Aaj Ka Rashifal: 10 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा

Aaj Ka Rashifal: आज 10 फरवरी, 2023 है। आइए जानते हैं कि मेष से मीन राशि के जातकों का दिन कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
Aaj Ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
योजना फलीभूत होगी। मनमाफिक स्थानांतरण या पदोन्नति हो सकती है। कार्यस्थल पर सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने की इच्छा रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। घर-परिवार की चिंता रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। दूर से अच्छी खबर मिल सकती है।
वृष
डूबी हुई रकम प्राप्त होने के योग हैं। यात्रा लाभदायक रहेगी। आय में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। कोई बुरी खबर मिल सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है।
मिथुन
ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। भूमि व भवन आदि के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। नौकरी में चैन रहेगा। शत्रु पस्त होंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। सभी कार्य पूर्ण होंगे।
कर्क
फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। धन की तंगी होगी। बेकार बातों पर ध्यान न दें। विचारों की स्पष्टता न होने से उलझनें रहेंगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। नौकरी में स्थानांतरण या परिवर्तन संभव है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा।
सिंह
प्रियजनों के साथ बेवजह रिश्तों में खटास आ सकती है। लोगों की अपेक्षाएं बढ़ेंगी। हताशा का अनुभव होगा। मन की बात किसी को न बतलाएं। संवेदनशीलता बढ़ेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। अपरिचित व्यक्तियों पर अंधविश्वास न करें।
कन्या
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। शैक्षणिक व शोध कार्य मनोनुकूल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उत्साह व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। नौकरी में कोई नया कार्य कर पाएंगे। अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। व्यापार ठीक चलेगा।
तुला
नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। मेहनत का फल प्राप्त होगा। अपेक्षित कार्य समय पर पूरे होंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबारी लाभ बढ़ेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे।
वृश्चिक
दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट से आशातीत लाभ होगा। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। तनाव व चिंता में कमी होगी। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। समय अनुकूल है। प्रसन्नता में वृद्धि होगी।
धनु
चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि की संभावना है। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। बिना वजह कहासुनी हो सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। यात्रा यथासंभव टालें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। धैर्य रखें।
मकर
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। कोई रुका काम बन सकता है। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत होगी। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।
कुंभ
आत्मसम्मान बना रहेगा। अच्छी खबर प्राप्त होगी। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। भूले-बिसरे साथी तथा रिश्तेदारों से मुलाकात होगी।
मीन
भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। कोई बड़ा काम होने से प्रसन्नता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। कारोबारी लाभ बढ़ेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी न करें।
दिनाँक:-10/02/2023, शुक्रवार
चतुर्थी, कृष्ण पक्ष,
फाल्गुन
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि----------- चतुर्थी 07:57:52 तक
पक्ष------------------------- कृष्ण
नक्षत्र------------- हस्त 24:16:42
योग-------------- धृति 16:42:43
करण----------- बालव 07:57:52
करण----------- कौलव 20:36:17
वार----------------------- शुक्रवार
माह------------------------फाल्गुन
चन्द्र राशि------------------ कन्या
सूर्य राशि------------------- मकर
रितु------------------------- वसंत
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------ शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)------------------- नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत------------------ 1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:01:46
सूर्यास्त--------------- 18:05:23
दिन काल------------- 11:03:36
रात्री काल------------ 12:55:40
चंद्रास्त--------------- 09:35:29
चंद्रोदय--------------- 22:10:31
लग्न---- मकर 26°51' , 296°51'
सूर्य नक्षत्र------------------ धनिष्ठा
चन्द्र नक्षत्र------------------- हस्त
नक्षत्र पाया------------------- रजत
पद, चरण
ष---- हस्त 11:24:35
ण---- हस्त 17:51:29
ठ---- हस्त 24:16:42
पे---- चित्रा 30:40:09
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मकर 26 : 29 धनिष्ठा , 2 गी
चन्द्र =कन्या 14°:23, हस्त। , 2 ष
बुध =मकर 03 °: 34' उ o षा o' 3 जा
शुक्र=कुम्भ 23 °05, पू o भा o ' 1 से
मंगल=वृषभ 18°30 ' रोहिणी' 3 वी
गुरु=मीन 13°30 ' उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 02°43 ' धनिष्ठा ' 3 गु
राहू=(व) मेष 14°10 भरणी , 1 ली
केतु=(व) तुला 14°10 स्वाति , 3 रो
शुभा$शुभ मुहूर्त
राहू काल 11:11 - 12:34 अशुभ
यम घंटा 15:19 - 16:42 अशुभ
गुली काल 08:25 - 09: 48अशुभ
अभिजित 12:11 - 12:56 शुभ
दूर मुहूर्त 09:15 - 09:59 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:56 - 13:40 अशुभ
वर्ज्यम 07:32 - 09:15 अशुभ
चोघडिया, दिन
चर 07:02 - 08:25 शुभ
लाभ 08:25 - 09:48 शुभ
अमृत 09:48 - 11:11 शुभ
काल 11:11 - 12:34 अशुभ
शुभ 12:34 - 13:57 शुभ
रोग 13:57 - 15:19 अशुभ
उद्वेग 15:19 - 16:42 अशुभ
चर 16:42 - 18:05 शुभ
चोघडिया, रात
रोग 18:05 - 19:42 अशुभ
काल 19:42 - 21:19 अशुभ
लाभ 21:19 - 22:56 शुभ
उद्वेग 22:56 - 24:33* अशुभ
शुभ 24:33* - 26:10* शुभ
अमृत 26:10* - 27:47* शुभ
चर 27:47* - 29:24* शुभ
रोग 29:24* - 31:01* अशुभ
होरा, दिन
शुक्र 07:02 - 07:57
बुध 07:57 - 08:52
चन्द्र 08:52 - 09:48
शनि 09:48 - 10:43
बृहस्पति 10:43 - 11:38
मंगल 11:38 - 12:34
सूर्य 12:34 - 13:29
शुक्र 13:29 - 14:24
बुध 14:24 - 15:19
चन्द्र 15:19 - 16:15
शनि 16:15 - 17:10
बृहस्पति 17:10 - 18:05
होरा, रात
मंगल 18:05 - 19:10
सूर्य 19:10 - 20:15
शुक्र 20:15 - 21:19
बुध 21:19 - 22:24
चन्द्र 22:24 - 23:29
शनि 23:29 - 24:33
बृहस्पति 24:33* - 25:38
मंगल 25:38* - 26:43
सूर्य 26:43* - 27:47
शुक्र 27:47* - 28:52
बुध 28:52* - 29:56
चन्द्र 29:56* - 31:01
उदयलग्न प्रवेशकाल
मकर > 04:28 से 06: 12 तक
कुम्भ > 06: 12 से 08:00 तक
मीन > 08: 00 से 09:22 तक
मेष > 09:22 से 10:52 तक
वृषभ > 10:52 से 12:54 तक
मिथुन > 12:54 से 15:22 तक
कर्क > 15:22 से 18:26 तक
सिंह > 18:26 से 19:38 तक
कन्या > 19:38 से 22:46 तक
तुला > 22:46 से 01:08 तक
वृश्चिक > 01:08 से 02:20 तक
धनु > 02:20 से 04: 22 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 4 + 6 + 1 = 26÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
*चतुर्थी तिथि वृद्धि
शुभ विचार
दुतो न सञ्चरति खे न चलेच्च वार्ता ।
पुर्व न जल्पितमिदं न च सड्गमोऽस्ति ।
व्योम्नि स्थितं रविशाशग्रहणं प्रशस्तं
जानाति यो द्विजवरः सकथं न विद्वान् ।।
।। चा o नी o।।
कोई संदेशवाहक आकाश में जा नहीं सकता और आकाश से कोई खबर आ नहीं सकती. वहा रहने वाले लोगो की आवाज सुनाई नहीं देती. और उनके साथ कोई संपर्क नहीं हो सकता. इसीलिए वह ब्राह्मण जो सूर्य और चन्द्र ग्रहण की भविष्य वाणी करता है, उसे विद्वान मानना चाहिए.
सुभाषितानि
गीता -: राजविद्याराजगुह्य योग अo-09
अवजानन्ति मां मूढा मानुषीं तनुमाश्रितम्।,
परं भावमजानन्तो मम भूतमहेश्वरम् ॥,
मेरे परमभाव को (गीता अध्याय 7 श्लोक 24 में देखना चाहिए) न जानने वाले मूढ़ लोग मनुष्य का शरीर धारण करने वाले मुझ संपूर्ण भूतों के महान् ईश्वर को तुच्छ समझते हैं अर्थात् अपनी योग माया से संसार के उद्धार के लिए मनुष्य रूप में विचरते हुए मुझ परमेश्वर को साधारण मनुष्य मानते हैं॥,11॥
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