हरियाणा में गठबंधन सरकारों ने कभी पूरा नहीं किया कार्यकाल, ये रही खास वजह

चंडीगढ़। हरियाणा में गठबंधन की सरकारें तो कई बार सत्ता में आई हैं, लेकिन गठबंधन सरकारों ने कभी अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी व जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन के समय जो अटकलें चल रही थी। हरियाणा में अगर गठबंधन सरकारों के कार्यकाल को देखें तो कोई भी सरकार लंबी नहीं चली है।
हरियाणा में गठबंधन की राजनीति
हरियाणा गठन के बाद प्रदेश में पहले मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा बने। उनके बाद राव बीरेंद्र सिंह ने 1967 में हरियाणा विशाल पार्टी का गठन करके सत्ता हासिल की। कुछ समय बाद उनके दो विधायकों गया राम और हीरानंद आर्य ने मोर्चा खोल दिया। सबसे पहले वर्ष 1977 में देवीलाल के नेतृत्व में महागठबंधन बना।
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इसमें कई राजनीतिक दलों और वरिष्ठ नेताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस गठबंधन ने सत्ता भी हासिल कर ली। कुछ समय बाद भजनलाल ने विधायकों को अपने साथ ले लिया और देवीलाल की सरकार गिरा दी। वर्ष 1980 में भजनलाल कांग्रेस में शामिल हो गए और सरकार बना ली।
1987 में देवीलाल ने बीजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई। इसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम के बीच ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बन गए। बीजेपी ने गठबंधन तोड़ लिया और सरकार अल्पमत में चली गई। 1996 में बंसीलाल ने कांग्रेस से अलग होकर हरियाणा विकास पार्टी बनाई और बीजेपी के साथ गठबंधन करके सत्ता में आ गए।
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1999 में बीजेपी ने समर्थन वापस लिया तो बंसीलाल की सरकार चली गई। इस बीच कुछ समय के लिए इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बीजेपी का गठबंधन हुआ तो चौटाला भी सत्ता की सीढ़ी चढ़ गए। यह गठबंधन भी लंबा नहीं चला। हरियाणा में इनेलो सरकार अल्पमत में आ गई और उसने केंद्र में बीजेपी से समर्थन वापस ले लिया। इस बीच हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इनेलो ने बीएसपी के साथ गठबंधन किया। यह गठबंधन भी लंबा नहीं चल सका।
वैचारिक मतभेद
कुछ समय के लिए हरियाणा में गठबंधन की राजनीति शांत रही, लेकिन 2008 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी और इनेलो ने गठबंधन तो किया लेकिन यह भी ज्यादा लंबा नहीं चल सका। 2009 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान हरियाणा जनहित कांग्रेस और बीजेपी का गठबंधन हुआ। इस गठबंधन में भी वैचारिक मतभेद पैदा हो गए।
2014 में हुए चुनाव के दौरान भी हरियाणा जनहित कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन हुआ। यह गठबंधन भी लंबा नहीं चला। अब हाल में बीएसपी और इनेलो ने फिर गठबंधन किया। इस बार यह गठबंधन चुनाव से पहले ही समाप्त हो गया है। 2019 में भारतीय जनता पार्टी व जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन हुआ लेकिन यह गठबंधन भी पांच साल का कार्यकाल पूरा किए बगैर ही टूट गया।
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