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Success Story : ऑटो ड्राइवर के बेटे ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, सबसे कम उम्र में बने IAS अफसर

Success Story : ऑटो ड्राइवर के बेटे ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, सबसे कम उम्र में बने IAS अफसर 
IAS Success Story : हर साल लाखों बच्चे ससस बनने के लिए आते हैं लेकिन क्या सभी IAS बन पाते हैं, जवाब है नहीं, क्योंकि मेहनत करेगा वही सफल होगा ना तो असफल होगा। आज हम आपको एक ऑटो रिक्शा के बेटे की कामयाबी की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने सभी रिकॉर्ड तोड़ अपने सपनों को पूरा किया। 
 

Haryana News Post : UPSC Success Story : आज हम आपको एक ऐसे अफसर की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने अपने पापा के सपनों को पूरा करने के लिए सारे रिकॉर्ड जोड़ सबसे कम उम्र में IAS बने. जी हा.. हम बात कर रहे हैं अंसार शेख की, जिसने अपनी मेहनत और लगन से परीक्षा को पास किया है.

वैसे तो लाखों बच्चे परीक्षा में बैठते हैं लेकिन जो कड़ी मेहनत करता है वही पार लगाता है और अपने और अपने घर वालों के सपनों को पूरा करता है। ऐसी ही कहानी है अंसार शेख की, जिसने 2016 में 21 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के आईएएस बनकर इतिहास रच दिया था. अपने पहले प्रयास में, यूपीएससी 2016 में, उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 361 हासिल की थी.

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अंसार शेख ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से राजनीति विज्ञान(Political Science from Ferguson College)में ग्रेजुएट किया है. PG  के लिए उन्हें भेदभाव का एक्सपीरिएंस भी हुआ था. आवास प्राप्त करने में असमर्थ होने के कारण उन्हें अपना नाम बदलना पड़ा. अंसार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि "मैंने कहा था कि मेरा नाम शुभम था, जो वास्तव में मेरे दोस्त का नाम था. अब मुझे अपना असली नाम छिपाने की जरूरत नहीं है," 

अंसार शेख(Ansar Sheikh) के पिता, योनस शेख अहमद, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में एक ऑटोरिक्शा चालक के रूप में काम करते थे. उसकी मां खेत में काम करती थीं. अंसार शेख का पालन-पोषण एक परिवार में बहुत मुश्किलों से हुआ. उनके छोटे भाई ने सातवीं कक्षा में स्कूल छोड़ दिया और परिवार का सपोर्ट करने के लिए गैरेज में काम किया और यूपीएससी परीक्षा(UPSC Exam) की तैयारी में अंसार की मदद की.

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अंसार शेख का बचपन किसी संघर्ष से कम नहीं था, लेकिन, इन तमाम चुनौतियों के बावजूद अंसार ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की. तमाम बाधाओं के बावजूद अंसार अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटके. अंसार ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने के बजाय एक अलग रास्ता चुना, इस प्रक्रिया में इतिहास रच दिया. उनका प्रदर्शन और भी प्रभावशाली है जब कोई इस तथ्य पर विचार करता है कि उनके परिवार ने शिक्षा को उच्च मूल्य नहीं दिया. अंसार शेख वर्तमान में पश्चिम बंगाल में तैनात हैं.


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