Yamunanagar News: बाढ़ बचाओ काम अधर में, अधिकारियों की लापरवाही पड़ेगी भारी

Haryana News Post, प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर। इस बार भी बाढ़ तबाही मचाएगी, क्योंकि अभी तक सिंचाई विभाग के अधिकारी बाढ़ बचाओ के पूरे करा पाए।
पड़ताल की तो कई जगह काम बंद मिले तो कहीं पर केवल पत्थर पड़ा है। काम शुरु भी नहीं हुआ तो कहीं पर काम होगा या नहीं उसका भी अभी पता नहीं है।
खिजराबाद क्षेत्र भंगेड़ी से बागपत- खिल्लावालां के आस-पास व चिक्कन व उसके आस-पास कामों की हालत कुछ ऐसी है। आखिर जो काम अभी बंद पड़े है वह कब पूरे होंगे ओर जिन कामों को शुरु भी नहीं किया व कब शुरु होंगे।
यहीं नहीं जो काम किए जा रहे हैं वह किसकी देख रेख में हो रहे हैं, क्योंकि मौके पर न तो जेई न ही कोई अन्य कर्मचारी नजर आता है, क्योंकि मौके पर पत्थरों को बांधने के लिए जिन तारों का इस्तेमाल हो रहा है उनको भी जंग लगा हुआ है।
सिंचाई विभाग को हर वर्ष करोड़ों रुपये का बजट बाढ़ बचाव से काम कराने के लिए मिलता है, मगर यह पैसा आखिर किस प्रकार ओर कैसे खर्च किया जा रहा है, उसकी शायद जवाबदेही किसी की नहीं है।
इन कार्यों को पूरा कराने के लिए अंतिम तिथि 30 जून है। मानसून आने को है ओर बारिश शुरु भी हो गई। नदियां उफान पर है ओर बरसाती नदियों में भी पानी शुरु हो गया है, मगर काम कब पूरे होंगे इसका पता नहीं है।
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काम पड़ा है जंग लगी तारों का हो रहा है इस्तेमाल
भंगेडी के समीप नदी में एक साइट पर मीडिया कर्मी पहुंचे तो देखा कि कुछ दूरी तक क्रेट वायर लगा कर काम बीच में छोड़ दिया गया है। यहां पर कोई लेबर काम नहीं कर रही है।
जो तार से पत्थर बांधा जा रहा है उसको जंग लगा हुआ है। इसके साथ ही अगली साइट हो बागपत- खिल्लवाला काजवे के साथ पश्चिम की ओर है वहां पर भी आधा काम कर बीच में ही छोड़ दिया गया है।
बाकी काम अभी बाकी है, मगर यहां पर भी कोई लेबर काम नहीं कर रही है। यहां पर भूमि कटाव भी शुरु हो गया है।
चिक्कन में काम आखिर कब शुरु होगा
इसके बाद चिक्कन गांव पास चुहड़पुर मंगल सिंह के नाम से एक साइट पर भी काम का अभी पता नहीं है, आस-पास के लोगों का कहना है कि एक दिन जेसीबी की सहायता से कुछ खुदाई आदि की गई थी, मगर उसके बाद यहां पर कोई नहीं आया। बताया जाता है यहां पर भी बाढ़ बचाव का कार्य किया जाना है। मगर आखिर काम कब शुरु होगा व कब पूरा होगा इसका किसी को अंदाजा नहीं है।
सवाल यह है कि आखिर यह काम पूरा किया जाएगा या केवल मानसून का इंतजार किया जा रहा है, ताकि एक बार पानी आ जाए ओर फिर कागजी काम निपटा लिया जाए।
यानी जंगल में मोर नाचा तो किसने देखा। आखिर कामों को अंतिम सप्ताह में भी पूरा न करना या शुरु न करने के पीछे आखिर वजह क्या है, ऐसी हालत में क्या काम कर रही एजेंसी को पेमेंटस की जाएंगी।
इस मामले पर जब एसई रवि मित्तल से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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