1. Home
  2. Lifestyle

Chanakya Niti: अगर जीवन में होना है सफल, तो इन आदतों का करें त्याग?

Chanakya Niti: अगर जीवन में होना है सफल, तो इन आदतों का करें त्याग?
अगर सफलता मिलने के बाद जो अहंकार करने लगे। उसके लिए विनाश के रास्ते खुलने में देर नहीं लगती। कई बार अहंकार व्यक्ति को ले डूबता है। अहम उसके जीवन में असफलता का सबसे बड़ा कारण बन जाता है।

Haryana News Post : Chanakya Niti For Success: जीवन में सफलता तभी मिलती है जब हम अपने गोल को अचीव करने के लिए बहुत मेहनत और त्याग करते हैं। उसके बाद हमें जो सफलता मिलती है वह हमारे अंदर के आत्मविश्वास को बढ़ाती है।

 

 

हमारा यही आत्मविश्वास हमेशा हमें कुछ नया और बेहतर करने के लिए मोटिवेट करता है। इंसान अपना एक गोल पाकर कभी शांति से नहीं बैठता यही उसकी खूबी है। वह एक लक्ष्य को पूरा करके दूसरे लक्ष्य को पाने में जुट जाता है। तो चलिए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन असफलता की कौन सी निशानी बताई हैं।



किसी को अपने से कम न समझें?



कभी भी किसी व्यक्ति की अवहेलना नहीं करनी चाहिए। सामने वाले को कभी कमतर समझने की भूल न करें। सफलता मिलने पर जिसके अंदर अहम का भाव आ जाता है। इस अहंकार में कभी जानकर तो कभी अनजाने मे किसी का अपमान करना या उसे महत्वहीन समझना, अच्छी बात नहीं है। आपकी ऐसी गलती कभी-कभी बहुत बड़ी भूल बन जाती है, जिसके कारण आपको लाइफ टाइम शर्मिंदगी झेलनी पड़ सकती है।

Read Also: Health Tips : दांतों के दर्द से मिलेगी राहत, अपना लें ये घरेलू टिप्स

अहंकार सफलता का सबसे बड़ा शत्रु?



अगर सफलता मिलने के बाद जो अहंकार करने लगे। उसके लिए विनाश के रास्ते खुलने में देर नहीं लगती। कई बार अहंकार व्यक्ति को ले डूबता है। अहम उसके जीवन में असफलता का सबसे बड़ा कारण बन जाता है। शास्त्रों के मुताबिक अहंकार व्यक्ति के सबसे बुरे अवगुणों में से एक है। अहंकार व्यक्ति की प्रतिभा और अपने सभी अच्छे कामों को नष्ट कर देता है। अहंकारी लोगों से हर कोई दूरी बनाना पसंद करता है।


 


कड़वी वाणी बोलाना



आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दूसरों से कड़वी वाणी बोलाना भी असफलता की निशानी है। ऐसे लोग अपनी कड़वी जुबान के कारण किसी भी कार्य क्षेत्र में सफल नहीं पाते। इन्हें घर, आॅफिस से लेकर समाज तक में असफलता ही मिलती है। इसलिए व्यक्ति को हमेशा लोगों के साथ मधुर वाणी में ही बातचीत करनी चाहिए।
 

Read Also: Health Advice :जोड़ों में होता है दर्द तो आज ही डाइट में शामिल करें से चीजें


अनुशासन हीनता
 


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अनुशासन में न रहने वाला व्यक्ति कभी भी सफल नहीं हो पाता है। अनुशासित किसी भी व्यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता है। अनुशासन जहां व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। वहीं अनुशासनहीनता इससे रोकती है। अनुशासनहीनता से जीवन जीने में सिर्फ असफल ही आती है।
 


देर तक सोना

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सुबह देर तक सोना न तो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और न ही कार्य के लिए। जो व्यक्ति सुबह सूरज की पहली किरण के साथ बिस्तर को त्याग देता है। वह अपने सभी कार्यों को आसानी से पूरा कर लेते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में सफल रहते हैं। वहीं देर तक सोने वालों को सफलता नहीं मिल पाती है।

 


स्वास्थ्य की लापरवाही



आचार्य चाणक्य मुताबिक स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं होना असफलता की सबसे बड़ी निशानी है। ऐसे लोग हर समय कई तरह के रोगों से घिरे रहते हैं। इनका समय बीमारी का इलाज करने में ही निकल जाता है। ऐसे लोगों को सफलता नहीं मिल पाती। इसलिए हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए।

हमें ट्विटर और गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।