Panipat News: सभी दवा दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य, एक अप्रैल के बाद लाइसेंस नहीं जारी करेगा विभाग

पानीपत। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश पर सभी मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी कैमरे लगाने अनिवार्य कर दिए हैं। साथ ही विभाग ने जुलाई 2023 से लाइसेंस के लिए कैमरों का बिल भी अनिवार्य कर दिया है। वहीं अभी तक 1400 दुकानों में से 350 से अधिक दुकानों पर कैमरे नहीं लग पाए हैं। जिससे दवा दुकान के लाइसेंस पर संकट आ सकता है।
कैमरे लगाना अनिवार्य
एक अप्रैल 2024 से विशेष चेकिंग अभियान चलेगा। सीसीटीवी कैमरे लगे न होने या खराब मिलने पर ड्रग लाइसेंस पर भी संकट संभावित है। दरअसल, औषधियों की बिक्री नियम -65/3 एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 के अंतर्गत मेडिकल स्टोर, फॉर्मेसी स्वामियों को सीसीटीवी कैमरा (रिकॉर्डिंग सहित) लगवाना अनिवार्य है।
जिला औषधि नियंत्रक विजया राजे ने बताया कि इस बाबत थोक और रिटेल दवा विक्रेताओं को ऑर्डर भी जारी किए हुए हैं। किशोर नशे की लत से दूर रहें, नशीली ड्रग की खरीद न करें, एनसीपीसीआर की सिफारिश पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने का निर्णय लिया गया है। स्कूलों के आसपास की दुकानों पर अधिक फोकस है।
कमेटी करेगी निगरानी
जिला में निगरानी कमेटी गठित होगी। इसमें स्वास्थ्य, पुलिस, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, आबकारी व समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे। औचक सीसीटीवी फुटेज देखेंगे। शेड्यूल एच-वन और एक्स की दवा किसे बेची, माह में कितनी बार बेची, उसका रिकॉर्ड सुरक्षित रखा अथवा नहीं जैसे पहलुओं पर फोकस रहेगा।
350 दुकानों में नहीं लग सके कैमरे
उन्होंने बताया कि जिला में लगभग 1400 दवा की दुकानें हैं। इनमें से लगभग 350 दुकानों पर कैमरे नहीं लग सके हैं, ज्यादा संख्या देहात क्षेत्र में है। अप्रैल से चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। सीसीटीवी नहीं लगे होने, बंद मिलने पर मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
जिला औषधि नियंत्रक ने बताया कि डॉक्टर के पर्चे के बिना शेड्यूल एच-वन और एक्स की दवाएं बेचे जाने की सूचनाएं सरकार तक पहुंच रही थी।इनमें पेन किलर, मानसिक रोग, कफ सिरप, कैंसर जैसे रोग के इलाज में काम आने वाली मेडिसिन शामिल हैं। इन रोगों की मेडिसिन का गलत इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है।
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