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Dudharu Pashuon ki dekhbhal : सर्दी के मौसम में दुधारू पशुओं की कैसे करें देखभाल, थोड़ी सी लापरवाही से दूध उत्पादन में पड़ता है प्रभाव

Dudharu Pashuon ki dekhbhal : सर्दी के मौसम में दुधारू पशुओं की कैसे करें देखभाल, थोड़ी सी लापरवाही से दूध उत्पादन में पड़ता है प्रभाव
Animal care in winter: पशुओं को हम  फीड या दाना देते हैं  उसकी मात्रा भी हमें निर्धारित करनी चाहिए और हमें यह देखना चाहिए कि सर्दियों के मौसम में जो  फीड गर्म होती है उसका ही प्रयोग करना चाहिए, या विशेष तौर पर हमें ऐसे फील्ड और दाने का प्रयोग करना चाहिए जिसमें मिनरल मिले हुए हो। 

Sardi ke mausam mein dudharu pashuon ki dekhbhal kaise karen : सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है जिसके चलते आमजन से लेकर पशुओं तक हर किसी को सर्दी से बचने के लिए  प्रयास किया जा रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं इंसान अपने आप को सर्दी से बचा लेता है तो वहीं पशुओं को सर्दी से बचाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, अगर सर्दियों का मौसम में पशुओं की देखभाल न की जाए तो दुधारू पशुओं पर  सर्दी के कारण दूध उत्पादन पर भारी प्रभाव पड़ता है,  तो वही  छोटे पशु सर्दी की चपेट में जाकर बीमार हो जाते हैं और कई बार तो वह  सर्दी के कारण मौत के भी शिकार हो जाते हैं. तो इसलिए हम आपको बताते हैं कि सर्दियों के मौसम में कैसे पशु की देखभाल की जाए ताकि  दूध उत्पादन पर कोई प्रभाव न पड़े .

sardi ke mausam mein dudharu pashuon ki dekhbhal kaise karen

सर्दियों में पशुओं के चारा का प्रबंधन है जरूरी

 जिला करनाल के पशु चिकित्सक डॉक्टर तरसेम राणा ने बताया कि सर्दियों के मौसम में पशुओं के लिए सर्दी से बचाने के लिए सबसे जरूरी होता है कि उनका जो डाइट प्लान है उनको जो खाने में दे रहे हैं वह सही और उचित मात्रा में दिया जाए ताकि पशुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो , उन्होंने कहा कि सर्दियों के मौसम में हरा चारा बरसीन भरपूर मात्रा में पशु पालको के पास होता है,  जिसके चलते वह हरे चारे की मात्रा बढ़ा देते हैं जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि हरे चारे बरसीन में 80% तक पानी होता है जिसे पशुओं में ठंड लगने के आसार बढ़ जाते हैं,  पशुओं को चारा देते समय हरे चारे में 25 से 50% तक सूखा चारा प्रयोग करना चाहिए. जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.

फीड या दाना मे मिनरल करें प्रयोग

पशु चिकित्सक ने जानकारी देते हुए बताया कि पशुओं को हम  फीड या दाना देते हैं  उसकी मात्रा भी हमें निर्धारित करनी चाहिए और हमें यह देखना चाहिए कि सर्दियों के मौसम में जो  फीड गर्म होती है उसका ही प्रयोग करना चाहिए, या विशेष तौर पर हमें ऐसे फील्ड और दाने का प्रयोग करना चाहिए जिसमें मिनरल मिले हुए हो. इसे पशुओं की इम्युनिटी तेज होती है जिसे वह सर्दी से बच जाते हैं. सरसों की फीड भूलकर भी पशुओं को नहीं देनी चाहिए क्योंकि वह ठंडी होती है जिसके चलते पशु में ठंड लगने के आसार बढ़ जाते हैं. वहीं सर्दियों में छोटे से लेकर बड़े सभी प्रकार के पशुओं को देसी अच्छा अवश्य देना चाहिए जिसकी मात्रा 50 ग्राम से लेकर 250 ग्राम तक हो सकती है, देसी गुड़ एक देसी नुकसा है जिसे पशुपालक अपने पशुओं को सर्दी बचा सकते हैं. क्योंकि गुड़ की तासीर गर्म होती है जो सर्दी से बचाने में अहम योगदान देता है.

सर्दी लगने से दूध उत्पादन पर सबसे पहले पड़ता है असर

पशु चिकित्सक ने बताया सर्दियों में पशुओं के सर्दी लगने के सबसे पहले असर यही होते हैं अगर वह दुधारू पशु है  तो उनके दूध देने की क्षमता कम हो जाती है और दूध का उत्पादन कम हो जाता है.  जीसे पशुपालक हिसाब लगा सकता है कि उनके पशु को सर्दी लग गई है.  दूसरा सर्दी के लक्षण को हम ऐसे पहचान सकते हैं कि सर्दी लगने के बाद पशु का गोबर पतला हो जाता है जिसे भी सर्दी लगने की पहचान की जा सकती है. अगर दुधारू पशु को सर्दी लग जाए तो उसका 50% तक दूध उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है.  ऐसे मे जिस भी पशुपालक भाई को ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं वह पशु चिकित्सक से संपर्क करें और अपने पशु का इलाज कराये.

सर्दी लगने के कारण हो जाती है पशुओं की मौत

पशु चिकित्सक ने कहा कि सर्दी इतनी खतरनाक होती है कि कई बार तो छोटे बच्चों से लेकर बड़े पशु तक की सर्दी के कारण मौत हो जाती है. जिसके चलते पशुओं की देखभाल करनी आवश्यक है ज्यादातर छोटे पशुओं की मौत होती है जिसके चलते पशुपालकों को सावधानी बरतनी चाहिए.

ठंडा पानी ना पिलाए 

पशु चिकित्सक ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्दियों के मौसम में पशुओं में ठंड लगने का मुख्य कारण यह होता है कि उनको ठंडा पानी पिला दिया जाता है जिसके चलते उनका ठंड लग जाती है. ऐसे में पशुओं को ठंडा पानी न पिलाकर ताजा पानी पिलाया जिसे उनको ठंड लगने से बचाया जा सके.

पशुओं के बाड़े को कवर करके रखें

पशु चिकित्सक ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्दियों के मौसम में  पशु को ठंड में बाहर नहीं बांधना चाहिए अगर धूप है तो उनको बाहर बाद सकते हैं वरना धूप में ना बन्दे,  और जो पशुओं का बड़ा होता है उसको किसी  ट्रिपाल से आवश्यक कर करके रखें , वहीं अगर कोई पशुपालक अपने पशु को नहलाना चाहता है तो वह धुप के समय में ही नहलाये. ऐसे करने से वह अपने पशुओं की देखभाल कर सकते हैं. पशुपालक गजे राम और एक अन्य पशु पालक ने कहा कि सर्दियों के मौसम में किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है कि उनके पशुओं को ठंड लग जाती है जिसे उनके दूध पर भी भारी प्रभाव पड़ता है.

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