Rajasthan News : राजस्थान में आरजीएचएस और चिरंजीवी योजना में प्राइवेट अस्पतालों ने किया इलाज बंद

Haryana News Post (जयपुर) Rajasthan Hindi Samachar : प्रदेश में सरकार बदलते ही निजी अस्पतालों ने अघोषित रूप से राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) और चिरंजीवी योजना के तहत इलाज बंद कर दिया है। मरीजों को भर्ती करने के बाद यदि उनके ट्रीटमेंट में ज्यादा खर्च हो रहा है तो अस्पताल अब इलाज नहीं कर रहे। परिजन गंभीर मरीजों को सरकारी अस्पतालों में लेकर पहुंच रहे हैं।
निजी अस्पतालों में इलाज अघोषित रूप से बंद होने के बाद एसएमएस अस्पताल और आरयूएचएस के आईसीयू लगभग फुल हैं। भजन लाल सरकार इन दोनों योजनाओं पर जब तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करेगी, तब तक लोगों को इसी तरह मुश्किलों का सामना करते रहना पड़ेगा।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने घोषणा पत्र में यह कहा था कि सत्ता में आने पर आयुष्मान भारत योजना को लागू किया जाएगा। आयुष्मान भारत का बीमा कवरेज केवल 5 लाख रुपए है, जबकि वर्तमान चिरंजीवी योजना में यह कवरेज 25 लाख रुपए है। कांग्रेस के सत्ता से आउट होने के बाद निजी अस्पतालों को यह चिंता सता रही है कि उनका पुराना पेमेंट होगा भी या नहीं। इसलिए उन्होंने नए पेशेंट लेना बंद कर दिया है।
ई-मेल से अप्रूवल मिली, पर इलाज नहीं
वैशाली नगर स्थित एक निजी अस्पताल में एक ऐसा ही मामला देखने में आया। यहां आरजीएचएस के मरीज को भर्ती कर लिया गया। महंगे इंजेक्शन के कारण अप्रूवल भेजी गई। विभाग की ओर से ई-मेल के माध्यम से यह बता दिया गया कि टीआईडी नंबर जनरेट होने के साथ ही अप्रूवल दी जा चुकी है। इसके बावजूद अस्पताल ने मरीज को इंजेक्शन नहीं लगाए। ऐसी स्थिति में मरीज के परिजनों को मजबूरी में आरयूएचएस की शरण में जाना पड़ा।
अस्पतालों ने बताए ये कारण
इस संबंध में निजी अस्पतालों से जुड़ी संस्था उपचार के राज्य समन्वयक डॉ.सुनील कुमार गर्सा ने कहा कि निजी अस्पताल मरीजों को इलाज देना चाहते हैं, लेकिन नई सरकार को योजनाओं पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। आरजीएचएस में 2013 के पैकेज आज तक चल रहे हैं। वहीं, चिरंजीवी योजना में 2016 की भामाशाह योजना के ही पैकेज चल रहे हैं। ऐसे में उन्होंने पैकेज रिवाइज करने की मांग उठाई है। गर्सा ने बताया कि दोनों ही योजनाओं में पेमेंट समय पर नहीं मिल रहा है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन परेशान है। यदि सरकार स्थिति स्पष्ट कर देगी तो इलाज में कोई समस्या नहीं आएगी।
दवा देना पहले ही किया बंद
आरजीएचएस के धारकों को पिछले करीब दो माह से ही दवा नहीं दी जा रही है। अस्पतालों के साथ ही मेडिकल सेंटर भी भुगतान न होने के डर से कर्मचारियों एवं रिटायर्ड कर्मचारियों और उनके परिजनों को दवाई देना बंद कर चुके हैं। अब सरकार बदली तो इलाज भी लगभग बंद हो चुका है। मरीजों को एप्रोच से ही एडमिट कराया जा रहा है।
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