1. Home
  2. Lifestyle
  3. Events

Gangaur ko pani pilane ke dohe: गणगौर को पानी पिलाने के दोहे, पति और परिवार के लिए श्रद्धा और प्यार का उत्सव

Gangaur ko pani pilane ke dohe: गणगौर को पानी पिलाने के दोहे, पति और परिवार के लिए श्रद्धा और प्यार का उत्सव
Gangaur Ke Dohe: गणगौर पूजा 2025 का समापन 31 मार्च को होगा। इस दिन महिलाएं गणगौर माता का विसर्जन करती हैं और पति के लिए खास दोहे गाती हैं। गणगौर के दोहे (Gangaur Ke Dohe) प्यार और परंपरा को दर्शाते हैं। जानें गणगौर व्रत, पूजा विधि और माता के दोहों का महत्व।
Gangaur ko pani pilane ke dohe in Hindi: गणगौर का त्योहार, जो आमतौर पर 17 से 18 दिनों तक चलता है, अपने अंतिम दिन के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है। यह दिन बेहद खास होता है क्योंकि इसी दिन गणगौर माता की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। इस साल 2025 में गणगौर पूजा का समापन 31 मार्च को होगा। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं पूरी श्रद्धा के साथ माता की पूजा करती हैं और फिर विधि-विधान से उनका विसर्जन करती हैं। पूजा के दौरान कई पारंपरिक दोहे गाए जाते हैं, जो इस पर्व को और भी रंगीन बनाते हैं। आज हम आपके लिए गणगौर के चुनिंदा दोहों को लेकर आए हैं, जो पति और परिवार के प्रति प्यार को दर्शाते हैं।

Gangaur ko pani pilane ke dohe: गणगौर को पानी पिलाने के दोहे

गणगौर माता को पानी चढ़ाते समय महिलाएं अपने पति का नाम लेकर दोहे बोलती हैं। इन दोहों में "पिया जी" की जगह अपने पति का नाम लेना होता है।

मिसाल के तौर पर:

"शर्मा परिवार की बहू हूं मैं, और राधिका है मेरा नाम,

पिया जी मेरे पति मेरे ईश्वर, दिल्ली है मेरा धाम।"

(यहां अपना, अपने पति का और अपने शहर का नाम जोड़ें।)

गणगौर के लोकप्रिय दोहे

"एक दूनी दो, दो दूनी चार, पिया जी का मुझसे पक्का प्यार।"
"खेतों में क्यारी, मैं पिया की प्यारी, गणगौर माता ने जोड़ा हमारा यारी।"
"गोरी के मन में ईसर, राधा के दिल में श्याम, पिया जी का नाम ही मेरा हर धाम।"
"किसी को नीला पसंद, किसी को पीला रंग, मुझे पिया जी का हर अंदाज़ है संग।"
"हज़ारों की बग्गी, लाखों का घोड़ा, पिया जी के लिए छोड़ा मैंने जयपुर का कोना।"

गणगौर पूजा के मजेदार दोहे

"कटोरी में घेवर, थाली में मिठास, पिया जी मेरे भाई के सच्चे साथ।"
"लाल मिर्च न खाएं, हरी मिर्च न लाएं, पिया जी मुझे बिना कहीं न जाएं।"
"बगीचे में फूल, फूलों में रानी, पिया जी मेरे राजा, मैं उनकी दीवानी।"
"सोने की चूड़ी, हीरे की लड़ी, पिया जी को देखूं तो दिल में खुशी भरी।"
"इमली खट्टी, बोर है मीठा, पिया जी मेरे जीवन का हर सच्चा गीता।"

पिया जी के लिए प्यार भरे दोहे

"1234567, पिया जी मेरे लिए हैं स्वर्ग से कम नहीं।"
"साड़ी पहनूं सिल्क की, चप्पल हो ब्रांड की, पिया जी जाएं बाहर तो मैं कहूं बाय-बाय जी।"
"फागुन की मस्ती, गुलाबी रंगों का मेल, पिया जी के साथ हर पल अनमोल खेल।"
"मीरा ने पिया विष, राधा ने श्याम को रिझाया, गणगौर माता ने मुझे पिया जी सौंप कर उपकार कर दिखाया।"

गणगौर माता के पारंपरिक दोहे

"जात गुजराती, बाणया खाटा, खूटी ताणया,

सोला गिण मिण, सात कचोला, ईसर-गोरी का मेल,

गेहूं ग्यारा, भाई लाया लड्डू-पेड़ा, हरी दूब संग,

गणगौर माता की पूजा करूं, मन में हो उमंग।"

गणगौर का यह पर्व दोहों के बिना फीका सा लगता है। महिलाएं एक साथ बैठकर माता की पूजा करती हैं और इन दोहों को हंसी-खुशी के साथ गाती हैं। यह परंपरा न सिर्फ परिवार को जोड़ती है, बल्कि पति-पत्नी के रिश्ते को भी मजबूत करती है।

Aaj Ka Panchang: 19 मार्च 2025 का पंचांग चैत्र माह कृष्ण पक्ष पंचमी के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल की पूरी जानकारी


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आपHaryanaNewsPostकेGoogle Newsपेज औरTwitterपेज से जुड़ें और फॉलो करें।
whtsapp-img
News Hub