IPL 2024: आज से शुरू हो रहा है टी-20 वर्ल्ड कप का ऑडिशन, दस टीमें...66 दिन...74 मैच

नई दिल्ली, IPL News 2024: इस बार आईपीएल में कौन जीतेगा...कौन प्लेऑफ में पहुंचेगा...कौन सी टीम निचले पायदानों पर रहेंगी, ये सवाल क्रिकेट फैंस से लेकर फ्रेंचाइज़ी ओनर तक सबके लिए अहम हैं लेकिन टीम इंडिया के लिहाज से आईपीएल टी-20 वर्ल्ड कप के लिए एक फाइनल ऑडिशन साबित हो सकता है। यह खिलाड़ियों को लय में आने में भी मददगार साबित हो सकता है, वहीं जहां खासकर विकेटकीपरों से लेकर गेंदबाज़ी में कुछ रिक्त स्थानों को भरने का सुनहरा मौका रहेगा।
दिल्ली कैपिटल्स की टीम अपने दो होम मैच विशाखापट्टनम में खेलेगी जबकि राजस्थान रॉयल्स गुवाहाटी में और पंजाब किंग्स धर्मशाली में अपने होम मैच खेलेगी। हालांकि इस बार मोहम्मद शमी, बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर, जेसन राय, मार्क वुड और हैरी ब्रुक जैसे स्टार उपलब्ध नहीं होंगे लेकिन इस सबके बावजूद एमएस धोनी का आकर्षण आज भी हर किसी के सिर चढ़कर बोल रहा है।
खासकर आईपीएल शुरू होने से एक दिन पहले रुतुराज गायकवाड़ को कप्तानी सौंपना उनका मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है। इसी तरह रोहित की मौजूदगी में हार्दिक पांड्या को मुम्बई इंडियंस की कप्तानी सौंपना, ऋषभ पंत की वापसी, शुभमन गिल का गुजरात टाइटंस और वर्ल्ड कप विनिंग टीम के कप्तान पैट कमिंस का सनराइजर्स हैदराबाद के लिए पहली बार कप्तानी करना, विराट और नवीन उल हक का फिर आमना सामना होना आदि घटनाओं पर जहां सबकी नज़रें रहेंगी।
वहीं मुम्बई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स, मुम्बई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स, आरसीबी और केकेआर, मुम्बई और केकेआर, चेन्नई और आरसीबी के बीच चिर प्रतिद्वंद्विता भी इस आईपीएल का मुख्य आकर्षण रहेंगी।
नए कप्तान रुतुराज गायकवाड़ के लिए जहां सीएसके की कप्तानी एक लर्निंग एक्सपीरियंस हो सकता है, वहीं पिछली बार की इस चैम्पियन टीम अब रचिन रवींद्र, डेरेल मिचेल, शार्दुल ठाकुर और मुस्ताफिज़ुर रहमान के आने से और मज़बूत हुई है। डेवन कॉन्वे और मथीशा पथिराना का इंजरी की वजह से शुरुआती मैचों में उपलब्ध न होना ज़रूर टीम की थोड़ी परेशानी है लेकिन इसके बावजूद टीम अपने छठे खिताब के लिए काफी मज़बूत है।
मुम्बई इंडियंस की कप्तानी रोहित के बजाय हार्दिक पांड्या करेंगे। इस टीम के पास एक जमा जमाया टॉप आर्डर है। पिछली बार न बुमराह थे और न ही जोफ्रा आर्चर थे। मगर इस बार बुमराह भी हैं और उनके साथ उनके नए पार्टनर गेराड कोएत्जी भी होंगे। वैसे टीम पिछले आयोजनों में धीमी शुरुआत के लिए जानी जाती है और इस बार भी सूर्यकुमार यादव के साथ तेज़ गेंदबाज़ दिलशान मदुशंका और नुवान तुषारा के शुरुआती मैचों में उपलब्ध नहीं होंगे।
गुजरात टाइटंस को जहां हार्दिक पांड्या और मोहम्मद शमी की कमी महंगी साबित हो सकती है तो वहीं नए कप्तान शुभमन गिल 2011 की वर्ल्ड कप विनिंग टीम इंडिया के कोच गैरी कर्स्टन के साथ टीम की रणनीति बनाते हुए दिखाई देंगे। लेफ्टआर्म चाइनामैन नूर अहमद, घरेलू क्रिकेट में चमके साई किशोर और अभिनव मनोहर के आने से टीम में अब विकल्प बढ़ गए हैं।
गिल के लिए पांड्या की भरपाई करना उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी। वहीं दिल्ली कैपिटल्स की टीम ऋषभ पंत, मिचेल मार्श, कुलदीप यादव और एनरिक नोर्खिया पर निर्भर रहेगी। ओपनिंग में वॉर्नर को जहां अपने स्ट्राइक रेट पर काम करने की ज़रूरत है तो वहीं पृथ्वी शॉ को अपने प्रदर्शन में निरंतरता लानी होगी।
मध्य क्रम टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती है लेकिन ऋषभ पंत के प्रेरणादायी व्यक्तित्व और कप्तानी टीम में नई स्फूर्ति पैदा कर सकती है। लखनऊ सुपर जाएंट्स की टीम ब्रिसबेन गाबा के हीरो शामर जोसफ और इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ डेविड विली के आने से मज़बूत हुई है। गेंदबाज़ी इस टीम का कमज़ोर पक्ष था लेकिन बल्लेबाज़ी में गहराई इस टीम की बड़ी ताक़त है।
मगर पिछली बार एलिमिनेटर में बल्लेबाज़ी का ढहना इस टीम के लिए बड़ा सबक होगा। सनराइजर्स हैदराबाद के पास एक से बढ़कर एक विदेशी धाकड़ खिलाड़ी है। इसके बावजूद देसी खिलाड़ियों में मैच विनर और पॉवरहिटरों की कमी से यह टीम हॉट फेवरेट नहीं रह गई है। पंजाब किंग्स के साथ भी यही स्थिति है।
इसमें कई देसी और विदेशी पॉवरहिटर हैं लेकिन पिछले साल कई मौकों पर इन दिग्गजों के आउट होने से टीम के लिए पूरे 20 ओवर खेलना भी मुश्किल हो गया था। राजस्थान रॉयल्स की उम्मीदें यशस्वी जायसवाल, संजू सैमसन और ध्रुव जुरेल पर टिकी हैं। इसके अलावा टीम में हैटमायर जैसा फिनिशर और नांद्रे बरगर जैसा बाएं हाथ का तेज़ गेंदबाज़ है, जिनके आने से बोल्ट के साथ उनकी जोड़ी असरदार साबित हो सकती है। टीम के साथ दिक्कत यही है कि शुरू के पांच बल्लेबाज़ों के आउट होने के बाद टीम में उतनी गहराई नहीं है।
आरसीबी को कैमरुन ग्रीन के आने से नई स्फूर्ति मिली है। जब से आरसीबी की महिला टीम ने वूमैन प्रीमियर लीग का खिताब जीता है, तब से पुरुष टीम से खिताबी सूखे को खत्म करने की उम्मीदें की जाने लगी हैं लेकिन दिक्कत यह है कि विराट, फाफ डू प्लेसी और मैक्सवेल के रूप में धाकड़ बल्लेबाज़ी होते हुए भी गेंदबाज़ी इस टीम का कमज़ोर पक्ष है। खासकर स्पिन गेंदबाज़ी और डेथ ओवरों की गेंदबाज़ी में इस टीम को इस बार भी जूझना पड़ सकता है।
सच तो यह है कि टीम संतुलित दिखाई नहीं देती। केकेआर को आंद्रे रसेल और सुनील नरेन की पुरानी पॉवर का इंतज़ार है जबकि गौतम गम्भीर के जुड़ने और रिंकू सिंह के पॉवरहिटर के तौर पर उभरने से टीम की उम्मीदें जगी हैं। रहमतुल्ला गुरबाज़ के शुरुआती ओवरों के धूमधड़ाके और मिचेल स्टार्क की रफ्तार इस टीम का सबसे बड़ा आकर्षण है।
कुछ समय पहले राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया के सभी क्रिकेटरों को आईपीएल में स्मार्ट क्रिकेट खेलने की सलाह दी थी। इसका मतलब ही यही है कि खिलाड़ी अपनी फिटनेस को प्राथमिकता दें। ज़रूरत पड़ने पर कुछ मैचों से आराम किया जाना इसका बेहतर विकल्प हो सकता है। फिटनेस इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि आईपीएल खत्म होने के हफ्ते बाद ही टीम को टी-20 वर्ल्ड कप के लिए रवाना होना है।
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