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Indian Jugaad: किसान फल-सब्जियों को लंबे समय तक कर सकेंगे स्‍टोर, बिना फ्रिज ताजा रहेंगी मुनाफा भी बढ़ेगा

Indian Jugaad: किसान फल-सब्जियों को लंबे समय तक कर सकेंगे स्‍टोर, बिना फ्रिज ताजा रहेंगी मुनाफा भी बढ़ेगा
Innovation news for agriculture : खेती किसानी को लेकर देश में आविष्‍कार लगातार हो रहे हैं। आज हम जिसकी बात कर रहे हैं वह किसानों के लिए काफी काम का है। गर्मियों का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में फलों और सब्जियों को ताजा रखने के लिए किसानों को काफी परेशान होना पड़ता है। लेकिन अब उन्‍हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। आइए जानते हैं क्‍या है ये देसी जुगाड़ और कैसे फलों और सब्जियों को ताजा रखता है।

नई दिल्‍ली, New innovations for agriculture : गर्मियां शुरू हो चुकी हैं। इसके साथ ही फल सब्‍जी उगाने वाले किसानों की चिंताएं भी। लेकिन अब किसान भाइयों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। अब लंबे समय तक फल और सब्जियां ताजी रहेंगी और मुनाफा भी होगा। 

क्‍या है ये देसी जुगाड़

फल और सब्जियां स्‍टोर न की जाएं तो किसानों को काफी नुकसान होता है। यह ग्राहकों और किसानों दोनों के लिए ही घाटे का सौदा है। देश की इस गंभीर समस्या का समाधान है, अच्छे और सस्ते कोल्ड स्टोरेज जहाँ किसान अपनी उपज सुरक्षित रख सकें।

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लेकिन महंगे होने के कारण ये छोटे किसानों की पहुंच से बाहर होते हैं। किसानों और छोटे फल-सब्जी विक्रेताओं की इस समस्या का अनोखा और आसान समाधान खोजा है, चेन्नई के दीपक राजमोहन ने।  

किसानों के लिए फायदेमंद है यह आविष्‍कार

दीपक ने कई किसानों और उनकी सब्जियों पर इस प्राकृतिक तकनीक को इस्तेमाल किया और पाया कि यह सब्जियों की शेल्फ लाइफ को करीब 12 दिनों तक बढ़ा देती है। दीपक ने अपने इस आविष्कार को एक प्रोडक्ट का रूप दिया और अपने बचपन के दोस्त विजय आनंद के साथ  स्टार्टअप की शुरुआत की।

कितनी है कीमत

उनके बनाए पाउच की कीमत की बात करें तो हर सब्जी और फल के लिए वह अलग-अलग साइज के पैकेट्स बनाते हैं। उदाहरण के लिए एक किलो आम में 5 रुपये के पाउच को रखा जा सकता है वहीं एक किलो शिमला मिर्च के लिए 4 रुपये का पैकेट, एक किलो टमाटर के लिए 1.25 रुपये का पैकेट कारगर होता है। 

लोगों को दे रहे रोजगार

वो अपने स्टार्टअप ग्रीनपॉड लैब्स के ज़रिए करीब 15 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।‌ वो अपनी वेबसाइट के ज़रिए इस प्रोडक्ट को बेचते हैं। अगर आप इस ईको-फ्रेंडली स्टार्टअप के बारे में जानना चाहते हैं तो उन्हें यहां संपर्क कर सकते हैं।  

सब्‍जी उत्‍पादन में भारत दूसरे नंबर पर

भारत, सब्जियों का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला दुनिया का दूसरा देश है। बावजूद इसके महज 30 से 40 प्रतिशत उत्पादन ही ग्राहकों तक पहुंच पाता है। इसका मुख्य कारण है, फल-सब्जियों का ग्राहकों तक पहुंचने के पहले ही ख़राब हो जाना।

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अच्छे स्टोरेज और साधनों के अभाव में किसान को उत्पादन सही समय में न बिकने पर या तो इसे फेंकना पड़ता है या कम दाम में बेचना पड़ता है।   

यहां से हुई शुरुआत

एग्रीकल्चर और फ़ूड साइंस इंजीनियर दीपक कुछ समय पहले तक US में नौकरी कर रहे थे। साल 2019 में उन्होंने भारत आकर फ़ूड वेस्ट की इस समस्या पर काम करना शुरू किया। उन्होंने चेन्नई की अपनी लैब में प्लांट्स बेस्ड तकनीक से एक प्राकृतिक पाउडर तैयार किया‌ है। इस प्राकृतिक पाउडर के पैकेट्स को फल-सब्जियों में रखने से यह बिना फ्रिज के भी ताज़ा रह सकती हैं।

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