1. Home
  2. Dharam

Chaiti Chhath Usha Arghya Samay: चैती छठ 2025 उषा अर्घ्य का समय और महत्व, जानें सूर्योदय कब होगा

Chaiti Chhath Usha Arghya Samay: चैती छठ 2025 उषा अर्घ्य का समय और महत्व, जानें सूर्योदय कब होगा
Chaiti chhath 2025 usha arghya time: चैती छठ 2025 का उषा अर्घ्य 5 अप्रैल को, सूर्योदय 5:45-6:10 बजे। सूर्यदेव को अर्घ्य से सुख-शांति, मनोकामना पूरी होती है। 2 अप्रैल से शुरू यह व्रत छठी मैया की भक्ति का पर्व है। समय चेक करें, परंपरा निभाएं।
Chaiti Chhath 2025 Sunrise Time Usha Arghya Samay: चैती छठ का पवित्र पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है, और अब इसका आखिरी दिन नजदीक है। चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व सूर्यदेव और छठी मैया की भक्ति का अनूठा संगम है। 5 अप्रैल को उषा अर्घ्य के साथ यह व्रत पूरा होगा, जब भक्त उगते सूरज को अर्घ्य देकर सुख-शांति की कामना करेंगे। यह दिन खास है, क्योंकि इसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आइए, उषा अर्घ्य का समय, तिथियां और इस पर्व का महत्व जानते हैं, ताकि आप इसे पूरी श्रद्धा से मना सकें।

चैती छठ की तिथियां और उषा अर्घ्य का सही समय

चैती छठ 2025 की शुरुआत 2 अप्रैल को नहाय-खाय से हुई थी। इसके बाद 3 अप्रैल को खरना, 4 अप्रैल को संध्या अर्घ्य और अब 5 अप्रैल को उषा अर्घ्य के साथ यह पर्व खत्म होगा। उषा अर्घ्य 5 अप्रैल को सूर्योदय के समय होगा, जो सुबह 5:45 से 6:10 बजे के बीच होने की संभावना है। यह समय आपके स्थान के हिसाब से थोड़ा बदल सकता है, इसलिए लोकल सूर्योदय का वक्त जरूर चेक कर लें। इस दिन भक्त नदी या तालाब में खड़े होकर उगते सूरज को अर्घ्य देते हैं, जो इस पर्व का सबसे खूबसूरत पल होता है।

Chaiti Chhath Maiya Aarti: चैती छठ 2025 छठी मैया की आरती से सजेगा पर्व, जानें महत्व और लिरिक्स

Chaiti Chhath Usha Arghya Samay: उषा अर्घ्य का खास महत्व

चैती छठ सूर्यदेव को समर्पित है, जिन्हें ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि का देवता माना जाता है। उषा अर्घ्य का दिन इसलिए खास है, क्योंकि यह सूर्य की पहली किरणों के साथ नई शुरुआत का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन अर्घ्य देने से जीवन में सकारात्मकता आती है और छठी मैया हर मनोकामना पूरी करती हैं। भक्त पूरे सात्विक भाव से व्रत रखते हैं और परिवार की खुशहाली की प्रार्थना करते हैं। यह पर्व न सिर्फ भक्ति का, बल्कि आत्मशुद्धि का भी मौका देता है।

चैती छठ की परंपरा और मान्यताएं

इस व्रत की शुरुआत खरना से होती है, और हर दिन की अपनी खासियत है। उषा अर्घ्य के साथ व्रत का समापन होता है, जो इस पर्व का सबसे भावुक क्षण होता है। कहते हैं कि जिनकी कोई मन्नत पूरी होती है, वे चैती छठ का व्रत शुरू करते हैं। कुछ लोग इसे एक, तीन या पांच साल तक करते हैं, तो कुछ मनोकामना पूरी होने तक इसे निभाते हैं। यह पर्व न सिर्फ आस्था का, बल्कि परिवार को जोड़ने का भी उत्सव है। छठी मैया और सूर्यदेव की कृपा से हर घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

इस पर्व को बनाएं खास

अगर आप भी चैती छठ मना रहे हैं, तो उषा अर्घ्य के लिए तैयार रहें। सूर्योदय का सही समय पता करें और परिवार के साथ इस पवित्र अनुष्ठान में शामिल हों। यह पर्व हमें प्रकृति और भक्ति का अनमोल सबक देता है। 5 अप्रैल को सुबह जल्दी उठें, नदी किनारे जाएं और सूर्यदेव को अर्घ्य देकर अपने जीवन को नई रोशनी से भर दें। यह एक ऐसा मौका है, जो आपकी आस्था को और गहरा करेगा।

Aaj Ka Panchang 4 April 2025: आज का पंचांग चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आपHaryanaNewsPostकेGoogle Newsपेज औरTwitterपेज से जुड़ें और फॉलो करें।
whtsapp-img
News Hub