Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी 2025 कब है बसौड़ा पर्व और क्यों खाया जाता है बासी खाना?

Sheetala Ashtami 2025 की तारीख और महत्व
इस साल शीतला अष्टमी 22 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता शीतला चेचक, खसरा जैसे रोगों से रक्षा करती हैं। इसीलिए लोग इन बीमारियों से बचाव और अच्छे स्वास्थ्य के लिए उनकी आराधना करते हैं। कुछ लोग इस पर्व को शीतला सप्तमी के दिन यानी 21 मार्च 2025 को भी मनाते हैं। दोनों ही दिन माता की कृपा पाने के लिए खास माने जाते हैं। इस व्रत को स्थानीय भाषा में बासौड़ा, बूढ़ा बसौड़ा या बसियौरा भी कहा जाता है।
शीतला अष्टमी 2025 का पूजा मुहूर्त
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 मार्च 2025 को सुबह 4 बजकर 23 मिनट से शुरू होगी और 23 मार्च 2025 को सुबह 5 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 21 मिनट से शाम 6 बजकर 32 मिनट तक रहेगा, यानी कुल 12 घंटे 11 मिनट की अवधि। वहीं, शीतला सप्तमी 21 मार्च 2025 को होगी, जिसका पूजा समय भी सुबह 6:21 से शाम 6:32 तक रहेगा।
Basoda kab hai: बासी भोजन की परंपरा का रहस्य
शीतला अष्टमी या बासौड़ा पर्व पर एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता और लोग एक दिन पहले तैयार किया हुआ बासी खाना खाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि माता शीतला शीतलता की प्रतीक हैं। मान्यता है कि गर्म भोजन या अग्नि का प्रयोग इस दिन माता को अप्रिय लगता है। इसलिए व्रत करने वाले ठंडा और बासी भोजन ही ग्रहण करते हैं। यह परंपरा न सिर्फ धार्मिक है, बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी मानी जाती है।
शीतला अष्टमी का यह पर्व हमें अपने स्वास्थ्य और परिवार की खुशहाली के लिए प्रेरित करता है। अगर आप भी इस व्रत को रखने की योजना बना रहे हैं, तो सही तारीख और मुहूर्त के साथ तैयारी शुरू कर दें।
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