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Holi Bhai Dooj 2025 कब है ये खास पर्व, 15 या 16 मार्च? जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा का तरीका

Holi Bhai Dooj 2025 कब है ये खास पर्व, 15 या 16 मार्च? जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा का तरीका
Holi Bhai Dooj 2025 puja vidhi in Hindi: होली भाई दूज 2025 (Holi Bhai Dooj 2025) 16 मार्च को मनाया जाएगा। द्वितीया तिथि 15 मार्च दोपहर 02:33 से शुरू होकर 16 मार्च शाम 04:58 तक रहेगी। बहनें भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत रखेंगी और शुभ मुहूर्त में तिलक करेंगी। जानें पूजा विधि और महत्व।
Holi Bhai Dooj 2025 date time puja vidhi in Hindi: होली भाई दूज 2025 (Holi Bhai Dooj 2025) हिंदू संस्कृति में भाई-बहन के प्यार और विश्वास का अनमोल त्योहार है। ये पर्व भाई दूज द्वितीया के नाम से भी लोकप्रिय है और हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की सलामती और लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं और उनके माथे पर तिलक लगाकर प्रार्थना करती हैं। आइए, इस खूबसूरत पर्व के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि इसे कैसे सेलिब्रेट किया जाता है।

होली भाई दूज 2025 की तारीख (Bhai Dooj 2025 Date)

इस साल होली भाई दूज का त्योहार 16 मार्च 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि 15 मार्च 2025 को दोपहर 02:33 बजे से शुरू होगी और 16 मार्च 2025 को शाम 04:58 बजे तक रहेगी। इसीलिए मुख्य उत्सव 16 मार्च को होगा।

होली भाई दूज 2025 का शुभ मुहूर्त (Holi Bhai Dooj 2025 Shubh Muhurat)

इस पर्व को और खास बनाने के लिए शुभ मुहूर्त में पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण है। नीचे दिए गए समय पर तिलक और पूजा करने से सकारात्मक फल मिलते हैं:

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:51 से दोपहर 12:39 तक
द्विपुष्कर योग: सुबह 11:45 से शाम 04:58 तक
अमृत सिद्धि योग: सुबह 06:15 से 11:45 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:15 से 11:45 तक

होली भाई दूज कैसे मनाएं? (Holi Bhai Dooj Kaise Manaye)

होली भाई दूज का दिन भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करने का मौका देता है। बहनें सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और अपने भाई की लंबी आयु के लिए व्रत शुरू करती हैं। अगर निर्जला व्रत मुश्किल लगे, तो फल और हल्का भोजन लेकर भी इसे पूरा किया जा सकता है। इसके बाद बहनें पूजा की थाली सजाती हैं, जिसमें रोली, चावल, मिठाई और फूल शामिल होते हैं। फिर भाई को तिलक लगाकर उनकी खुशहाली की प्रार्थना की जाती है। अंत में दोनों साथ बैठकर स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं।

भाई दूज का महत्व (Bhai Dooj Mahatva)

मान्यता है कि इस दिन बहन के हाथों तिलक लगवाने और उसके घर भोजन करने से भाई के जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। ऐसा करने से भाई को साहस मिलता है और उसे किसी भी तरह का भय नहीं सताता। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है और भाई-बहन के पवित्र बंधन को मजबूत करती है।


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