Aaj Ka Panchang 23 March 2025: 23 मार्च 2025 का पंचांग चैत्र मास की नवमी तिथि आज, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल की पूरी जानकारी

Aaj Ka Panchang 23 March 2025 shubh muhurat today: रविवार का दिन हिंदू धर्म और ज्योतिष में खास महत्व रखता है। यह दिन सूर्य देव को समर्पित है, जिन्हें जीवन का आधार और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। सूर्य को 'विश्व का पालनहार' कहा जाता है, क्योंकि वे धरती को प्रकाश और शक्ति प्रदान करते हैं। यही वजह है कि रविवार को सूर्य पूजा का विशेष दिन माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य का प्रभाव इंसान की जिंदगी पर गहरा असर डालता है। अगर सूर्य की स्थिति शुभ हो तो सम्मान, सफलता और खुशहाली मिलती है, लेकिन अशुभ प्रभाव से जीवन में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस दिन सूर्य देव की पूजा और व्रत से सकारात्मक बदलाव आते हैं। यह पूजा मानसिक शांति देती है और आत्मविश्वास बढ़ाती है। खास तौर पर जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, उनके लिए यह दिन बहुत फायदेमंद होता है। शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल की जानकारी के लिए पंचांग देखें।
Aaj Ka Panchang 23 March 2025: आज का पंचांग 23 मार्च 2025
- संवत: पिङ्गला विक्रम संवत 2081
- माह: चैत्र, कृष्ण पक्ष
- तिथि: नवमी (चैत्र मास कृष्ण पक्ष)
- पर्व: नवमी व्रत
- दिन: रविवार
- सूर्योदय: सुबह 06:26 बजे, सूर्यास्त: शाम 06:32 बजे
- नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा
- चंद्र राशि: धनु (स्वामी: बृहस्पति)
- सूर्य राशि: मीन (स्वामी: गुरु)
- करण: तैतिल (शाम 05:39 तक), फिर गरज
- योग: वरियान (शाम 06:00 तक), फिर परिघ
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:03 से 12:53 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:24 से 03:26 तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:23 से 07:23 तक
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:05 से 05:09 तक
- अमृत काल: सुबह 06:03 से 07:46 तक
- निशीथ काल: रात 11:42 से 12:26 तक
- संध्या पूजन: शाम 06:28 से 07:02 तक
दिशा शूल और राहुकाल
- दिशा शूल: पश्चिम दिशा (इस दिशा में यात्रा से बचें। जरूरी हो तो एक दिन पहले निकलें और पक्षियों को दाना दें।)
- राहुकाल: शाम 04:30 से 06:00 बजे तक (इस समय शुभ कार्य न करें।)
आज क्या करें?
आज चैत्र मास की कृष्ण पक्ष नवमी है और रविवार को नवमी व्रत है। श्रद्धा के साथ सूर्य देव की उपासना करें। गुड़ का दान करें और भगवान विष्णु की पूजा से यह और फलदायी होगी। सूर्य और मंगल के बीज मंत्र जपें। आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें। सात अनाज का दान करें। सूर्य को जल, लाल फूल और गुड़ चढ़ाएं। सुबह उदय होते सूर्य को अर्घ्य दें। दान-पुण्य करें और किसी शिव मंदिर में बेल का पौधा लगाएं।
क्या न करें?
अपने पिता की बात को नजरअंदाज न करें।
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