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Benefits of Nano Urea: नैनो यूरिया क्या है, फसल के लिए क्यों जरूरी है ये तरल उर्वरक, जानें इसके फायदे

Benefits of Nano Urea: नैनो यूरिया क्या है, फसल के लिए क्यों जरूरी है ये तरल उर्वरक, जानें इसके फायदे
Nano Urea Kya Hai : नौनो यूरिया तरल उर्वरक है। खेती में नौनो यूरिया के कई फायदे हैं। ये उर्वरक के रूप में पौधों की नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करता है। 

दिल्ली, Nano Urea ke Fayde : नैनो यूरिया नाइट्रोजन का स्रोत है, जो पौधों में कार्बोहाइडे्रड, प्रोटीन के निर्माण एवं पौधे की संरचना व वानस्पतिक वृद्धि के लिए उपयोगी है. सामान्यतया, एक स्वस्थ पौधे में नाइट्रोजन की मात्रा 1.5 से 4 फीसदी तक होती है. छिटकवां विधि में यूरिया पौधों की जड़ पर पड़ता है।

जबकि इसमें सीधे पत्तियों पर छिड़काव होगा. फसल विकास की प्रमुख अवस्थाओं में नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की आवश्यकता प्रभावी तरीके से पूरी होती है. यह अपने नैनो कणों (यूरिया के एक दाने का पचपन हजारवां भाग) के कारण अधिक प्रभावशाली एवं उपयोगी है। 

नैनो यूरिया क्या है

नौनो यूरिया एक प्रकार का तरल उर्वरक है, जो किसानों के लिए स्मार्ट कृषि और जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने का एक स्थायी विकल्प है. ये उर्वरक के रूप में पौधों की नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करता हैं क्योंकि नैनो यूरिया पौधों के लिए जैव उपलब्ध है और इसके वांछनीय कण का आकार लगभग 20-50 नैनो मीटर है. इससे इसका सतह क्षेत्र दानेदार यूरिया से 10,000 गुना अधिक हो जाता है और कणों की संख्या भी (1 मिमी दानेदार यूरिया पर 55,000 नाइट्रोजन कण अधिक) बढ़ती है। 

नौनो यूरिया के फायदे

यह प्रभावी रूप से फसल की नाइट्रोजन आवश्यकता को पूरा करता है, पत्ती प्रकाश संश्लेषण, जड़ के विकास, प्रभावी कल्ले और शाखाओं को बढ़ाता है. यह पौधों के अंदर नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ता है. यह फसल की उपज की पोषक गुणवत्ता को बढ़ाता है। 

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यह मिट्टी, हवा और पानी की गुणवत्ता के संरक्षण में मदद करता है। फसल उत्पादकता में वृद्धि और लागत में कमी करके किसानों की आय में वृद्धि करता है. उच्च दक्षता के कारण, यह पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को 50% या उससे अधिक तक कम कर सकता है. किसान नैनो यूरिया की एक बोतल (500 मिली) आसानी से स्टोर या संभाल सकते हैं। 

कैसे करें छिड़काव

विशेषज्ञों के अनुसार, नैनो यूरिया का 2-4 एमएल प्रति लीटर पानी (या 250 मिली / एकड़ 125 लीटर पानी में) के घोल का खड़ी फसल में छिड़काव करना चाहिए. नैनो यूरिया का उपयोग या छिड़काव सभी फसलों पर किया जा सकता है जिसमें अनाज, दालें, सब्जियां, फल, फूल, औषधीय और अन्य शामिल हैं। 

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इसे फसल के सक्रिय विकास के चरणों दो बार उपयोग किया जा सकता है. पहला छिड़काव फसल के अंकुरण के 30 दिन बाद (कल्ले निकलते समय/शाखाएं बनते समय) और दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 20 से 25 दिन बाद या फसल में फूल आने से पहले करना चाहिए। 

नौनो यूरिया जरूरी क्यों 

इसकी अवशोषण क्षमता 80 प्रतिशत से भी अधिक पाई गई है, जो कि सामान्य यूरिया की तुलना में बहुत अधिक है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के 20 से अधिक रिसर्च सेंटरों और देश भर के किसानों के खेतों में 11,000 स्थानों पर 94 फसलों पर ट्रायल किए गए. नैनो यूरिया (तरल) के प्रयोग द्वारा फसल उत्पादन बढ़ाने के साथ यूरिया की आवश्यकता को 50% तक कम किया जा सकता है।

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