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T20 World Cup 2024 : विराट और रोहित शर्मा के सबसे छोड़े फॉर्मेट में चुने जाने का एक बड़ा सच यह भी

T20 World Cup 2024 : This is also a big truth about Virat kohli and Rohit Sharma being selected in the most popular formats. विराट और रोहित शर्मा के सबसे छोड़े फॉर्मेट में चुने जाने का एक बड़ा सच यह भी
T20 World Cup 2024 news : क्या इस बार टीम इंडिया के चयन का फैसला सेलेक्शन कमिटी का था? क्या बीसीसीआई की इसमें कोई भूमिका थी? क्या इसके पीछे कोई अन्य कारण भी थे, जिन्होंने खासकर रोहित शर्मा और विराट कोहली के चयन में बड़ी भूमिका निभाई।

 Haryana News Post (नई दिल्ली) T20 World Cup 2024 news updates : दरअसल बीसीसीआई इस बार टी-20 वर्ल्ड कप के लिए हार्दिक पांड्या को कप्तानी सौंपने का मन बना चुका था। हार्दिक पांड्या ने नवम्बर 2022 से पिछले साल अगस्त के वेस्टइंडीज़ दौरे तक लगातार 11 टी-20 मैचों में कप्तानी की।

यहां तक कि न्यूज़ीलैंड दौरा और इसी टीम के भारत आने पर हार्दिक ही इस फॉर्मेट की टीम के कप्तान थे। इसके अलावा श्रीलंका और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ सीरीज़ में भी उन्हें ही कप्तानी की बागडोर सौंपी गई।

यहां तक कि रोहित और विराट इनमें से किसी भी मैच में उपलब्ध नहीं थे और न ही ये दोनों पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल के बाद से ही कोई टी-20 मैच ही खेले थे।

इन दोनों खिलाड़ियों को चुने जाने के चार बड़े कारण थे। एक, दोनों का भारतीय क्रिकेट में कद इतना बड़ा है कि दोनों ने सही मौके पर टी-20 वर्ल्ड कप और अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज़ में अपने खेलने की घोषणा की, जिससे सेलेक्टर्स पर दबाव आना स्वाभाविक था।

दो, हार्दिक पांड्या फिटनेस की वजह से इस सीरीज़ के लिए उपलब्ध नहीं थे। ये दो कारण समझ में आते हैं लेकिन तीसरा और चौथा कारण बीसीसीआई की बेबसी को दर्शाता है।

तीसरा कारण ब्रॉडकास्टर और स्पॉन्सरों का दबाव था और चौथा कारण आईसीसी ने इन दोनों खिलाड़ियों को चुने जाने के लिए बीसीसीआई पर आग्रहपूर्वक दबाव बनाया। इन तीनों ही पक्षों का मानना था कि रोहित और विराट के खेलने से टी-20 वर्ल्ड कप में ग्लैमर बना रहेगा।

इन दोनों में से एक के हटने से टूर्नामेंट की मार्केटिंग प्रभावित होगी। आईसीसी का यह भी कहना था कि वह क्रिकेट के विस्तार की दूरगामी योजनाओं से पीछे नहीं हट सकते। इस बार क्योंकि यह आयोजन अमेरिका की सह मेजबानी में हो रहा है।

ऐसी स्थिति में वह अमेरिका से मिलने वाले स्पॉन्सरों और बड़े राजस्व की सम्भावनाओं को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई ने जो गाइडलाइंस सेलेक्टर्स को दी थी, उसी से सेलेक्शन कमिटी को यू-टर्न लेना पड़ा। सेलेक्टर्स का मानना था कि विराट रनों का अम्बार लगाने में माहिर हैं लेकिन टी-20 क्रिकेट के सबसे अहम पक्ष स्ट्राइक रेट में वह आज के कई युवाओं से पिछड़ते दिखाई दे रहे हैं।

यशस्वी जायसवाल से लेकर रुतुराज गायकवाड़ ने अपने हाल के प्रदर्शन से इसे साबित भी किया है। बोर्ड और सेलेक्टर्स के लिए पहले टी-20 वर्ल्ड कप का उदाहरण सामने है।

जहां महेंद्र सिंह धोनी की अगवाई में टीम इंडिया ने युवा ब्रिगेड के साथ यह वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। यह वह दौर था, जब सचिन, द्रविड़, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के बिना भारतीय क्रिकेट की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।

अब यदि रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया अफगानिस्तान का क्लीन स्वीप कर देती है या फिर रोहित और विराट इस सीरीज़ में खूब रन बनाते हैं तो फिर बीसीसीआई किस आधार पर रोहित को कप्तानी से हटाने की बात कहेगा।

ज़ाहिर है कि उसके लिए उसे हार्दिक को ही मनाना पड़ेगा। वास्तव में यह स्थिति विचित्र है जहां बीसीसीआई के चाहने न चाहने से कोई फर्क नहीं पड़ा, बल्कि अन्य कारण उसकी सोच पर हावी हुए।

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