Haryana News: भाजपा लगातार दूसरी बार सोनीपत लोकसभा सीट जीतने की कोशिश में तो कांग्रेस सीट पर 10 साल का सूखा खत्म करने की जुगत में
चंडीगढ़, Haryana News: जाट लैंड के नाम से जानी जाने वाले सोनीपत सीट भी हरियाणा की हॉट लोकसभा सीटों में से एक है। इस सीट पर मुख्य रूप से टक्कर सत्ताधारी भाजपा व जजपा के ही बीच मानी जा रही है। हालांकि अबकी राजनीतिक आबोहवा में बदलाव महसूस किया जा रहा है।
ये भी बता दें कि सोनीपत लोकसभा सीट रोहतक लोकसभा सीट से अलग होने के बाद अस्तित्व में आई थी। इस सीट से पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे दिग्गज नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा है। पिछली दफा हु्ड्डा यहां से चुनाव नहीं जीत पाए थे। भाजपा इस सीट से जहां हैट्रिक में लगाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है तो कांग्रेस भी सूटेबल कैंडिडेट की तलाश में है ।
सीट पर भाजपा व कांग्रेस ने बराबर जीत दर्ज की, सीट पर कुल 12 बार लोकसभा चुनाव हुए
साल 1977 में अस्तित्व में आई सोनीपत सीट पर सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कुल 8, प्रत्येक ने चार बार जीत दर्ज की है। भाजपा ने साल 1999, 2004, 2014, 2019 में और कांग्रेस ने साल 2009, 1991, 1984 और 1983 में सोनीपत सीट पर जीत का परचम लहराया।
जाटलैंड के रुप में पुख्ता पहचान रखने वाली सोनीपत सीट पर ज्यादातर जाट नेताओं ने ही जीत दर्ज की है। इस सीट पर कुल 12 लोकसभा चुनाव हुए हैं। भाजपा और कांग्रेस की कुल 8 जीत के अलावा भारतीय लोकदल, जनता पार्टी, हरियाणा लोक दल और निर्दलीय ने पांच जीत दर्ज की हैं।
सोनीपत लोकसभा सीट पर राजनीतिक रूप से एक नजर
इस सीट पर सबसे पहले लोकसभा चुनाव 1977 में हुए थे जिसमें जनता पार्टी के मुख्तियार सिंह मलिक ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1980 में जनता पार्टी (सेक्युलर) के उम्मीदवार व पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1984 में कांग्रेस के धर्मपाल सिंह मलिक, 1989 में कपिल देव शास्त्र, और 1991 में फिर से कांग्रेस उम्मीदवार धर्मपाल सिंह मलिक ने जीत दर्ज की थी।
वहीं पिछली बार रोहतक लोकसभा से सांसद बनने वाले और फिलहाल रोहतक सीट से भाजपा उम्मीदवार ने 1996 में सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव रण जीता था। इसके बाद किशन सिंह सांगवान ने 1996 में कांग्रेस के टिकट पर और फिर 1999 और 2004 में भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
इसके बाद साल 2009 में कांग्रेस के जीतेंद्र मलिक और इसके बाद आरसी कौशिक ने साल 2014 में कांग्रेस के टिकट पर और फिर 2109 में भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। वर्ष 2019 में बीजेपी उम्मीदवार आरसी कौशिक ने भूपिंदर सिंह हुड्डा को 1.55 लाख वोटों से हराया था। वहीं वर्ष 2014 में कौशिक ने कांग्रेस प्रत्याशी जगबीर सिंह मलिक को करीब 77 हजार वोटों से हराया था। इस बार चुनाव और भी दिलचस्प होने वाला है।
भाजपा ने ब्राह्रण कैंडिडेट को उतारा, बाकी पर टिकी सबकी निगाहें
भाजपा ने काफी मंधन के बाद सोनीपत सीट से पिछली चुनाव जीतने वाले एससी कौशिक का टिकट काटते हुए राई से विधायक मोहन लाल बड़ौली को सोनीपत से बतौर उम्मीदवार उतारा है। हालांकि अभी किसी अन्य दल ने सीट से अपने उम्मीवार की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस कई दौर की बैठक के बाद भी किसी भी सीट से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं कर सकी।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हुड्डा व एसआरके खेमे के बीच जारी मतभेदों के चलते ऐसा नहीें हो पा रहा है। सीट से कांग्रेस द्वारा हिसार से साल 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने वाले ब्रजेंद्र सिंह के भी चुनावी रण में उतारे जाने की भी चर्चा है तो कई ब्राह्राण चेहरों पर भी मंथन किया जा रहा है। कांग्रेस के अलावा सीट पर जजपा और इनेलो द्वारा भी कैंडिडेट की घोषणा करना अभी बाकी है।
वोटर्स के संख्या के लिहाज से सोनीपत सीट सबसे छोटी लोकसभा
हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों में से सोनीपत में सबसे कम वोटर्स हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार सोनीपत लोकसभा हलके में 1737 313 मतदाता हैं। सोनीपत हलके में दो जिलों के कुल 9 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें में सोनीपत जिले के विधानसभा हलके --गनौर, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना और बरोदा शामिल हैं तो वहीं साथ लगते जींद जिले के तीन- जुलाना, सफीदों और जींद विधानसभा हलके शामिल हैं।
ये भी बता दें कि फिलहाल सोनीपत, खरखौदा, बरोदा, गोहाना और सफीदों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक और राई, गन्नौर और जींद में बीजेपी के विधायक और जुलाना में जेजेपी के विधायक हैं। इस लिहाज से फिलहाल यहां कांग्रेस का पलड़ा भारी माना जा रहा है।
सोनीपत सीट के अस्तित्व में आने के बाद चुनाव जीतने वाले कैंडिडेट
साल चुनाव जीतने वाले सांसद पार्टी
1. 1977 मुख्तियार सिंह मलिक जनता पार्टी
2. 1980 चौधरी देवी लाल जनता पार्टी सेक्युलर
3. 1984 धर्मपाल सिंह मलिक कांग्रेस
4. 1989 कपिल देव शास्त्री जनता दल
5. 1991 धर्मपाल सिंह मलिक कांग्रेस
6. 1996 अरविंद शर्मा निर्दलीय
7. 1998 किशन सिंह सांगवान कांग्रेस
8. 1999 किशन सिंह सांगवान भाजपा
9. 2004 किशन सिंह सांगवान भाजपा
10. 2009 जितेंद्र सिंह मलिक कांग्रेस
11. 2014 आरसी कौशिक कांग्रेस
12. आरसी कौशिक भाजपा
देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।