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Aaj Ka Rashifal: 18 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्‍यौरा

Aaj Ka Rashifal: 18 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्‍यौरा

Aaj Ka Rashifal: आज 18 फरवरी, 2023 है। आइए जानते हैं कि मेष से मीन राशि के जातकों का दिन कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्‍या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्‍यौरा उपलब्‍ध है।

Aaj Ka Rashifal: आचार्य  नीरज  पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्‍य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्‍या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्‍यौरा उपलब्‍ध है।

यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।

दैनिक राशिफल

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मेष

नौकरी में प्रमोशन व प्रशंसा मिल सकते हैं। नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। लॉटरी व सट्टे के चक्कर में न पड़ें। बेरोजगारी दूर होने के योग हैं। प्रयास करें। किसी बड़ी समस्या से छुटकारा मिलेगा। अज्ञात भय रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। जल्दबाजी न करें।

वृष

लेन-देन में सावधानी रखें। धनहानि के योग हैं। आय बनी रहेगी। व्यवसाय में ध्यान दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से हानि होगी। पुरानी व्याधि उठ सकती है। सावधानी आवश्यक है। क्रोध न करें। किसी भी निर्णय के लेने में जल्दबाजी न करें। विवेक से कार्य करें।

मिथुन

उत्साह बना रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। परिवार के सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। बेचैनी रहेगी। थकान महसूस होगी। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। कोई भी निर्णय सोच-समझकर करें। जल्दबाजी न करें। मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा।

कर्क

दौड़धूप अधिक होगी। व्यवसाय में उतार-चढ़ाव रहेंगे। नौकरी में कार्यभार बढ़ेगा। आय में कमी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। कार्य की गति रुकेगी। शोक समाचार मिल सकता है। कानूनी अड़चन आ सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें।

सिंह

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। पठन-पाठन व लेखन में मन लगेगा। वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा।

कन्या

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम बनेंगे। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। काफी समय से अटके काम पूरे होंगे। आय में वृद्धि होगी। वरिष्ठ वक्तियों का मार्गदर्शन मिल सकता है। आने-जाने में दुर्घटना का भय रहेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

तुला

उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आय बनी रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। विवाद के मौके टालें। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। वरिष्ठ मार्गदर्शन करेंगे। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी।

वृश्चिक

स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। शत्रु मौका ढूंढेंगे, सावधान रहें। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। दुकान, फैक्टरी व शोरूम इत्यादि की प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे।

धनु

प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। किसी बड़े काम के होने से प्रसन्नता रहेगी। मातहत साथ देंगे। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। काफी समय से अटके कामों में गति आएगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। भाग्य का साथ रहेगा। आर्थिक नीति में परिवर्तन संभव है। तत्काल लाभ नहीं होगा।

मकर

सामंजस्य बैठाएं। आय में निश्चितता रहेगी। किसी बाहरी व्यक्ति का सहयोग मिलेगा। जल्दबाजी व लापरवाही से बड़ी हानि हो सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। बनते काम में विघ्न उत्पन्न होगा। तनाव रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर अशांति रहेगी।

कुंभ

व्यापार में लाभ बढ़ेगा। नौकरी मनोनुकूल रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। अध्यात्म में रुचि रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। प्रतिद्वंद्वी घुटने टेकेंगे। जल्दबाजी में लेनदेन नहीं करें। कानूनी अड़चन दूर होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। तनाव रहेगा। घर में सुख-शांति रहेगी।

मीन

नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। उत्साह तथा प्रसन्नता में वृद्धि होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। निवेश शुभ रहेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। कारोबार में वृद्धि होगी। आय में वृद्धि होगी।

दिनाँक:-18/02/2023, शनिवार

त्रयोदशी, कृष्ण पक्ष,
फाल्गुन
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)

तिथि----------    त्रयोदशी    20:01:42         तक 
पक्ष-------------------------    कृष्ण
नक्षत्र------    उत्तराषाढा    17:40:46
योग----------    व्यतिपत    19:34:41
करण-------------    गर    09:50:34
करण-----------    वणिज    20:01:42
करण-------    विष्टि भद्र    30:10:18
वार-----------------------    शनिवार
माह----------------------     फाल्गुन
चन्द्र राशि------------------   मकर
सूर्य राशि-------------------   कुम्भ
रितु-------------------------    वसंत 
आयन------------------    उत्तरायण
संवत्सर-------------------    शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)---------------------    नल
विक्रम संवत----------------    2079 
गुजराती संवत--------------    2079 
शक संवत-----------------    1944

वृन्दावन 

सूर्योदय---------------    06:55:33    
सूर्यास्त---------------    18:11:04
दिन काल-------------    11:15:31    
रात्री काल-------------    12:43:36
चंद्रास्त----------------    15:58:37    
चंद्रोदय---------------    30:17:28

लग्न---- कुम्भ 4°56' , 304°56'

सूर्य नक्षत्र------------------    धनिष्ठा
चन्द्र नक्षत्र--------------    उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया-------------------- ताम्र 

पद, चरण

भो---- उत्तराषाढा    07:06:09

जा---- उत्तराषाढा    12:23:54

जी---- उत्तराषाढा    17:40:46

खी---- श्रवण    22:56:54

खू---- श्रवण    28:12:31

ग्रह गोचर

ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
==========================
सूर्य=कुम्भ   04 : 29  धनिष्ठा  ,       4         गे
चन्द्र =मकर 03°:23, उ o षाo  ,            2     भो 
बुध =मकर 15 °: 34'      श्रवण'     2        खू 
शुक्र=मीन 03 °05,  पू o भा o   '      4       दी 
मंगल=वृषभ  20°30  ' रोहिणी'      4         वू 
गुरु=मीन  15°30 '   उ o भा o,        4        ञ 
शनि=कुम्भ 03°43 '      धनिष्ठा   '     4       गे       
राहू=(व) मेष  13°40     भरणी ,       1       ली 
केतु=(व) तुला 13°40   स्वाति ,     3           रो 

शुभा$शुभ मुहूर्त

राहू काल    09:44 - 11:09    अशुभ
यम घंटा    13:58 - 15:22    अशुभ
गुली काल    06:56 - 08:20 अशुभ 
अभिजित    12:11 - 12:56    शुभ
दूर मुहूर्त    08:26 - 09:11    अशुभ
वर्ज्यम    21:12 - 22:36    अशुभ

चोघडिया, दिन

काल    06:56 - 08:20    अशुभ
शुभ    08:20 - 09:44    शुभ
रोग    09:44 - 11:09    अशुभ
उद्वेग    11:09 - 12:33    अशुभ
चर    12:33 - 13:58    शुभ
लाभ    13:58 - 15:22    शुभ
अमृत    15:22 - 16:47    शुभ
काल    16:47 - 18:11    अशुभ

चोघडिया, रात

लाभ    18:11 - 19:47    शुभ
उद्वेग    19:47 - 21:22    अशुभ
शुभ    21:22 - 22:57    शुभ
अमृत    22:57 - 24:33*    शुभ
चर    24:33* - 26:08*    शुभ
रोग    26:08* - 27:44*    अशुभ
काल    27:44* - 29:19*    अशुभ
लाभ    29:19* - 30:55*    शुभ

होरा, दिन

शनि    06:56 - 07:52
बृहस्पति    07:52 - 08:48
मंगल    08:48 - 09:44
सूर्य    09:44 - 10:41
शुक्र    10:41 - 11:37
बुध    11:37 - 12:33
चन्द्र    12:33 - 13:30
शनि    13:30 - 14:26
बृहस्पति    14:26 - 15:22
मंगल    15:22 - 16:18
सूर्य    16:18 - 17:15
शुक्र    17:15 - 18:11

होरा, रात

बुध    18:11 - 19:15
चन्द्र    19:15 - 20:18
शनि    20:18 - 21:22
बृहस्पति    21:22 - 22:26
मंगल    22:26 - 23:29
सूर्य    23:29 - 24:33
शुक्र    24:33* - 25:37
बुध    25:37* - 26:40
चन्द्र    26:40* - 27:44
शनि    27:44* - 28:47
बृहस्पति    28:47* - 29:51
मंगल    29:51* - 30:55

उदयलग्न प्रवेशकाल

मकर   > 03:56   से 05: 38  तक
कुम्भ   > 05: 38  से  07:32  तक
मीन    > 07:32   से  08:54 तक
मेष     > 08:54    से  10:24  तक
वृषभ   > 10:24   से  12:26  तक 
मिथुन  > 12:26   से  14:54  तक 
कर्क    > 14:54   से  17:58  तक
सिंह    >  17:58  से  19:10    तक
कन्या  > 19:10    से  22:18   तक
तुला   >  22:18    से  00:42  तक
वृश्चिक > 00:42   से  01:52  तक
धनु     > 01:52   से   03: 54 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप) 
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट

नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान-------------पूर्व

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो  लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

अग्नि वास ज्ञान

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 13 + 7 + 1 = 36 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

ग्रह मुख आहुति ज्ञान

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

28 + 28 + 5 =  61 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 20:01 से रात्रि 30:10

पाताल लोक = धनलाभ कारक

विशेष जानकारी

*शनि प्रदोष व्रत (शिव पूजन)

*महा शिवरात्रि व्रत 

*बैद्यनाथ जयंती 

शुभ विचार

श्वानपुच्छमिच व्यर्थ जीवितं विद्यया विना ।
न गुह्यगोपने शक्तं न च दंशनिवारणे ।।
।। चा o नी o।।

एक अनपढ़ आदमी की जिंदगी किसी कुत्ते की पूछ की तरह बेकार है. उससे ना उसकी इज्जत ही ढकती है और ना ही कीड़े मक्खियों को भागने के काम आती है.

सुभाषितानि

गीता -: राजविद्याराजगुह्य योग अo-09

तपाम्यहमहं वर्षं निगृह्‌णाम्युत्सृजामि च ।,
अमृतं चैव मृत्युश्च सदसच्चाहमर्जुन ॥,

मैं ही सूर्यरूप से तपता हूँ, वर्षा का आकर्षण करता हूँ और उसे बरसाता हूँ।, हे अर्जुन! मैं ही अमृत और मृत्यु हूँ और सत्‌-असत्‌ भी मैं ही हूँ॥,19॥

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