Aaj Ka Rashifal: 31 जनवरी 2023 काे कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा
Aaj Ka Rashifal: आज 31 जनवरी, 2023 है। आइए जानते हैं कि मेष से मीन राशि के जातकों का दिन कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
Aaj Ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
अपेक्षित कार्यों में अप्रत्याशित बाधा आ सकती है। तनाव रहेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। राज्य के प्रतिनिधि सहयोग करेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद से क्लेश संभव है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें।
वृष
भूमि, भवन, दुकान व फैक्टरी आदि के खरीदने की योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। अपरिचितों पर अतिविश्वास न करें। प्रमाद न करें। कुबुद्धि हावी रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।
मिथुन
कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। मातहतों से संबंध सुधरेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। जल्दबाजी न करें। कष्ट, भय, चिता व बेचैनी का वातावरण बन सकता है।
कर्क
पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। सुख के साधनों पर व्यय हो सकता है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। प्रमाद न करें। बेचैनी रहेगी। चोट व रोग से बचें। काम का विरोध होगा। तनाव रहेगा। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल होंगे।
सिंह
नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। कारोबारी अनुबंधों में वृद्धि हो सकती है। समय का लाभ लें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। कानूनी बाधा आ सकती है। विवाद न करें।
कन्या
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बेचैनी रहेगी। थकान महसूस होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।
तुला
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी विवाद में उलझ सकते हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जोखिम न उठाएं। घर-बाहर असहयोग मिलेगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। आय में कमी हो सकती है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है।
वृश्चिक
पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। पारिवारिक चिंता में वृद्धि होगी। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी के व्यवहार से क्लेश हो सकता है।
धनु
शुभ समाचार मिलेंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार के साथ मनोरंजन का कार्यक्रम बन सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार में तनाव रह सकता है।
मकर
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय के स्रोतों में वृद्धि हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। चोट व रोग से बाधा संभव है। फालतू खर्च होगा। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। शत्रु नतमस्तक होंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। प्रयास सफल रहेंगे।
कुंभ
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कोई बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी।
मीन
विद्यार्थी वर्ग सफलता अर्जित करेगा। पठन-पाठन में मन लगेगा। दूर यात्रा की योजना बन सकती है। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। वरिष्ठजनों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। बेचैनी रहेगी। धनार्जन सुगम होगा।
दिनाँक:-31/01/2023, मंगलवार
दशमी, शुक्ल पक्ष,
माघ
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि----------- दशमी 11:53:14 तक
पक्ष------------------------- शुक्ल
नक्षत्र--------- रोहिणी 24:38:06
योग------------- ब्रह्म 10:57:25
करण------------- गर 11:53:14
करण----------- वणिज 24:54:43
वार---------------------- मंगलवार
माह-------------------------- माघ
चन्द्र राशि------------------ वृषभ
सूर्य राशि------------------- मकर
रितु------------------------- वसंत
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ----------------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत------------- 2079
शक संवत-------------------1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:07:46
सूर्यास्त--------------- 17:57:43
दिन काल------------- 10:49:57
रात्री काल--------------13:09:32
चंद्रोदय--------------- 13:21:33
चंद्रास्त---------------- 27:46:41
लग्न---- मकर 16°43' , 286°43'
सूर्य नक्षत्र-------------------श्रवण
चन्द्र नक्षत्र------------------ रोहिणी
नक्षत्र पाया------------------- लोहा
पद, चरण
वा---- रोहिणी 11:22:59
वी---- रोहिणी 17:59:50
वु---- रोहिणी 24:38:06
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मकर 16 : 29 श्रवण , 3 खे
चन्द्र =वृषभ 14°:23, रोहिणी , 2 वा
बुध =धनु 21°: 34' पूo षा o ' 3 फा
शुक्र=कुम्भ 10°05, शतभिषा ' 2 सा
मंगल=वृषभ 15°30 ' रोहिणी' 2 वा
गुरु=मीन 11°30 ' उ o भा o, 3 झ
शनि=कुम्भ 01°43 ' धनिष्ठा ' 3 गु
राहू=(व) मेष 14°30 भरणी , 1 ली
केतु=(व) तुला 14°30 स्वाति , 3 रो
शुभा$शुभ मुहूर्त
राहू काल 15:15 - 16:36 अशुभ
यम घंटा 09:50 - 11:12 अशुभ
गुली काल 12:33 - 13:54 अशुभ
अभिजित 12:11 - 12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 09:18 - 10:01 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:14 - 23:57 अशुभ
वर्ज्यम 15:47 - 17:33 अशुभ
चोघडिया, दिन
रोग 07:08 - 08:29 अशुभ
उद्वेग 08:29 - 09:50 अशुभ
चर 09:50 - 11:12 शुभ
लाभ 11:12 - 12:33 शुभ
अमृत 12:33 - 13:54 शुभ
काल 13:54 - 15:15 अशुभ
शुभ 15:15 - 16:36 शुभ
रोग 16:36 - 17:58 अशुभ
चोघडिया, रात
काल 17:58 - 19:36 अशुभ
लाभ 19:36 - 21:15 शुभ
उद्वेग 21:15 - 22:54 अशुभ
शुभ 22:54 - 24:33* शुभ
अमृत 24:33* - 26:11* शुभ
चर 26:11* - 27:50* शुभ
रोग 27:50* - 29:29* अशुभ
काल 29:29* - 31:07* अशुभ
होरा, दिन
मंगल 07:08 - 08:02
सूर्य 08:02 - 08:56
शुक्र 08:56 - 09:50
बुध 09:50 - 10:44
चन्द्र 10:44 - 11:39
शनि 11:39 - 12:33
बृहस्पति 12:33 - 13:27
मंगल 13:27 - 14:21
सूर्य 14:21 - 15:15
शुक्र 15:15 - 16:09
बुध 16:09 - 17:04
चन्द्र 17:04 - 17:58
होरा, रात
शनि 17:58 - 19:04
बृहस्पति 19:04 - 20:09
मंगल 20:09 - 21:15
सूर्य 21:15 - 22:21
शुक्र 22:21 - 23:27
बुध 23:27 - 24:33
चन्द्र 24:33* - 25:38
शनि 25:38* - 26:44
बृहस्पति 26:44* - 27:50
मंगल 27:50* - 28:56
सूर्य 28:56* - 30:01
शुक्र 30:01* - 31:07
उदयलग्न प्रवेशकाल
मकर > 05:06 से 06:54 तक
कुम्भ > 06:54 से 08:36 तक
मीन > 08: 36 से 09:54 तक
मेष > 09:54 से 11:30 तक
वृषभ > 11:30 से 15:58 तक
कर्क > 15:58 से 18:04 तक
सिंह > 18:04 से 20:18 तक
कन्या > 20:18 से 10:22 तक
तुला > 10:22 से 01:46 तक
वृश्चिक > 01:46 से 02:56 तक
धनु > 02:56 से 05:02 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
10 + 3 + 1 = 14 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
10+ 10 + 5 = 25 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
रात्रि 24:58 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
विशेष जानकारी
*ठाकुर राधादामोदार प्राकट्योत्सव वृन्दावन
*रोहिणी व्रत
*गुरु हरराय जयंती
*जयशंकर प्रसार जयंती (तिथि अनुसार)
शुभ विचार
अहो वत ! विचित्राणि चरितानि महात्मनाम् ।
लक्ष्मी तृणाय मन्यन्ते तद्भारेण नमन्ति च ।।
।। चा o नी o।।
देखिये क्या आश्चर्य है? बड़े लोग अनोखी बाते करते है. वे पैसे को तो तिनके की तरह मामूली समझते है लेकिन जब वे उसे प्राप्त करते है तो उसके भार से और विनम्र होकर झुक जाते है.
सुभाषितानि
गीता -: विभूति योग अo-10
अथवा बहुनैतेन किं ज्ञातेन तवार्जुन ।,
विष्टभ्याहमिदं कृत्स्नमेकांशेन स्थितो जगत् ॥,
अथवा हे अर्जुन! इस बहुत जानने से तेरा क्या प्रायोजन है।, मैं इस संपूर्ण जगत् को अपनी योगशक्ति के एक अंश मात्र से धारण करके स्थित हूँ॥,42॥
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