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Chaitra Navratri Vrat Paran 2025: चैत्र नवरात्रि 2025 व्रत का पारण कब और कैसे करें? जानें सही तिथि और विधि

Chaitra Navratri Vrat Paran 2025: चैत्र नवरात्रि 2025 व्रत का पारण कब और कैसे करें? जानें सही तिथि और विधि
Chaitra navratri ka paran kab hai: चैत्र नवरात्रि 2025 का व्रत पारण 6 अप्रैल को महानवमी पर। नवमी तिथि 5 अप्रैल रात 7:26 से 6 अप्रैल 7:22 तक। मां सिद्धिदात्री पूजा, कन्या पूजन, हवन के बाद प्रसाद से व्रत खोलें। भक्ति से सिद्धियां, सुख-शांति पाएं।
Chaitra Navratri Vrat Paran ka samay 2025: चैत्र नवरात्रि का पवित्र पर्व मां दुर्गा की भक्ति में डूबा हुआ है। नौ दिनों तक व्रत और पूजा के बाद भक्त आखिरी दिन पारण करते हैं। इस साल महानवमी 6 अप्रैल को है, लेकिन व्रत खोलने का सही समय क्या है? आइए, इसे आसान और रोचक अंदाज में समझते हैं, ताकि आपकी भक्ति पूरी श्रद्धा के साथ फल दे।

Chaitra Navratri Vrat Paran 2025: महानवमी की खासियत

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से शुरू होकर 6 अप्रैल को महानवमी के साथ खत्म होगी। यह दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए खास है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियां देती हैं—यहां तक कि भगवान शिव ने भी उनकी आराधना से शक्ति पाई थी। नौ दिनों तक व्रत रखने वाले भक्त इस दिन कन्या पूजन और हवन के बाद व्रत खोलते हैं। यह पर्व सिर्फ भक्ति का नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि का भी प्रतीक है।

व्रत पारण की सही तिथि और समय

इस बार नवमी तिथि 5 अप्रैल को रात 7:26 बजे शुरू होगी और 6 अप्रैल को रात 7:22 बजे खत्म होगी। व्रत का पारण नवमी तिथि के समाप्त होने के बाद करना शुभ माना जाता है। यानी 6 अप्रैल को दिनभर पूजा और कन्या पूजन के बाद शाम को आप व्रत खोल सकते हैं। समय को लेकर अपने स्थानीय पंचांग से भी पुष्टि कर लें, ताकि कोई चूक न हो। यह पल भक्तों के लिए बेहद खास होता है, जब नौ दिन की तपस्या पूरी होती है।

पारण से पहले की तैयारी

व्रत खोलने से पहले कुछ जरूरी रस्में निभानी होती हैं। सबसे पहले कन्या पूजन करें—कम से कम 9 कन्याओं को घर बुलाएं। उन्हें हलवा, पूड़ी, खीर और चने का प्रसाद खिलाएं। इसके बाद दक्षिणा और छोटे उपहार देकर उनका आशीर्वाद लें। कन्या पूजन के साथ हवन भी करें, क्योंकि यह व्रत का पुण्य पूरा करने के लिए जरूरी है। ये रस्में न सिर्फ परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि आपके परिवार में सुख-शांति भी लाती हैं।

व्रत कैसे खोलें?

6 अप्रैल को सुबह मां दुर्गा की विधिवत पूजा करें। उन्हें भोग लगाएं—फल, मिठाई या जो भी आपने तैयार किया हो। फिर कन्या पूजन और हवन के बाद शाम को महाप्रसाद के साथ व्रत खोलें। कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लेना न भूलें। यह तरीका नवरात्रि के व्रत को सम्मान के साथ पूरा करता है। प्रसाद लेते वक्त मन में मां का ध्यान रखें, ताकि उनकी कृपा बनी रहे। (नोट: यह जानकारी लोक मान्यताओं पर आधारित है।)

इस पर्व को बनाएं यादगार

चैत्र नवरात्रि का पारण सिर्फ व्रत तोड़ना नहीं, बल्कि मां के प्रति श्रद्धा का उत्सव है। 6 अप्रैल को परिवार के साथ मिलकर पूजा करें, कन्याओं को सम्मान दें और मां सिद्धिदात्री का आशीर्वाद लें। यह दिन आपकी भक्ति को सार्थक करेगा। तो तैयार रहें, इस खास मौके को पूरी खुशी और श्रद्धा के साथ मनाएं। 

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