1. Home
  2. haryana

Haryana News: हरियाणा में मंत्रियों, अधिकारियों की कोठियों की मरम्मत, रखरखाव पर हर महीने 86 लाख खर्च

Haryana News : हरियाणा में मंत्रियों, अधिकारियों की कोठियों की मरम्मत, रखरखाव पर हर महीने 86 लाख खर्च
Haryana News in Hindi : आधिकारिक आंकड़ों में नवंबर 2019 से नवंबर 2023 तक 42.34 करोड़ की राशि रिनोवेशन पर खर्च हुई। दुष्यंत चौटाला, रणजीत सिंह, संदीप सिंह, मूलचंद शर्मा, ज्ञानचंद गुप्ता समेत कई मंत्रियों ने हर साल रेनोवेशन करवाई। 

Haryana News Post (चंडीगढ़), Haryana News : इस साल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले पर रिनोवेशन पर खर्च हुई राशि का मामला देश भर में चर्चा में रहा। बंगले पर करोड़ों रुपए के खर्च की जानकारी रिपोर्ट हुई तो विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी व केजरीवाल को भी जमकर घेरा। इसी कड़ी में सामने आया है कि सरकार आवास पर रिनोवेशन के मामले में हरियाणा के मंत्री व अधिकारी भी किसी से पीछे नहीं है।  

हरियाणा में पिछले पांच साल के दौरान के आंकड़ों में सामने आया है कि हर साल करीब 10 करोड़ की राशि मंत्रियों व अधिकारियों की कोठियों पर रिनोवेशन के काम पर खर्च हो रही है। हर साल करोड़ों रुपए की जनता के टैक्स  व खून-पसीने की कमाई  हर महीने लाखों की पेंशन और तनख्वाह पाने वाले  जनता के नुमाइंदों और अधिकारियों के पहले से ही आलीशान व महल रुपी मकानों पर खर्च हो रही है। तार्किक रूप से पूरा काम रुल  बुक के अनुसार ही होता है लेकिन सवाल उठता है कि ऐसी कौन सी रेनोवेशन है जिसमें इतना पैसा लगता है। 

रेनोवेशन और रखरखाव पर भारी भरकम राशि खर्च

कई मंत्रियों के आवास पर हर साल रिनोवेशन और रखरखाव पर भारी भरकम राशि खर्च हुई है। इस मामले में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला,  बिजली मंत्री रणजीत चौटाला , संदीप सिंह और स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता सबसे आगे हैं। डिप्टी सीएम की सेक्टर2 स्थित कोठी पर 2020-21 में 1.86 करोड़, 2021-11 में 85 लाख, 2022-23 में 61 लाख और 2023-24 में 20 लाख की राशि खर्च हुई।

वहीं 2020-21 रणजीत सिंह के सेक्टर 3 स्थित कोठी संख्या 32 पर 1.08 करोड़, 2021-22 में 46 लाख, 2022-23 में 33 लाख और 2023-24 में 19 लाख की राशि खर्च हुई है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के सेक्टर 2  स्थित कोठी संख्या 49 पर 2019-20 मेें करीब 4 लाख, 2020-21 में 82 लाख, 2021-22 में करीब 46 लाख, 2022-23 में करीब 2 लाख और 2023-24  में 15.79 की राशि खर्च हुई है।

यौन शोषण मामले में आरोपी राज्य मंत्री भी इस मामले में पीछे नहीं है। संदीप सिंह की सेक्टर 7 स्थित सरकारी कोठी पर 2020-21 में 95 लाख, 2021-22 में करीब 96 लाख, 2022-23 में करीब 46 लाख और 2023-23 में 9 लाख रुपए की राशि रिनोवेशन पर खर्च हुई है। इसके अलावा भी मंत्रियों व अधिकारियों की लंबी फेहरिस्त है।

उपरोक्त के अलावा परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, शिक्षा मंत्री कंवर पाल, कृषि मंत्री जेपी दलाल,अनूप धानक, बनवारी लाल और कमलेश ढांडा की कोठियों के रखरखाव पर  पिछले चार साल की अवधि में हर साल लाखों रुपए खर्च हुए हैं। इनके अलावा अधिकारियों की कोठियों पर जमकर राशि खर्च हुई है। 

हर महीने 86 लाख से मंत्रियों की कोठी हो रही चकाचक

विभागीय आंकड़ों में सामने आया है कि मंत्रियों व अधिकारियों के सरकारी आवासों पर रिनोवेशन पर भारी भरकम राशि खर्च हो रही है। नवंबर 2019 से नवंबर 2023 तक 49 महीने की अवधि के दौरान रिनोवेशन के काम पर कुल 42.38 करोड़  रुपए की राशि खर्च हुई है। इस लिहाज से हर महीने 86 लाख की मोटी रकम इन आवास पर बतौर रिनोवेशन खर्च हो रही है। आधिकारिक जानकारी अनुसार इन घरों का जीर्णोद्धार तथा मरम्मत कार्य सरकार से पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद और रहने वालों की माँग पर किया जाता है।

पांच वित्त वर्ष में 4234.68 लाख रिनोवेशन पर खर्च हुए

संबंधित विभाग के आंकड़ों में सामने आया कि नवंबर 2019 से मार्च 2020 तक 2.45 करोड़ की मंत्रियों व अधिकारियों की कोठियों के रिनोवेशन पर खर्च हुुए। फिर वित्त वर्ष अप्रैल 2020 से मार्च 2021 में 1018.81 लाख रुपए इसी काम पर खर्च आया। सबसे ज्यादा खर्च वित्त वर्ष 2021-22 में रिनोवेशन के काम पर हुआ है और इस अवधि में कुल 1176.79 लाख रिनोवेशन पर खर्च कर दिए गए।

इसके बाद अप्रैल 2022-मार्च 2023 में 693.72 लाख की राशि सरकारी मकानों के रिनोवेशन पर खर्च हुई। वहीं साल 2023 में नवंबर तक 520.13 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। इस लिहाज उपरोक्त अवधि में 4234.68 लाख की राशि खर्च हुई है। 

102 कोठियों के रखरखाव पर खर्च हो रही राशि

कहने को ये मंत्रियों व अधिकारियों के आवास मकान हैं लेकिन ये आवास किसी आलीशान कोठी से किसी भी मायने में कम नहीं हैं। आधिकारिक जानकारी अनुसार 102 सरकारी आवास रखरखाव पर ये राशि खर्च हो रही है। इन 102 आवास में से 84 आवास प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ में हैं और इनको मंत्रियों व उनके ओएसडी के  लिए आवंटित  किया गया है।

चूंकि चंडीगढ़ संयुक्त रूप से हरियाणा व पंजाब की राजधानी है तो इस लिहाज से दोनों राज्यों का यहां आवास प्रणाली निर्धारित कोटा है। इसी कोटे के आधार पर यहां मंत्रियों व अधिकारियों को मकान अलॉट होते हैं। वहीं 84 आवास पंचकूला जिले में हैं और इन सरकारी आवास को बोर्डों, निगमों के अध्य़क्षों व अधिकारियों को आवंटित किया गया है।

नवंबर 2019 से अब तक आवास रेनोवेशन हुए

मंत्रियों व अधिकारियों को आवंटित आवासों की संख्या आधिकारिक रूप से 102 बताई गई है। नवंबर 2019 से लेकर  नवंबर 2023 तक की अवधि में कई 271 मकानों का रखरखाव किया गया है। इस मतलब ये है कि काफी मकान तो बार बार रिनोवेट हुए हैं। कई बार अधिकारी या मंत्री का आवास बदलता है तो नया अलॉटी अपने हिसाब से सरकारी आवास में बदलाव करता है और इसका खर्च सीधे सीधे सरकारी खजाने पर पड़ता है। नवंबर 2019 से मार्च तक 32 मकानों की रिनोवेशन की गई । इसके अलावा 2020-21 में 43, 2021-22 में 112, 2022-23 में 51 और 2023-23 में अब तक 33 मकानों की रिनोवेशन हुई है। 

आवंटित सरकारी निवास स्थानों के जीर्णोद्धार तथा मरम्मत ब्यौरा 

समयावधि                                रिनोवेशन पर खर्च राशि (लाखों में)

नवंबर, 2019 से मार्च 2020          245.23 

अप्रैल, 2020 से मार्च 2021         1018.81

अप्रैल, 2021 से मार्च 2022          1776.79 

अप्रैल, 2022 से मार्च 2023          693.72 

अप्रैल, 2023 से नवंबर 2023         520.13 

Sexual harassment in Haryana: हरियाणा में महिला खिलाड़ियों के साथ यौन शोषण के हर साल आधा दर्जन मामले हो रहे रिपोर्ट


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।