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Gudi Padwa 2025: गुड़ी पड़वा 2025 कब है? 29 या 30 मार्च को जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा की आसान विधि

Gudi Padwa 2025: गुड़ी पड़वा 2025 कब है? 29 या 30 मार्च को जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा की आसान विधि
Gudi Padwa 2025 Shubh Muhurat: गुड़ी पड़वा 2025, मराठी नववर्ष का प्रतीक, 30 मार्च को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 29 मार्च शाम 4:27 बजे शुरू होकर 30 मार्च दोपहर 12:49 बजे खत्म होगी। इस दिन गुड़ी सजाएं, सूर्य पूजा करें और श्रीखंड, पूरन पोली जैसे पारंपरिक भोजन का आनंद लें।
Gudi Padwa 2025 Date Shubh Muhurat And Puja Vidhi in Hindi: महाराष्ट्र और दक्षिण भारत का खास त्योहार गुड़ी पड़वा हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व मराठी नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है, जो खुशियों और उत्साह का मौका लेकर आता है। इस दिन लोग अपने घरों को चमकाते हैं, रंगोली से सजाते हैं, और फूलों की मालाओं से आंगन को खूबसूरत बनाते हैं। नए कपड़े पहनकर, स्वादिष्ट पारंपरिक व्यंजन तैयार कर परिवार के साथ जश्न मनाया जाता है। लेकिन इस बार गुड़ी पड़वा की तारीख को लेकर लोगों के मन में सवाल हैं - आखिर यह 29 मार्च को है या 30 मार्च को? चलिए, हम आपको बताते हैं इस त्योहार की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा की पूरी विधि।

Gudi Padwa 2025: गुड़ी पड़वा 2025 की सही तारीख क्या है?

हिंदू पंचांग के हिसाब से चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 4:27 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे खत्म होगी। हिंदू मान्यताओं में उदया तिथि को महत्व दिया जाता है, इसलिए इस बार गुड़ी पड़वा का त्योहार 30 मार्च को मनाया जाएगा। यह दिन मराठी नववर्ष के स्वागत के लिए बेहद खास होगा।

गुड़ी पड़वा की पूजा कैसे करें?

इस पर्व की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर स्नान से करें। इसके बाद नए कपड़े पहनें और घर को साफ-सुथरा करें। रंग-बिरंगी रंगोली बनाएं और फूलों से सजावट करें। घर के मुख्य दरवाजे या छत पर गुड़ी (झंडा) लगाएं। इस दिन लोग श्रीखंड, पूरन पोली और साबुदाना वड़ा जैसे लजीज व्यंजन बनाते हैं। सुबह सूर्य देव की पूजा करें और उन्हें जल अर्पित करें। यह पूजा समृद्धि और सुख की कामना के लिए की जाती है।

गुड़ी कैसे तैयार करें?

गुड़ी बनाने के लिए एक बांस की छड़ी लें और इसके ऊपरी सिरे पर उल्टा तांबे, चांदी या पीतल का कलश रखें। इसे रंगीन साड़ी से सजाएं। फिर आम और नीम की पत्तियों के साथ फूलों की माला से इसे और आकर्षक बनाएं। गुड़ी को घर की सबसे ऊंची जगह पर लगाएं, ताकि यह दूर-दूर तक दिखाई दे और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करे। गुड़ी पड़वा का यह त्योहार न सिर्फ परंपराओं को जीवंत करता है, बल्कि परिवार और समुदाय को एकजुट करने का भी मौका देता है। तो तैयार हो जाइए मराठी नववर्ष का स्वागत करने के लिए। 

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