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Haryana News: कांग्रेस में मचे घमासान पर सख्त हुआ हाईकमान

Haryana News: कांग्रेस में मचे घमासान पर सख्त हुआ हाईकमान
Haryana News: हरियाणा कांग्रेस में इन दिनों में जमकर कलह मचा हुआ है पार्टी में दो धड़े आमने-सामने है आदमपुर की हार ने पार्टी को पूरी तरह से बेदम कर दिया है। एक तरफ जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके समर्थकों का खेमा है तो दूसरी तरफ किरण चौधरी कुमारी शैलजा एकजुट है दोनों पक्ष एक दूसरे पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे।

Haryana News: हरियाणा कांग्रेस में इन दिनों में जमकर कलह मचा हुआ है पार्टी में दो धड़े आमने-सामने है आदमपुर की हार ने पार्टी को पूरी तरह से बेदम कर दिया है। एक तरफ जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके समर्थकों का खेमा है तो दूसरी तरफ किरण चौधरी कुमारी शैलजा एकजुट है दोनों पक्ष एक दूसरे पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे।

निरंतर जारी कलह को देखते हुए कांग्रेस पार्टी हाईकमान हरियाणा कांग्रेस के साफ कर दिया कि एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाओ।  हरियाणा प्रदेश में जो चल रहा है वह ठीक नहीं है।  

इसलिए सभी पक्षों को पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए लेकिन यहां स्थिति धरातल पर कतई उलट है। पिछले कुछ दिन से हुड्डा समर्थक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान और किरण चौधरी ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था।

सूत्रों के अनुसार हरियाणा के पार्टी दिग्गजों को हाईकमान ने टाइट कर दिया है कि वह दूसरे के खिलाफ इस तरह के बयान बाजी ना करें इससे ना केवल पार्टी कमजोर हो रही है बल्कि आने वाले समय में कांग्रेस की राह और भी कठिन हो जाएगी।

वहीं ये बता दें कि कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पिछले दिनों 47 सदस्यों की हाई पावर स्टीयरिंग कमेटी की लिस्ट जारी की थी तो उसमें हुड्डा व उनके बेटे दीपेंद्र को जगह नहीं मिली थी।

जबकि इसके विपरीत धुर विरोधी कुमारी सैलेजा और रणदीप सुरजेवाला को इसमें जगह दी गई थी। ये भी गौरतलब है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में खड़गे के प्रस्तावक पिता-पुत्र दोनों थे। 

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उदय भान बिहार बैकफुट पर

सूत्रों की मानें तो हाईकमान की सख्ती के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष उदय भान भी बैकफुट पर आ गए हैं। कई दिनों से उन्होंने किरण चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था लेकिन अब उन्होंने कहा कि वो वह चौधरी को पूरा सम्मान देते हैं।

उन्होंने किरण चौधरी की हैसियत को लेकर जो बयान दिया है उसको गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किरण चौधरी की सियासी हैसियत की बात नहीं की गई थी बल्कि उन्होंने कहा था कि किरण चौधरी को टिकट निर्धारण व अन्य मामलों में किस कैपेसिटी से या क्षमता से बुलाते।

किरण चौधरी सीनियर नेता है और उनको बराबरी का दर्जा है। ये भी बता दें कि उदय भान ने यह भी कहा था कि वो किरण चौधरी को बड़ी नेता नहीं मानते हैं और हुड्डा ही उनके नेता हैं। माना जा रहा है कि उदय भान को हाईकमान ने दिल्ली भी तलब किया है।

हालांकि उदय भान ने ये भी कहा कि सभी पार्टी नेता अंदरुनी प्लेटफार्म पर अपनी बात रखें न कि सीधे मीडिया में चले जाएं। सबको अपनी बात रखने का हक है लेकिन अनुशासन के दायरे में चीजें हों। 

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किरण बोली पार्टी के नेताओं ने उनके पार्टी छोड़ने की चर्चा छेड़ रखी है

किरण चौधरी ने एक बार फिर अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है। किरण ने कहा कि लोग उसी के पीछे लगते हैं, जिसमें दम हो, वहीं कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने की चर्चाओं को किरण ने अपने विरोधियों की साजिश करार दी।

कांग्रेस में छिड़ी अंदरूनी जंग को लेकर भी किरण ने इशारों ही इशारों में हुड्डा गुट पर जमकर निशाना साधा। भाजपा में जाने की चर्चाओं पर  कहा कि ये चर्चाएँ गरमाने वाले हमारी पार्टी के अंदर के ही कुछ लोग हैं, जो मुझ से डरते हैं।

उन्होंने कहा कि कि कइयों को वहम है कि मैं भिवानी तक सीमित हूँ जो समय आने पर निकल भी जायेगा।  कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान की टिप्पणी पर किरण ने करारा जवाब देते हुए कहा कि मैं मर्यादा में रहती हूँ और मान सम्मान के साथ रहती हूँ।

मैं मान सम्मान न मिलने पर किसी की पिछलग्गू नहीं बनती। किरण चौधरी ने उनके खिलाफ कांग्रेस में बन रही लॉबिंग पर कहा कि कांग्रेस में कुछ लोग हैं जो पूरी तरह से कांग्रेसी नहीं। ऐसे लोग कांग्रेस के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोग उसी के पीछे पड़ते हैं जिसमें दम हो। 

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8 साल से पार्टी बिन संगठन राम भरोसे चल रहे

अंदरुनी कलह से हलकान कांग्रेस की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 8 साल से पार्टी में संगठन नहीं बन पाया है। पार्टी छोड़ चुके पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भी संगठनात्मक नियुक्ति नहीं कर पाए पाए थे।

हुड्डा के साथ अनबन के बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद कुमारी सैलेजा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया लेकिन वो भी इस दिशा में कुछ नहीं पाई। हुड्डा के साथ अनबन के बाद उन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया।

अब हुड्डा खेमे के उदय भान पार्टी के प्रदेश मुखिया हैं लेकिन स्थिति कमोबेश वैसी ही बनी हुई है। कई महीने बाद भी वो संगठन खड़ा नहीं पाए हैं। इसके पीछे भी मुख्य मुद्दा पार्टी की गुटबाजी है।

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