Aaj Ka Rashifal: 13 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा

Aaj Ka Rashifal: आज 13 फरवरी, 2023 है। आइए जानते हैं कि मेष से मीन राशि के जातकों का दिन कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
Aaj Ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।
वृष
नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।
मिथुन
वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है।
कर्क
नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी। रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें।
सिंह
कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें।
कन्या
मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।
तुला
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पारिवारिक जीवन में तनाव हो सकता है। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ के योग हैं। स्थायी संपत्ति क्रय करने के योग बनेंगे। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भेंट होगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। दूसरों की जमानत न लें।
वृश्चिक
व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है। क्रोध पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी।
धनु
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा। संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूँजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें।
मकर
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें।
कुंभ
मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।
मीन
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।
दिनाँक: 13/02/2023, सोमवार
सप्तमी, कृष्ण पक्ष
फाल्गुन
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि-----------सप्तमी 09:45:20 तक
पक्ष------------------------- कृष्ण
नक्षत्र--------- विशाखा 26:34:34
योग------------- वृद्वि 14:14:55
करण-------------- बव 09:45:20
करण----------- बालव 21:29:54
वार------------------------सोमवार
माह----------------------- फाल्गुन
चन्द्र राशि-------- तुला 20:36:25
चन्द्र राशि------------------ वृश्चिक
सूर्य राशि-------- मकर 09:43:10
सूर्य राशि---------------------कुम्भ
रितु------------------------- वसंत
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)--------------------- नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत------------- 2079
शक संवत------------------1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 06:59:34
सूर्यास्त---------------- 18:07:34
दिन काल------------- 11:07:59
रात्री काल------------- 12:51:13
चंद्रास्त---------------- 11:11:47
चंद्रोदय---------------- 25:07:13
लग्न---- मकर 29°53' , 299°53'
सूर्य नक्षत्र------------------ धनिष्ठा
चन्द्र नक्षत्र---------------- विशाखा
नक्षत्र पाया------------------- रजत
पद, चरण
ती----विशाखा 08:32:18
तू----विशाखा 14:35:39
ते---- विशाखा 20:36:25
तो----विशाखा 26:34:34
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मकर 29 : 29 धनिष्ठा , 2 गी
चन्द्र =तुला 22°:23, विशाखा , 1 ती
बुध =मकर 08 °: 34' उ o षा o' 4 जी
शुक्र=कुम्भ 26 °05, पू o भा o ' 2 सो
मंगल=वृषभ 19°30 ' रोहिणी' 3 वी
गुरु=मीन 14°30 ' उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 03°43 ' धनिष्ठा ' 3 गु
राहू=(व) मेष 13°40 भरणी , 1 ली
केतु=(व) तुला 13°40 स्वाति , 3 रो
शुभा$शुभ मुहूर्त
राहू काल 08:23 - 09:47 अशुभ
यम घंटा 11:10 - 12:34 अशुभ
गुली काल 13:57 - 15: 21अशुभ
अभिजित 12:11 - 12:56 शुभ
दूर मुहूर्त 12:56 - 13:40 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:09 - 15:54 अशुभ
वर्ज्यम 08:08 - 09:45 अशुभ
चोघडिया, दिन
अमृत 06:59 - 08:23 शुभ
काल 08:23 - 09:47 अशुभ
शुभ 09:47 - 11:10 शुभ
रोग 11:10 - 12:34 अशुभ
उद्वेग 12:34 - 13:57 अशुभ
चर 13:57 - 15:21 शुभ
लाभ 15:21 - 16:44 शुभ
अमृत 16:44 - 18:08 शुभ
चोघडिया, रात
चर 18:08 - 19:44 शुभ
रोग 19:44 - 21:20 अशुभ
काल 21:20 - 22:57 अशुभ
लाभ 22:57 - 24:33* शुभ
उद्वेग 24:33* - 26:10* अशुभ
शुभ 26:10* - 27:46* शुभ
अमृत 27:46* - 29:22* शुभ
चर 29:22* - 30:59* शुभ
होरा, दिन
चन्द्र 06:59 - 07:55
शनि 07:55 - 08:51
बृहस्पति 08:51 - 09:47
मंगल 09:47 - 10:42
सूर्य 10:42 - 11:38
शुक्र 11:38 - 12:34
बुध 12:34 - 13:29
चन्द्र 13:29 - 14:25
शनि 14:25 - 15:21
बृहस्पति 15:21 - 16:16
मंगल 16:16 - 17:12
सूर्य 17:12 - 18:08
होरा, रात
शुक्र 18:08 - 19:12
बुध 19:12 - 20:16
चन्द्र 20:16 - 21:20
शनि 21:20 - 22:25
बृहस्पति 22:25 - 23:29
मंगल 23:29 - 24:33
सूर्य 24:33* - 25:37
शुक्र 25:37* - 26:42
बुध 26:42* - 27:46
चन्द्र 27:46* - 28:50
शनि 28:50* - 29:55
बृहस्पति 29:55* - 30:59
उदयलग्न प्रवेशकाल
मकर > 04:16 से 06: 00 तक
कुम्भ > 06: 00 से 07:48 तक
मीन > 07:48 से 09:10 तक
मेष > 09:10 से 10:40 तक
वृषभ > 10:40 से 12:42 तक
मिथुन > 12:42 से 15:10 तक
कर्क > 15:10 से 18:14 तक
सिंह > 18:14 से 19:26 तक
कन्या > 19:26 से 22:34 तक
तुला > 22:34 से 00:58 तक
वृश्चिक > 00:56 से 02:08 तक
धनु > 02:08 से 04: 10 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 7 + 2 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
22 + 22 + 5 = 49 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
*नंद सप्तमी
*कालाष्टमी
*कुंभे सूर्य: 09:43
*सर्वर्थसिद्धि योग 26:34 से
*सरोजिनी नायडू पुण्य तिथि
शुभ विचार
तादृशी जायते बुध्दिर्व्यवसायोऽपि तादृशः ।
सहायास्तादृशा एव यादृशी भवितव्यता ।।
।। चा o नी o।।
सर्व शक्तिमान के इच्छा से ही बुद्धि काम करती है, वही कर्मो को नियंत्रीत करता है. उसी की इच्छा से आस पास में मदद करने वाले आ जाते है.
सुभाषितानि
गीता -: राजविद्याराजगुह्य योग अo-09
सततं कीर्तयन्तो मां यतन्तश्च दृढ़व्रताः ।,
नमस्यन्तश्च मां भक्त्या नित्ययुक्ता उपासते ॥,
वे दृढ़ निश्चय वाले भक्तजन निरंतर मेरे नाम और गुणों का कीर्तन करते हुए तथा मेरी प्राप्ति के लिए यत्न करते हुए और मुझको बार-बार प्रणाम करते हुए सदा मेरे ध्यान में युक्त होकर अनन्य प्रेम से मेरी उपासना करते हैं॥,14॥
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