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Mahavir Guddu : कौन हैं हरियाणवीं लोक गायक महावीर गुड्डू जिनको मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार

Mahavir Guddu : कौन हैं हरियाणवीं लोक गायक महावीर गुड्डू जिनको मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार
Jind News : हरियाणवीं लोक गायक महावीर गुड्डू को मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार। पिछले साल महावीर गुड्डू को भारत सरकार ने संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया था। उनको यह सम्मान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रदान किया था। 

चंडीगढ़। Mahavir Guddu will receive padmashree award :महावीर गुड्डू ने अपनी कला के क्षेत्र की शुरूआत के बारे में बताया कि वह उपमंडल सफीदों के गांव गांगोली में एक सामान्य परिवार में जन्मे और शिक्षा-दीक्षा के बाद वह शिक्षा विभाग में प्राध्यापक बने। 1972 से उन्होंने हरियाणवीं कला के क्षेत्र में अपना पहला कदम रखा था।

कौन हैं महावीर गुड्डू?

देश-विदेश में हरियाणा की लोक संस्कृति को पहचान दिलाने वाले कलाकारों की सूची में महाबीर गुड्डू का नाम पहली पंक्ति में आता है। महाबीर गुड्डू को इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने शिव गायन और बम लहरी को पहली बार कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मंच पर स्थान दी। साथ ही उन्हें धोती-कुर्ता में सोलो डांस का भी जनक माना जाता है। महावीर गुड्डू जींद जिले के गांगोली गांव के रहने वाले हैं। वे पिछले कई साल से कला के क्षेत्र में सक्रिय हैं. हरियाणवी संस्कृति को आगे बढ़ाने में उनका बहुत योगदान है। 

हरियाणवी संस्कृति का झंडा बुलंद किया

1998 में महावीर गुड्डू ने अमेरिका के न्यूयॉर्क व न्यूजर्सी में हरियाणवी संस्कृति का झंडा बुलंद किया। लंदन में उन्हें हरियाणा गौरव सम्मान प्रदान किया गया। हरियाणा सरकार ने महावीर गुड्डू को 2010 में पंडित लख्मीचंद राज्य पुरस्कार और 2014 में हरियाणा कला रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था। 

हालांकि उनका परिवार कला व संस्कृति के क्षेत्र में नहीं रहा है, लेकिन उनके अंदर हरियाणवीं संस्कृति के बीच उस वक्त अंकुरित हुए जब उनके गांव में एक संत महात्मा आते थे और पूरे गांव में घूम-घूमकर बम लहरी गाया करते थे। वह उन साधु के पीछे-पीछे जाते थे और उनसे ही गाना सीखा।

फिर उन्होंने शिव गायन सीखकर धोती-कुर्ता पहना और चिमटा बीन, बांसुरी और शंख को धारण किया। धोती-कुर्ता, चिमटा, बीन, बांसुरी और शंख आज उनकी पहचान है। महावीर गुड्डू पंडित लखमी चंद राज्य पुरस्कार, हरियाणा कला रत्न अवॉर्ड, पंडित लखमी चंद शिक्षा और संस्कृति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं।

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उनके लिए पद्मश्री पुरस्कार भगवान के प्रसाद व गंगा स्नान के समान है। इसके लिए प्रदेश की मनोहर लाल सरकार व चयन समिति के हार्दिक आभारी है। उन्होंने कहा कि हरियाणवीं संगीत में वह नए प्रयोग जरूर करें। संस्कृति की जड़ों को न छोड़कर अपने हुनर का परिचय दें। अगर हुनर में दम होगा तो सफलता उनके कदम जरूर चूमेगी।

हरियाणा की शान हैं महावीर गुड्डू

महावीर गुड्डू ने विदेशों में भी हरियाणवी संस्कृति, कला का जलवा बिखेरा है। अमेरिका के न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में उनके कार्यक्रम हुए हैं। ब्रिटेन के लंदन में भी उन्होंने अपनी कला की प्रस्तुती दी ही। हरियाणा सरकार भी उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित कर चुकी है।

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उन्हें हरियाणा सरकार ने साल 2010 में पंडित लख्मीचंद राज्य पुरस्कार और साल 2014 में हरियाणा कला रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। साल 2019 में उन्हें पंडित लख्मीचंद शिक्षा एवं संस्कृति पुरस्कार मिला. पिछले साल ही उन्हें भारत सरकार के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया। 

जींद जिले के गांव गांगोली निवासी महाबीर गुड्डू ने बताया कि उन्होंने नाहर सिंह की वीर गाथा के अलावा पंडित लख्मीचंद, चौ. देवीलाल, चौ. रणबीर सिंह, चौ. छोटूराम की जीवन गाथा भी गाई है। 

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