Haryana News : हरियाणा में नियम तक पर रखने वाले 243 मेडिकल स्टोर्स और यूनिट्स के लाइसेंस रद्द
चंडीगढ़। Haryana cancels licences of 243 medical stores : हरियाणा में मेडिकल स्टोर्स पर तमाम तरह की अनियमितताएं निरंतर रिपोर्ट हो रही हैं और इस तरह के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। विभागीय जानकारी अनुसार मेडिकल स्टोर्स को सामान्यतः बिक्री दवा लाइसेंस को आरपी का अनुपस्थित होना, अनुसूची एच रजिस्टर का न होना या रखरखाव नहीं पाया जाना, दवाओं का अनुचित भंडारित होना, समाप्त हो चुकी दवाओं को ‘नॉट फॉर सेल’ के साथ ठीक से लेबल नहीं किया जाना, प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आर.पी. के हस्ताक्षर के स्थान पर मुद्रित पाए जाना इत्यादि उल्लंघनों के अंतर्गत निलंबित किया जाता है।
हरियाणा में 7 महीने में 243 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस रद्द किए
एफडीए द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार नियम तोड़ने पाए गए 243 मेडिकल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके लाइसेंस कैंसिल किए गए हैं। प्रदेश के 22 जिलों को 10 जोन में बांटा गया है और मेडिकल स्टोर्स के सबसे ज्यादा लाइसेंस अंबाला व करनाल में ही कैंसिल किए गए हैं।
इन दोनों जोन में संयुक्त रुप से 98 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस, प्रत्येक 49 कैंसिल किए गए हैं। इस लिहाज से करीब 40 फीसद लाइसेंस तो फरीदाबाद व करनाल जोन में कैंसिल किए गए हैं। इसके बाद सोनीपत और हिसार जोन में 76 केस, प्रत्येक में 38 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस कैंसिल किए गए हैं। इसके अलावा सिरसा जोन में 30, अंबाला में 17, गुरुग्राम में 8, रेवाड़ी में 7, कुरुक्षेत्र में 4 और रोहतक में 3 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस कैंसिल किए गए हैं।
स्टेट ड्रग कंट्रोलर द्वारा 514 इंस्पेक्शन किए गए
हरियाणा में अलग अलग जोन में स्टेट ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर्स (एसडीसीओ) द्वारा अलग अलग जिलों मे कुल 514 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का इंस्पेक्शन किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा इंस्पेक्शन फरीदाबाद जिले में 102 यूनिट्स में किया गया है। इसके बाद सोनीपत जोन में 75, गुरुग्राम में 73 और 69 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का इंस्पेक्शन किया गया है।
इसके बाद रोहतक में 66, अंबाला में 64, हिसार में 27, कुरुक्षेत्र में 21, रेवाड़ी में 14 और सिरसा में 3 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का इंस्पेक्शन किया गया है। वहीं बता दें कि स्टाफ की कमी भी के चलते भी इंस्पेक्शन के काम में दिक्कत आती है और जरूरत के हिसाब से इंस्पेक्शन नहीं होने पर डिफाल्टर मेडिकल संचालकों के हौसले बढ़ जाते हैं।
7 महीने में 3737 रिटेल व होलसेल के लाइसेंस दिए
प्राप्त जानकारी में सामने आया है कि एफडीए द्वारा अप्रैल से अक्टूबर 2023 तक 7 महीने की अवधि में 3737 रिटेल व होलसेल कैटेगरी में मेडिकल स्टोर्स संचालकों व मेडिसिन यूनिट्स को लाइसेंस दिए। सबसे ज्यादा 632 लाइसेंस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले गुरुग्राम जिला यूनिट में दिए गए हैं।
वहीं इसके बाद साथ लगते फरीदाबाद में 467 और हिसार में 456 मेडिकल लाइसेंस दिए गए हैं। इस लिहाज से गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार यूनिट में कुल में से करीब 40 फीसद मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस दिए गए हैं। इनके अलावा सोनीपत में 409 लाइसेंस दिए गए हैं। वहीं करनाल में 342, रेवाड़ी में 314, कुरुक्षेत्र में 312, अंबाला में 299, और रोहतक व सिरसा में 506, प्रत्येक 253 लाइसेंस दिए गए हैं।
7 महीने में 8180 इंस्पेक्शन, 25 जगहों से से 1402 सैंपल लिए
प्राप्त जानकारी में सामने आया कि ड्रग विभाग की तरफ से अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 तक निरंतर इंस्पेक्शन किए गए। आंकड़ों में सामने आय़ा कि 7 महीने की अवधि में फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेश विभाग द्वारा 8180 बार इंस्पेक्शन किया गया। सबसे ज्यादा इंस्पेक्शन प्रदेश के फरीदाबाद जिले में किए गए।
फरीदाबाद-1 में 797 और फरीदाबाद-2 में 418 इंस्पेक्शन किए गए। इस तरह से अकेले फरीदाबाद जिले में सबसे ज्यादा 1215 इंस्पेक्शन कनेक्ट किए गए। ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार प्रदेश में भर 22 जिलों से सैंपल लिए गए। इनमें सबसे ज्यादा अंबाला-1 और अंबाला-2 से संयुक्त रूप से 142, फरीदाबाद-1 और फरीदाबाद-2 दोनों से 140,, फतेहाबाद से 87 और पंचकूला से 85 सैंपल लिए गए।
इसके अलावा पानीपत व रेवाड़ी से 84-84, पलवल से 72, कैथल से 66 और भिवानी से 60 सैंपल 7 महीने की अवधि में लिए गए। प्राप्त जानकारी में ये भी सामने आया कि एफडीए द्वारा सब स्टैंडर्ड क्वालिटी के सैंपल पाए जाने की स्थिति में कार्रवाई की गई। बता दें कि 4 सैंपल सब स्टैंडर्ड क्वालिटी के पाए गए और 15 मामले कोर्ट में लंबित है।
वहीं 3 मामलों में आरोपियों को कोर्ट ने दोषी पाया गया और सजा हुई। इसके अलावा 7 मामलों में कोर्ट ने उनको बरी कर दिया। वहीं कुल मामलों में से 395 मामले ऐसे हैं जो कोर्ट में लंबित हैं। लंबित मामलों में से सबसे ज्यादा केस गुरुग्राम में हैं और वहां 34 मामले लंबित हैं। फतेहाबाद में 32, सिरसा में 26, झज्जर में 25, रोहतक में 22, अंबाला-1 और अंबाला-2 में कुल 39 और फरीदाबाद-1 और फरीदाबाद-2 में कुल 33 मामले लंबित हैं। बाकी मामले अन्य जिलों में लंबित हैं।
नियम तोड़ने वालों के खिलाफ 37 एफआईआर
नियम तोड़ने वाले मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ 37 एफआईआर की गई हैं। सबसे ज्यादा 10 एफआईआर अकेले रोहतक जिले में की गई हैं। इसके बाद झज्जर में 6 एफआईआर की गई हैं। इसके अलावा पंचकूला में 4, करनाल में 4, यमुनानगर में 3, पानीपत में 3 और भिवानी में 2 एफआईआर की गई हैं। इनके अलावा अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, मेवात और सोनीपत में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई है।
राज्य में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा और इस प्रकार की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। स्टोर संचालकों को तमाम रुल्स व रेगुलेशंस की अनुपालना जरुरी है और इसको लेकर विभाग द्वारा तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के अलावा एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है ताकि भविष्य में नियमों की अवहेलना न कर सकें। लगातार इंस्पेक्शन के जरिए ये सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित दवा, ड्रग्स और तय से ज्यादा दाम पर मेडिसिन नहीं बिके।
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