 8-2 से शिकस्त देकर फाइनल में जगह बनाई।

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सिल्वर मेडल से करना पड़ा संतोष 

फाइनल में ओलिम्पिक और वर्ल्ड चैम्पियन जापान की युई सुसाकी से अंकुश का मुक़ाबला हुआ जहां उन्हें हार के साथ ही सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। अंकुश ने कहा कि बेशक मैं उनसे हार गईं लेकिन इस अनुभव से मैंने बहुत कुछ सीखा। मैं जानती हूं कि आगे आने वाली प्रतियोगिताओं में भी मेरा वास्ता इसी खिलाड़ी से पड़ने वाला है। मैं यकीन दिलाती हूं कि मैं अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करूंगी।  

अंकुश सुशील कुश्ती एकेडमी, हिसार में प्रैक्टिस करती हैं जो उनके घर से बीस किलोमीटर दूर हैं जिससे वह अखाड़े में ही रहती हैं। अंकुश कहती हैं कि पापा किसान हैं और वह रोज़ मेरी प्रैक्टिस देखने आते हैं और अपने साथ दूघ, घी और दही मेरे लिए लाते हैं। परिवार से मुझे बहुत अच्छा सहयोग मिल रहा है। इसके अलावा जसवीर ढका मेरे कोच हैं। 

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इस प्रदर्शन से बढ़ा है मेरा मनोबल: अंकुश 

अंकुश ने कहा कि इस प्रदर्शन से मेरा मनोबल बढ़ा है और जीत की भूख और भी प्रबल हुई है। मैं ढका सर और नैशनल टीम के कोचों के साथ अपनी कमज़ोरियों पर काम करुंगी। मुझे अभी अपनी स्ट्रैंथ पर काम करना है। यह सब करके ही मैं ओलिम्पिक चैम्पियन का भी डटकर सामना कर सकूंगी।

मेरी दिली इच्छा है कि अगले एशियाई खेलों में मैं देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लाऊं। अंकुश ने कहा कि अपने साथी खिलाड़ियों को वीज़ा न मिलने से वह ज़रूर आहत हुईं और उन्हें विश्वास है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। उनका कहना है कि अगर पूरी टीम को वीज़ा मिला होता तो टीम चैम्पियनशिप हमारी होती क्योंकि टीम की बाकी खिलाड़ियों की तैयारी काफी अच्छी थी।

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