Aaj Ka Rashifal: 2 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा
Aaj Ka Rashifal: आज 2 फरवरी, 2023 है। आइए जानते हैं कि मेष से मीन राशि के जातकों का दिन कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
Aaj Ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
मेहनत रंग लाएगी। कार्य की प्रशंसा होगी। यात्रा सफल रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। लाभ होगा। वाहन क्रय करने के योग बनेंगे। इच्छाशक्ति का लाभ मिलेगा। पारिवारिक वातावरण से आशान्वित रहेंगे। स्थायी संपत्ति, क्रय-विक्रय से लाभ की संभावना है।
वृष
पुराना रोग उभर सकता है। शोक समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। मेहनत अधिक होगी। थकान रहेगी। व्यर्थ खींचतान में नुकसान संभव है। आर्थिक मामलों में विश्वास, भरोसे में नहीं रहें। दिन प्रतिकूल रहेगा। स्वभावगत चंचलता में कमी करना होगी।
मिथुन
विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। सतर्कता एवं सावधानीपूर्वक व्यापारिक योजनाओं को अंजाम दें। विद्यार्थी शिक्षा में उल्लेखनीय सफलता अर्जित करेंगे। यात्रा न करें। पुराना रोग उभर सकता है। कार्य में लापरवाही व जल्दबाजी न करें। कुसंगति से बचें।
कर्क
विवेक से कार्य करें। दूसरों पर विश्वास न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापारिक प्रतिष्ठा, लेन-देन अन्य कानूनी परेशानी संभव है। परिवार में किसी से विवाद होने की आशंका है। अनिश्चितता का वातावरण रहेगा। अपने कार्य-निर्णय गुप्त रखें। व्ययवृद्धि होगी।
सिंह
उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा। बड़े एवं प्रतिष्ठित लोगों से संबंधों का लाभ मिल सकेगा। जोखिम, जवाबदारी के कामों में सावधानी आवश्यक है। पारिवारिक वातावरण खुशनुमा रहेगा।
कन्या
पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। उत्तेजित न हों। लाभ होगा। रोजगार की संभावनाएँ बढ़ेंगी। महत्व के मामले सुलझेंगे। घर में मूल्यवान वस्तुओं को संभालना होगा। विरोधी, शत्रु शांत रहेंगे।
तुला
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। आशानुरूप आमदनी होगी। व्यापार-व्यवसाय में अनुभव, निवेश में सफलता मिलेगी। समय का सदुपयोग होगा।
वृश्चिक
बेरोजगारी दूर होगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। नौकरी, रोजगार में उन्नति, सहयोग संभव है। आवश्यक मार्गदर्शन मिलेगा। संतान पक्ष के स्थायित्व की बात बनेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखना होगा।
धनु
परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। कानूनी बाधा दूर होगी। अपरिचित व्यक्तियों के सहयोग से आत्मविश्वास का संचार होगा। खर्चों में कमी का प्रयास करना होगा। लाभकारी निवेश बढ़ेगा।
मकर
रुका हुआ धन प्राप्त होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। थकान रहेगी। यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में पद, स्थिति से लाभान्वित हो पाएँगे। परिश्रम की अधिकता रहेगी। आर्थिक मामलों में लोभ, प्रलोभन से बचें। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा।
कुंभ
कार्यस्थल पर सुधार होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। मान-सम्मान बढ़ेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। कार्य में प्रगति, उत्साह रहेगा। दूसरों की दखलंदाजी पसंद नहीं आएगी। कर्ज, लेन-देन कम होगा। भेंट, उपहार की प्राप्ति होगी।
मीन
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। महत्वपूर्ण व्यक्ति सहायता को आगे आएंगे। कार्यसिद्धि होगी। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। उत्साहपूर्वक व्यावसायिक योजनाओं को पूरा करेंगे। अचानक धन की प्राप्ति संभव है। कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी। अनुज सहयोग करेंगे।
दिनाँक:-02/02/2023, गुरुवार
द्वादशी, शुक्ल पक्ष,
माघ
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि---------- द्वादशी 16:25:38 तक
पक्ष------------------------- शुक्ल
नक्षत्र---------- आर्द्रा 30:16:58
योग------------ वैधृति 12:10:36
करण----------- बालव 16:25:37
करण----------- कौलव 29:40:57
वार----------------------- गुरूवार
माह-------------------------- माघ
चन्द्र राशि------------------ मिथुन
सूर्य राशि------------------- मकर
रितु------------------------ शिशिर
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ----------------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत----------------- 1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:06:44
सूर्यास्त--------------- 17:59:18
दिन काल------------- 10:52:33
रात्री काल------------- 13:06:53
चंद्रोदय---------------- 14:56:23
चंद्रास्त---------------- 29:32:00
लग्न---- मकर 18°45' , 288°45'
सूर्य नक्षत्र------------------ श्रवण
चन्द्र नक्षत्र------------------- आर्द्रा
नक्षत्र पाया------------------- रजत
पद, चरण
कु---- आर्द्रा 10:05:08
घ---- आर्द्रा 16:48:42
ङ---- आर्द्रा 23:32:41
छ---- आर्द्रा 30:16:58
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मकर 18 : 29 श्रवण , 3 खे
चन्द्र =मिथुन 08°:23, आर्द्रा , 1 कु
बुध =धनु 23°: 34' पूo षा o ' 3 फा
शुक्र=कुम्भ 13°05, शतभिषा ' 2 सा
मंगल=वृषभ 16°30 ' रोहिणी' 2 वा
गुरु=मीन 12°30 ' उ o भा o, 3 झ
शनि=कुम्भ 01°43 ' धनिष्ठा ' 3 गु
राहू=(व) मेष 14°30 भरणी , 1 ली
केतु=(व) तुला 14°30 स्वाति , 3 रो
शुभा$शुभ मुहूर्त
राहू काल 13:55 - 15:16 अशुभ
यम घंटा 07:07 - 08:28 अशुभ
गुली काल 09:50 - 11: 11अशुभ
अभिजित 12:11 - 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 10:44 - 11:28 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:05 - 15:49 अशुभ
वर्ज्यम 12:47 - 14:34 अशुभ
चोघडिया, दिन
शुभ 07:07 - 08:28 शुभ
रोग 08:28 - 09:50 अशुभ
उद्वेग 09:50 - 11:11 अशुभ
चर 11:11 - 12:33 शुभ
लाभ 12:33 - 13:55 शुभ
अमृत 13:55 - 15:16 शुभ
काल 15:16 - 16:38 अशुभ
शुभ 16:38 - 17:59 शुभ
चोघडिया, रात
अमृत 17:59 - 19:38 शुभ
चर 19:38 - 21:16 शुभ
रोग 21:16 - 22:54 अशुभ
काल 22:54 - 24:33* अशुभ
लाभ 24:33* - 26:11* शुभ
उद्वेग 26:11* - 27:49* अशुभ
शुभ 27:49* - 29:28* शुभ
अमृत 29:28* - 31:06* शुभ
होरा, दिन
बृहस्पति 07:07 - 08:01
मंगल 08:01 - 08:56
सूर्य 08:56 - 09:50
शुक्र 09:50 - 10:44
बुध 10:44 - 11:39
चन्द्र 11:39 - 12:33
शनि 12:33 - 13:27
बृहस्पति 13:27 - 14:22
मंगल 14:22 - 15:16
सूर्य 15:16 - 16:11
शुक्र 16:11 - 17:05
बुध 17:05 - 17:59
होरा, रात
चन्द्र 17:59 - 19:05
शनि 19:05 - 20:10
बृहस्पति 20:10 - 21:16
मंगल 21:16 - 22:22
सूर्य 22:22 - 23:27
शुक्र 23:27 - 24:33
बुध 24:33* - 25:38
चन्द्र 25:38* - 26:44
शनि 26:44* - 27:49
बृहस्पति 27:49* - 28:55
मंगल 28:55* - 30:01
सूर्य 30:01* - 31:06
उदयलग्न प्रवेशकाल
मकर > 04:58 से 06: 40 तक
कुम्भ > 06: 40 से 08:28 तक
मीन > 08: 28 से 09:50 तक
मेष > 09:50 से 11:26 तक
वृषभ > 11:26 से 15:50 तक
कर्क > 15:50 से 18:54 तक
सिंह > 18:54 से 20:06 तक
कन्या > 20:06 से 10:14 तक
तुला > 10:14 से 01:36 तक
वृश्चिक > 01:36 से 02:48 तक
धनु > 02:48 से 04: 50 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
12 + 12 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
12 + 12 + 5 = 38 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
*प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
* सर्वार्थ सिद्धि योग 30:17 से
*दस्तकार दिवस
*कैंसर सुरक्षा दिवस
*बृज महोत्सव प्रारम्भ (भरतपुर)
शुभ विचार
अनागतविधाता च प्रत्युत्पन्नमतिस्तथा ।
द् वावेतौ सुखमेधेते यद्भविष्यो विनश्यति ।।
।। चा o नी o।।
जो भविष्य के लिए तैयार है और जो किसी भी परिस्थिति को चतुराई से निपटता है. ये दोनों व्यक्ति सुखी है. लेकिन जो आदमी सिर्फ नसीब के सहारे चलता है वह बर्बाद होता है.
सुभाषितानि
गीता -: राजविद्याराजगुह्य योग अo-09
राजविद्या राजगुह्यं पवित्रमिदमुत्तमम् ।,
प्रत्यक्षावगमं धर्म्यं सुसुखं कर्तुमव्ययम् ॥,
यह विज्ञान सहित ज्ञान सब विद्याओं का राजा, सब गोपनीयों का राजा, अति पवित्र, अति उत्तम, प्रत्यक्ष फलवाला, धर्मयुक्त, साधन करने में बड़ा सुगम और अविनाशी है॥,2॥
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