Aaj ka Rashifal: 5 जनवरी 2023 काे कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा
Aaj ka Rashifal: (Happy New Year 2023) आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है। यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं astrology tips और shubh muhurat तथा nakshtra और dishashul के बारे में भी बताया जाएगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
समाज में आपके कार्यों की आलोचना होगी। राजकीय सहयोग मिलेगा एवं इस क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे। वाणी पर संयम रखें। दौड़धूप अधिक रहेगी। बुरी खबर मिल सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं।
वृष
विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। कार्य निर्णय बहुत शांति से विचार करके करना ही शुभ है। मेहनत सफल रहेगी। कार्य की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। ऐश्वर्य के साधन मिलेंगे।
मिथुन
नौकरी में मनचाही पदोन्नति मिलने के योग बनेंगे। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। रुका धन मिलेगा। व्यापार में नए अनुबंध होंगे। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बना रहेगा। अजनबियों पर विश्वास न करें।
कर्क
धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम न उठाएं। प्रसन्नता रहेगी। आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है। व्ययों में कमी करना चाहिए।
सिंह
दूसरों पर अतिविश्वास न करें। वस्तुएं संभालकर रखें। आपकी मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति आपके जीवन में आनंद का संचार करेगी। फालतू खर्च होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। व्यापार अच्छा चलेगा।
कन्या
व्यवसाय ठीक चलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। सार्वजनिक कार्यों में समय व्यतीत होगा। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। संतान की ओर से शुभ समाचार मिलेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। रोजगार के क्षेत्र में उन्नति होगी।
तुला
उत्तम मनोबल आपकी सभी समस्याओं को हल कर देगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। योजना फलीभूत होगी। नए अनुबंध होंगे, प्रयास करें। प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठित जनों से मेलजोल बढ़ेगा। व्यापार में नए प्रस्ताव मिलेंगे।
वृश्चिक
अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। जीवनसाथी से मतभेद। व्यवहारकुशलता से समस्या का समाधान हो सकेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। वाहन सावधानी से चलाएं।
धनु
विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से हानि होगी। आय कम होगी। नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता का विशेष योग है। व्यापारिक निर्णय जल्दबाजी में न लें।
मकर
व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता रहेगी। प्रमाद न करें। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। राजकीय बाधा दूर होगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी। अधूरे पड़े काम पूरे होने के योग हैं।
कुंभ
यात्रा, नौकरी व निवेश लाभदायक रहेंगे। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। शत्रु परास्त होंगे। बेरोजगारी दूर होगी। आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। संतान की शिक्षा संबंधी समस्या रह सकती है।
मीन
व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। आय में अधिक व्यय से मनोबल कमजोर पड़ सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। कार्य, व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा।
दिनाँक:-05/01/2023, गुरुवार
चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष,
पौष
(समप्तिकाल)
तिथि---------- चतुर्दशी 26:13:30 तक
पक्ष------------------------- शुक्ल
नक्षत्र----------मृगशिरा 21:24:57
योग------------ शुक्ल 07:32:07
करण---------------गर 13:05:18
करण----------- वणिज 26:13:30
वार----------------------- गुरूवार
माह-------------------------- पौष
चन्द्र राशि-------- वृषभ 08:04:39
चन्द्र राशि----------------- मिथुन
सूर्य राशि-------------------- धनु
रितु------------------------ शिशिर
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)--------------------- नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत------------- 2079
शक संवत----------------- 1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:11:55
सूर्यास्त--------------- 17:37:09
दिन काल------------- 10:25:13
रात्री काल------------- 13:34:55
चंद्रोदय---------------- 16:10:06
चंद्रास्त---------------- 30:45:17
लग्न---- धनु 20°15' , 260°15'
सूर्य नक्षत्र--------------- पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र---------------- मृगशिरा
नक्षत्र पाया------------------- लोहा
पद, चरण
वो---- मृगशिरा 08:04:39
का---- मृगशिरा 14:44:27
की---- मृगशिरा 21:24:57
कु---- आर्द्रा 28:06:06
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=धनु 20 : 29 पू oषाo , 3 फा
चन्द्र =वृषभ 29°23, मृगशिरा , 2 वो
बुध =धनु 25 ° 34' उ o षाo ' 4 ढा
शुक्र=मकर 08°05, उ o षाo ' 4 जी
मंगल=वृषभ 14°30 ' रोहिणी' 2 वा
गुरु=मीन 07°30 ' उ o भा o, 2 थ
शनि=मकर 28°43 ' धनिष्ठा ' 2 गी
राहू=(व) मेष 15°50 भरणी , 2 ली
केतु=(व) तुला 15°50 विशाखा , 3 रो
शुभा शुभ मुहूर्त
राहू काल 13:43 - 15:01 अशुभ
यम घंटा 07:12 - 08:30 अशुभ
गुली काल 09:48 - 11:06 अशुभ
अभिजित 12:04 - 12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 10:40 - 11:22 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:50 - 15:32 अशुभ
वर्ज्यम 30:47* - 32:34* अशुभ
चोघडिया, दिन
शुभ 07:12 - 08:30 शुभ
रोग 08:30 - 09:48 अशुभ
उद्वेग 09:48 - 11:06 अशुभ
चर 11:06 - 12:25 शुभ
लाभ 12:25 - 13:43 शुभ
अमृत 13:43 - 15:01 शुभ
काल 15:01 - 16:19 अशुभ
शुभ 16:19 - 17:37 शुभ
चोघडिया, रात
अमृत 17:37 - 19:19 शुभ
चर 19:19 - 21:01 शुभ
रोग 21:01 - 22:43 अशुभ
काल 22:43 - 24:25* अशुभ
लाभ 24:25* - 26:06* शुभ
उद्वेग 26:06* - 27:48* अशुभ
शुभ 27:48* - 29:30* शुभ
अमृत 29:30* - 31:12* शुभ
होरा, दिन
बृहस्पति 07:12 - 08:04
मंगल 08:04 - 08:56
सूर्य 08:56 - 09:48
शुक्र 09:48 - 10:40
बुध 10:40 - 11:32
चन्द्र 11:32 - 12:25
शनि 12:25 - 13:17
बृहस्पति 13:17 - 14:09
मंगल 14:09 - 15:01
सूर्य 15:01 - 15:53
शुक्र 15:53 - 16:45
बुध 16:45 - 17:37
होरा, रात
चन्द्र 17:37 - 18:45
शनि 18:45 - 19:53
बृहस्पति 19:53 - 21:01
मंगल 21:01 - 22:09
सूर्य 22:09 - 23:17
शुक्र 23:17 - 24:25
बुध 24:25* - 25:33
चन्द्र 25:33* - 26:40
शनि 26:40* - 27:48
बृहस्पति 27:48* - 28:56
मंगल 28:56* - 30:04
सूर्य 30:04* - 31:12
उदयलग्न प्रवेशकाल
धनु > 04:47 से 06:56 तक
मकर > 06:56 से 08:36 तक
कुम्भ > 08:36 से 10:14 तक
मीन > 10: 14 से 11:38 तक
मेष > 11:38 से 13:18 तक
वृषभ > 13:18 से 17:36 तक
कर्क > 17:36 से 19:46 तक
सिंह > 19:46 से 22:02 तक
कन्या > 22:02 से 00:12 तक
तुला > 00:12 से 03:20 तक
वृश्चिक > 02:20 से 04:30 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान : दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
अग्नि वास ज्ञान
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
14 + 5 + 1 = 20 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल
14 + 14 + 5 = 33 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि सन्निधौ = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
रात्रि 26:24 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
शुभ विचार
कामधेनुगुण विद्या ह्यकाले फलदायिनी ।
प्रवासे मातृसदृशी विद्या गुप्तं धनं स्मृतम् ।।
।। चा o नी o।।
विद्या अर्जन करना यह एक कामधेनु के समान है जो हर मौसम में अमृत प्रदान करती है. वह विदेश में माता के समान रक्षक अवं हितकारी होती है. इसीलिए विद्या को एक गुप्त धन कहा जाता है.
सुभाषितानि
गीता -: विभूति योग अo-10
वक्तुमर्हस्यशेषेण दिव्या ह्यात्मविभूतयः ।,
याभिर्विभूतिभिर्लोकानिमांस्त्वं व्याप्य तिष्ठसि ॥,
इसलिए आप ही उन अपनी दिव्य विभूतियों को संपूर्णता से कहने में समर्थ हैं, जिन विभूतियों द्वारा आप इन सब लोकों को व्याप्त करके स्थित हैं॥,16॥,
Lohri पर दोस्तों को Whatsapp और Facebook पर भेजिए ये अनोखे मैसेज
हमें ट्विटर और गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें
देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।