Dasha Mata Ke Geet: दशा माता के भक्ति गीत मीनावाड़ा की माँ की जयकार के साथ गूंजे भक्ति भरे स्वर

Dasha Mata Ke Geet: दशा माता के भक्ति भरे गीत
"हो रही तेरी आरती, मीनावाड़ा की दशा माँ"
मीनावाड़ा की दशा माँ की आरती हो रही है,
जगत की माता, कल्याण करने वाली, भक्त तेरे द्वार आए हैं।
नर-नारी मिलकर तेरी आरती उतारते हैं,
ढोल-नगाड़ों के साथ शहनाई की गूंज फैल रही है।
रुमझुम की धुन में माँ की ज्योत जल रही है,
लाल चुनरी ओढ़े, मुकुट पहने, माँ ऊंट पर सजी बैठी हैं।
सारा संसार उनके दर्शन को तरस रहा है,
व्रत और उपवास से भक्त माँ की कृपा पाते हैं,
माँ दुखों को हरकर बिगड़े हालात संवार देती हैं।
Dasha Mata Ke Gane Bhajan
"आज म्हारे आँगन में दशा माँ आई हैं"
आज हमारे आँगन में दशा माँ पधारी हैं,
मीनावाड़ा वाली माँ ने भाग्य संवारा है।
जो भक्त माँ को पूजते हैं, उनकी दशा बदल जाती है,
घर में सुख-समृद्धि की बरसात हो जाती है।
राजा नल की कहानी इसका जीता-जागता सबूत है,
माँ ने उनकी गलती सुधारी और राह दिखाई।
दशा माता का व्रत दस दिनों का पवित्र अनुष्ठान है,
जो पतिव्रता नारियों की शक्ति का प्रतीक है।
दुखों को मिटाकर सुख देने वाली नागेश की मैया,
भक्तों की हर पुकार सुनती हैं।
ये गीत न सिर्फ भक्ति का रंग बिखेरते हैं, बल्कि दशा माता की महिमा को भी बयां करते हैं। यह व्रत और पूजा हर उस इंसान के लिए वरदान है, जो जीवन में सुख-शांति और समृद्धि चाहता है।
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