Bank Privatization : बैंकों के निजीकरण को लेकर आया बड़ा अपडेट, जानें कौन से बैंक हैं शामिल!

पूरे देश में बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार बहुत आगे बढ़ रही है। सरकार के फसले के अनुसार दो बड़े बैंकों का निजीकरण होने जा रहा है। आइए खबर में जानते हैं पूरी जानकारी।
 

Haryana News Post : Bank News : आपको बताने चले हैं कि सरकार देख के दो बड़े बैंकों को प्राइवेट करने जा रही है। बैंकों के निजीकरण पर जल्दी से आगे बढ़ रही है। और कुछ कंपनियां भी ऐसी है जिन्हें प्राइवेट किया जा रहा है। और कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सिर्फ सस को छोड़कर सभी बैंकों को प्राइवेट कर देना चाहिए। 


सभी बैंक होने जा रहे प्राइवेट!

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नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अरविंद पनगढिया(Professor Arvind Panagariya)  और एनसीएईआर की डायरेक्टर जनरल और प्रधानमंत्री को आर्थिक विषयों पर सलाह देने वाली परिषद की सदस्य पूनम गुप्ता (Poonam Gupta) ने सरकार को यह बड़ी सलाह देते हुए कहा है कि सिर्फ सस को छोड़कर सभी बैंकों का निजीकरण कर देना चाहिए।

इंडिया पॉलिसी फोरम में पेश पनगढिया और गुप्ता ने एक पॉलिसी पेपर में कहा है, 'सरकारी बैंकों का निजीकरण सब के हित में है. अधिकतर बैंकों के प्राइवेट सेक्टर में जाने से भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) पर भी दबाव बढ़ेगा कि वह पूरी प्रक्रिया, नियमों और कानूनों को सुव्यवस्थित करे, ताकि इसका अच्छा नतीजा निकल सके.'


SBI को नहीं किया जाएगा प्राइवेट :

ncaer.org की रिपोर्ट के मुताबिक इस पॉलिसी पेपर में बताया गया है कि SBI  सहित सभी बैंकों को प्राइवेट कर देना चाहिए. लेकिन आर्थिक और राजनितीक ढांचे में भारत की सराकी कभी भी ये नहीं चाहेगी के उनके पास कोई सरकारी बैंक ना हो। तो अभी के लिए SBI को छोड़कर बाकी बचे सभी बैंकों का निजीकरण कर दिया जाए। इस बात पर दोनों ही अर्थशास्त्रि सहमत हैं। 

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जानें सरकार की योजना?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण(Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2022 में आईडीबीआई बैंक के साथ दो सरकारी बैंकों का निजीकरण की घोषणा की थी. इसमें सेंट्रल बैंक  आॅफ इंडिया(Central Bank of India), इंडियन ओवरसीज बैंक(Indian Overseas Bank) को लिस्ट में शामिल किया था।

जिनका निजीकरण सबसे पहले होना था। इसक अलावा इसमें नीति आयोग ने प्राइवेटाइजेशन के लिए दो ढरव बैंक को शॉर्टलिस्ट भी कर लिया है. विरोध के बावजूद सरकार निजीकरण को लेकर अपना पक्ष पहले ही साफ कर चुकी है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा भी था कि चालू वित्त वर्ष में एक बीमा कंपनी को बेचा जाएगा.