Ram Mandir Murti: मूर्तिकार अरुण योगीराज को भगवान राम की मूर्ति को बनाने में कितना समय लगा
अयोध्या। Ram Mandir: राम मंदिर अयोध्या में स्थापित भगवान राम की प्रतिमा को मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है। मूर्ति की ऊंचाई करीब 51 इंच और वजन 150 किलोग्राम बताया जा रहा है। भगवान राम की मूर्ति को काले पत्थर से तैयार किया गया है। कमल और प्रभामंडल की वजह से मूर्ति का वजन करीब 150 किलोग्राम है। प्रतिमा की जमीन से ऊंचाई करीब 7 फीट है।
मूर्तिकार योगीराज ने कमल पर खड़े रामलला की मूर्ति 5 साल के बच्चे के रूप में बनाई है। मूर्ति को अपनी जगह पर स्थापित करने में करीब 4 घंटे का समय लगा।
अयोध्या में राम मंदिर के लिए राम लला की मूर्ति बनाने वाले कर्नाटक स्थित मूर्तिकार खुद को पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति मानते हैं। अरुण योगीराज ने कहा कि उन्हें लगता है कि अब वे इस धरती पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं। उनके पूर्वजों, परिवार के सदस्यों और भगवान राम का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहा है।
मूर्ति को बनाने में कितना समय लगा
मूर्तिकार योगीराज पत्नी विजेता अरुण ने बताया कि योगीराज ने अयोध्या में रहकर ही भगवान राम की मूर्ति बनाई। वे रोज वह सुबह 6 बजे जग जाते थे। सुबह की शुरुआत एक्सरसाइज के साथ करते थे। आमतौर पर वह रोज कम से कम 10 घंटे मूर्ति बनाने में लगाते थे। ज्यादातर दिन वह 10 घंटे से ज्यादा ही काम करते थे। अयोध्या राम मंदिर मूर्ति के लिए उन्होंने पूरी तरह से समर्पित होकर अयोध्या से ही काम किया।
राम मंदिर का निर्माण कब तक पूरा होगा
अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कार्य 2025 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, मंदिर में राम भक्तों ने उम्मीद से ज्यादा दान दिया है। जिसमें सबसे ज्यादा दान मुरारी बापू की तरफ से आया है।
राम मंदिर पर कितना खर्च आया
जानकारी अनुसार मंदिर बनाने (Ram Mandir Budget) में अब तक 900 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शुरुआत में मंदिर बनाने में 1,800 करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया था। जिसमें निर्माण, सामग्री, मशीनरी, श्रम और अन्य प्रशासनिक खर्चों की लागत शामिल है। लेकिन ये आंकलन अंतिम नहीं है। रिपोर्ट की मानें तो राम मंदिर का खर्च 3,200 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
कौन हैं मूर्तिकार अरुण योगीराज
मैसूर निवासी मूर्तिकार अरुण योगीराज का परिवार पिछली पांच पीढ़ियों से मूर्तियां बना रहा है। अरुण योगीराज बचपन से ही मूर्तियां बनाने का काम करने लगे थे। उन्होंने एमबीए करने के बाद एक प्राइवेट कंपनी में काम भी किया।
साल 2008 से उन्होंने मूर्ति बनाने के करियर को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। अरुण ने ही केदारनाथ में लगाई गई आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति बनाई है। यही नहीं दिल्ली में इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति भी उन्होंने ही बनाई है।
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