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Haryana News: 5 साल में हरियाणा में साढ़े चार लाख सूक्ष्म व लघु उद्योग खुले

Haryana News: 5 साल में हरियाणा में साढ़े चार लाख सूक्ष्म व लघु उद्योग खुले
हरियाणा में साल 2019 तक एमएमएमई के जरिए  22,15,823 को रोजगार मिला तो फिर पांच साल में  1 जनवरी 2024 तक  43,57,163 को रोजगार मिला. 

चंडीगढ़। Haryana News: कोई भी व्यक्ति जो भारत में सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्यम स्थापित करने  का इच्छुक है वह एमएसएमई मंत्रालय, सरकार के उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर उद्यम पंजीकरण ऑनलाइन दाखिल कर सकता है।  बता दें कि हरियाणा में पिछले पांच साल की अवधि में एमएसएमई की संख्या में करीब साढ़ चार लाख का इजाफा हुआ है तो वहीं इनके द्वारा सृजित रोजगार में भी उछाल आया है।

भारत की पंजीकरण स्व-घोषणा पर आधारित है जिसमें दस्तावेज़, कागजात, प्रमाण पत्र या प्रमाण अपलोड करने की कोई आवश्यकता नहीं है। पंजीकरण पर, एक उद्यम (उद्यम पंजीकरण पोर्टल में "उद्यम" के रूप में संदर्भित) को एक स्थायी पहचान संख्या सौंपी जाएगी जिसे "उद्यम पंजीकरण संख्या" के रूप में जाना जाएगा।

पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने पर एक ई-प्रमाणपत्र, अर्थात् "उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्र" जारी किया जाएगा।  पानीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल और अंबाला जिलों में अलग अलग कैटेगरी में लुघ उद्योग स्थापित किए गए हैं। पानीपत में टेक्सटाइल इंडस्ट्री के अलावा बुनाई और कपड़ा उद्योग है तो वहीं गुरुग्राम व फरीदाबाद जिलोें में मैन्युफैक्चरिंग निर्माण और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री है जिसके चलते इनका नाम देश-विदेश में प्रसिद्ध है। सोनीपत में भी सूती वस्त्र,  साइकिल और सीमेंट उद्योग हैं। इसी तरह से करनाल में कंबल और जूता निर्माण आधारित उद्योग हैं। 

साल 2019 के 282457 एमएसएमई की तुलना में आंकड़ा 2024 में 739850 हुआ 

सरकार नई  नीतियों के माध्यम से, राज्य सरकार राज्य में 8.5 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य रख रही है। 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2023 के बीच हरियाणा राज्य में पंजीकृत एमएसएमई की संख्या 4,48,393 है, जिसने 22,15,823 व्यक्तियों के लिए रोजगार उत्पन्न किया। 1 जनवरी 2019 तक में हरियाणा में  हरियाणा में पंजीकृत एमएसएमई की संख्या  2,82,457 रही तो  इसके जरिए   21,41,340 रोजगार सृजित किए गए।

इसके बाद एमएसएमई की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है और 1 जनवरी 2024 तक  हरियाणा में एमएसएमई की पंजीकृत संख्या  7,30,850 रही और इसके द्वारा 43,57,163 रोजगार सृजित किए गए। गौरतलब है कि  एमएसएमई क्षेत्र को लंबित भुगतानों के मामलों हल हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कदम अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (एमएसएमई) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसएमई) के लंबित भुगतानों के मामले निपटाने हेतु राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों में स्थापित किया गया है। एमएसएमई मंत्रालय ने दिनांक 30 दिसंबर 2017 को माल एवं सेवा के क्रेताओं (उपयोगकर्ताओं) से सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बकाया राशि की शिकायत करने और उनकी निगरानी करने हेतु 'समाधान पोर्टल' की शुरुआत की है।

एमएसएमई के पंजीकरण के लिए एकमात्र मंच

उद्यम पंजीकरण वित्तीय संस्थानों द्वारा मान्यता प्राप्त है, और यह मान्यता छोटे व्यवसायों के लिए बैंक ऋण और ऋण की सुविधा प्रदान करती है। Msmeregistrar.org जैसे पोर्टल के माध्यम से, जो कि एकल-खिड़की प्रणाली है जो आपके घर के पंजीकरण की सुरक्षा से त्वरित और परेशानी मुक्त Udyam पंजीकरण ऑनलाइन प्रदान करती है, कभी आसान नहीं रही।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा एमएसएमई के अंतर्गत विभिन्न योजनाओ को शुरू किया है। इन सभी योजनाओ में भारत सरकार के सहयोग से सहायता प्रदान की जाती है। एमएसएमई योजना में विभिन्न प्रकार के उद्यमियों को सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्योगों में वर्गीकृत किया जाता है।

योजनाओ को भी इन्ही के आधार पर शुरू किया जाता है। एक सूक्ष्म उद्यम, जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश एक करोड़ रुपए से अधिक नहीं है और कारोबार पांच करोड़ रुपए से अधिक नहीं है। एक मध्यम उद्यम, जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और कारोबार दो सौ पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।

लंबित भुगतानों संबंधी मामलों के निपटान को लेकर एमएसईएफसी अब स्थापित किए गए

एमएसएमई मंत्रालय ने राज्य संघ राज्य क्षेत्रों से लंबित भुगतानों संबंधी मामलों के शीघ्रातिशीघ्र निपटाने हेतु अधिक से अधिक एमएसईएफसी स्थापित करने का अनुरोध किया है। सभी तक दिल्ली, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, यूपी और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में एक से अधिक एमएसईएफसी स्थापित करने सहित 157 एमएसईएफसी स्थापित किए जा चुके हैं।

एमएसएमई मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत की घोषणा के पश्चात एमएसएमई की केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा बकाया और मासिक भुगतान की सूचना देने हेतु दिनांक 14.06.2020 को समाधान पोर्टल के अंदर विशेष उप-पोर्टल सृजित किया।

भारत सरकार ने 500 करोड रुपए अथवा इससे अधिक टर्नओवर वाली सीपीएसई और सभी कंपनियों को व्यापार प्राप्य छूट प्रणाली (ट्रेड्स), जोकि बहुसंख्य वित्तपोषण के माध्यम से एमएसएमई को व्यापार प्राप्तियों में छूट सुविधा प्रदान करने का एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म है, पर स्वयं को शामिल रहने के भी निर्देश दिए हैं।

सूक्ष्म और लघु उद्यमों से माल व सेवा की आपूर्ति प्राप्त करने वाली कंपनियां जिन्हें सूक्ष्म और लघु उद्यमों को माल एवं सेवा के भुगतान की स्वीकृति की तिथि या मानद स्वीकृति की तिथि से 45 दिन से अधिक हो गए हैं, को भुगतान की बकाया राशि और विलम्ब के करों का हवाला देते हुए कापरिट मामलों के मंत्रालय को अर्थ वार्षिक विवरणी जमा कराने की भी आवश्यकता होगी। आयकर अधिनियम की धारा 43 बी के तहत भुगतानों पर किए गए व्यय के लिए कटौती की अनुमति केवल तभी दी जाती है जब एमएसएमई को भुगतान वास्तव में किया गया हो।

एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया

 केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एम/ओ एमएसएमई) ने देश में एमएसएमई की परिभाषा और मानदंडों में ऊपरी संशोधन के कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की है। नई परिभाषा और मानदंड 1 जुलाई, 2020 से लागू होंगे।2006 में एमएसएमई विकास अधिनियम अस्तित्व में आने के 14 साल बाद, 13 मई, 2020 को आत्मनिर्भर भारत पैकेज में एमएसएमई परिभाषा में संशोधन की घोषणा की गई।

इस घोषणा के अनुसार, सूक्ष्म विनिर्माण और सेवा इकाइयों की परिभाषा को बढ़ाकर रु. 1 करोड़ का निवेश और रु. 5 करोड़ का टर्नओवर. छोटी इकाई की सीमा बढ़ाकर रु. 10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर। इसी तरह मीडियम यूनिट की सीमा बढ़ाकर 20 रुपये कर दी गई. 20 करोड़ का निवेश और रु. 100 करोड़ का टर्नओवर. भारत सरकार ने 01.06.2020 को एमएसएमई परिभाषा में और संशोधन करने का निर्णय लिया। मध्यम उद्यमों के लिए अब यह रु. 50 करोड़ का निवेश और रु. 250 करोड़ का टर्नओवर है। 

साल                         एमएसएमई की संख्या                       सृजित किए रोजगार 

1 जनवरी 2019                282457                                 2141340
1 जनवरी 2024                  730850                               4357163 

1.7.2020 से 11.12.2023 तक  हरियाणा व पड़ोसी राज्य में महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई की  संख्या

1. दिल्ली          139519

2.पंजाब          235420

3. हिमाचल प्रदेश        25248

4.चंडीगढ़                 7504

5.राजस्थान                 398079

6.उत्तर प्रदेश                360009

7.हरियाणा                    202718

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