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Haryana Truck Driver Strike: हरियाणा में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से थमी जिंदगी की रफ्तार, जानें पेट्रोल पंपों का ताज़ा हाल

Haryana Truck Driver Strike: हरियाणा में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से थमी जिंदगी की रफ्तार, जानें पेट्रोल पंपों का ताज़ा हाल
Haryana Truck Driver Protest: प्रदेश में कई जिलों पेट्रोल पंपों पर तेल की किल्लत पेश आई, घरेलू गैस की कमी से भी जूझते रहे लोग। ट्रकों का पहिया जाम होने जरूरत की चीजें, खाद्य पदार्थ और सब्जियां भी नहीं पहुंची। 

Haryana News Post, (चंडीगढ़) Truck Driver Strike News : नए हिट एंड रन कानून के विरोध में विरोध में प्रदेश भर के ट्रक ड्राइवर स्ट्राइक पर चले गए है जिसके चलते प्रदेश भर में जिंदगी का पहिया थमने लगा है।

इसका असर हरियाणा में भी व्यापक रुप से देखने को मिला। पेट्रोल पंपों के बाहर वाहनों की लंबी लाइन देखने को मिली और कई जगह तेल की कमी के चलते लोग वाहनों को खींचते दिखे। प्रदेश की कई ट्रक यूनियन से बातचीत में सामने आया कि ड्राइवर ट्रकों को खड़ा कर घर चले या फिर धरना दे रहे हैं।

नए कानून के विरोध के चलते 29 दिसंबर से ड्राइवरों के हड़ताल पर चले जाने के चलते अब इसका असर दिखा। सबसे अधिक असर सूबे के पेट्रोल पंपों पर दिखा। पहले के मुकाबले पंपों पर तेल के स्टॉक में कमी देखने को मिली

क्योंकि निजी ट्रक ड्राइवर कंपनियों से तेल नहीं ला रहे थे, जबकि जिन पेट्रोल पंपों के खुद के वाहन हैं, वे ही तेल पहुंचा पाए। वहीं पूरे मामले पर हरियाणा सरकार के रुख पर भी सबकी नजर बनी रही। 

पानीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम समेत कई जिलों  में हजारों ट्रक का चक्का जाम

ये भी सामने आया कि ट्रक ड्राइवरों के हड़ताल पर चले जाने के चलते घरों में रसोई गैस की भी दिक्कत कई जगह पेश आई। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के स्टेट प्रेसिडेंट धर्मबीर मलिक ने बताया कि पानीपत में कई हजार ट्रक व अन्य तरह के कमर्शियल वाहन हैं।

इनमें से ज्यादातर का चक्का जाम है। आगे उन्होंने बताया कि ट्रक ड्राइवर वाहन खड़ा कर घर जा रहे हैं। आगे उन्होंने बताया कि जिन शहरों में बड़ी इंडस्ट्री है, वहां हजारों की संख्या में ट्रकों का चक्का जाम है।

पेट्रोल डीजल को लेकर भी किल्लत पेश आ रही है और पंपों पर वाहनों की लंबी कतार है।पानीपत में  ऑयल रिफाइनरी की सप्लाई भी बाधित होने की जानकारी भी सामने आई। 

पानीपत, रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद कई औद्योगिक शहरों में हजारों ट्रकों का चक्का जाम रहा

कई जगह ट्रांसपोर्ट यूनियन के पदाधिकारियों से बातचीत में सामने आया कि प्रदेश के अलग अलग जिलों में हजारों वाहनों की लंबी लाइनें देखी गई। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट जसपाल ने कहा कि हरियाणा में हजारों वाहन का चक्का जाम है।

कम से कम 30 हजार वाहन हड़ताल के चलते नहीं चल रहे हैं। दिल्ली गुजरात फ्लीट कैरियर (डीजीएफसी) के चेयरमैन सतीश धवन ने कहा कि अलग अलग जिलों में वाहनों का चक्का जाम रहा।

गुरुग्राम में मारुति के प्लांट शिफ्टिंग के किसी काम व रॉ मटिरियल को लाने में भी दिक्कत पेश आई। इसके अलावा कई जगह ज्यादा ट्रांसपोर्ट संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 

प्रदेश में  पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतार  

पेट्रोल एवं डीजल संगठन के अनुसार प्रदेश में करीब 3800 पेट्रोल पंप हैं। ड्राइवरों की हड़ताल से पेट्रोल पंपों पर लंबी कतार नजर आई। 2 दिसंबर को प्राप्त जानकारी अनुसार पंपों के पास करीब एक सप्ताह तक ही फ्यूल का स्टॉक उपलब्ध था।

हालांकि पंपों पर जरूरत के लिहाज से स्टॉक की उपलब्धता बताई गई। वहीं कुछ जिलों में पंपों पर पेट्रोल खत्म होने की जानकारी भी रिपोर्ट हुई। 

पानीपत रिफाइनरी व अन्य जगह से तेल की सप्लाई पर एक नजर 

प्राप्त जानकारी अनुसार  पानीपत रिफाइनरी के बीपीसीएल और आइओसीएल डिपो से लगभग रोजाना 600 टैंकर पेट्रोल और डीजल लेकर निकलते हैं जो कि लगभग 1 करोड़ 20 लाख लीटर है। इसके अलावा हिसार में बने डिपो से लगभग 250 टैंकर 56 लाख लीटर पेट्रोल डीजल की सप्लाई करते हैं।

उसके अलावा रेवाड़ी डिपो से लगभग 400 टैंकर 80 लाख पेट्रोल डीजल की सप्लाई देते हैं। वही फरीदाबाद बीपीसीएल डिपो से 200 टैंकर 40 लाख डीजल पेट्रोल की सप्लाई कर रहे हैं।

पेट्रोल पंप संचालकों के खुद के भी टैंकर हैं  जो पानीपत रिफायनरी से पेट्रोल डीजल लेकर आते हैं ऐसे में रिफाइनरी से अभी 200 से ढाई सौ टैंकर स्वयं पेट्रोल पंप मालिकों के सप्लाई दे रहे हैं। वही नज़दीकी पेट्रोल पंप संचालक भी जिनके पास अपना वाहन नहीं है किसी अन्य पेट्रोल पंप मालिक के टैंकर से सप्लाई मंगवा रहे हैं। 

फल, सब्जियों और खाद्य पदार्थों की सप्लाई भी हुई प्रभावित 

प्राप्त जानकारी में ये भी सामने आया कि ड्राइवरों के हड़ताल पर चले जाने के चलते फल, सब्जियों और खाद्य पदार्थों की सप्लाई भी प्रदेश में कई जगह प्रभावित होने की जानकारी सामने आई।

हालांकि फिलहाल बेशक इतना असर न हो लेकिन हड़ताल के लंबा चलने की स्थिति में इसका व्यापक असर प्रदेश भर में देखने की बात कई जगह से सामने आई। इसके अलावा फलों व सब्जियों की सप्लाई भी प्रभावित हुई।  

अधिकतर सब्जी बाहरी राज्यों से आती हैं। दिल्ली, हिमाचल और अन्य प्रदेशों से वाहनों की संख्या कम होने लगी है। इसके अलावा, जम्मू कमशीर से मेवों समेत अन्य खाद्यों पदार्थों की आपूर्ति होती है।

ट्रांसपोर्ट व ट्रक ड्राइवर क्यों हैं कानून के विरोध में 

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रेसिडेंट  जसपाल ने कहा कि  सरकार को  ये कानून तुरंत वापस लेना चाहिए। कानून अस्तित्व में रहा तो कोई ड्राइवर वाहन नहीं चलाएगा।  कोई भी चालक जानबूझकर कोई हादसा नहीं करता।

गलत से ऐसा होता है तो  इतनी बड़ी सजा और जुर्माना किसी भी सूरत में व्यावहारिक नहीं है। इसी के चलते  इसके विरोध में ड्राइवर और ट्रांसपोर्टर खुलकर आ गए हैं। का कहना है कि दुर्घटनाएं जानबूझकर नहीं की जाती हैं और ड्राइवरों को अकसर डर होता है कि अगर वे घायलों को अस्पताल ले जाने का प्रयास करते हैं तो उनके साथ भीड़ द्वारा मारपीट की जाती है। ऐसे में इस कानून को वापस लिया जाना चाहिए। 

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