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Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि 2025 पर कलश स्थापना के लिए तैयार हो रहा है 50 मिनट का शुभ मुहूर्त, जानें सही समय और पूजा विधि

Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि 2025 पर कलश स्थापना के लिए तैयार हो रहा है 50 मिनट का शुभ मुहूर्त, जानें सही समय और पूजा विधि
Chaitra Navratri Kalash installation auspicious time: चैत्र नवरात्रि 2025 में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6:13 से 10:22 तक और अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:50 तक रहेगा। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी। नवरात्रि पूजा से मां दुर्गा प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
Chaitra Navratri 2025 Kalash sthapana ka shubh muhurt time: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है। ये नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की भक्ति और श्रद्धा के साथ पूजा के लिए समर्पित होते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि पर पूजा करने से माता रानी अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं और उनकी हर इच्छा को पूरा करती हैं। जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने और घर में सुख-शांति लाने के लिए लोग मां दुर्गा की आराधना करते हैं। इस साल 2025 में चैत्र नवरात्रि कब शुरू होगी, कलश स्थापना (Ghatasthapana) का शुभ मुहूर्त क्या है, और पहले दिन मां शैलपुत्री (Ma Shailputri) की पूजा कैसे करें, आइए जानते हैं।

चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025 Shubh Muhurt)

पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत होती है। साल 2025 में यह तिथि 29 मार्च को दोपहर 4 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के आधार पर व्रत और पूजा का समय तय होता है। इसलिए इस बार चैत्र नवरात्रि का पहला व्रत और कलश स्थापना 30 मार्च, रविवार को होगी। इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है।

30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट तक कलश स्थापना का शुभ समय रहेगा। हालांकि, सबसे उत्तम अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस 50 मिनट के शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

ऐसे करें मां दुर्गा की पूजा

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन पूजा शुरू करने से पहले पूजाघर को अच्छे से साफ करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और मिट्टी के बर्तन में जौ बो दें। कलश में गंगाजल भरें, उसमें दूर्वा, सिक्का और सुपारी डालें। फिर इसे जौ के बर्तन के ऊपर रखें और मां दुर्गा का ध्यान करते हुए चौकी पर स्थापित करें। नौ दिनों तक यह कलश मां के सामने सजा रहेगा।

मां की पूजा के लिए पूजा सामग्री (Puja Samagri) जैसे लाल कपड़ा, दीया, फूल, फल, गुड़, हल्दी, सिंदूर, मिठाई, अक्षत, नारियल, अगरबत्ती और पंचामृत को अर्पित करें। इसके बाद आरती करें, मंत्रों का जाप करें और भोग लगाकर पूजा पूरी करें। यह विधि आपकी भक्ति को और गहरा बनाएगी।

(नोट: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। हमारी टीम इसकी पुष्टि नहीं करती।)

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