Rajasthan Talab Subsidy Scheme: तालाब खुदवाने के लिए 90 फीसदी सब्सिडी दे रही राजस्थान सरकार, फटाफट करें आवेदन

जयपुर, Rajasthan Talab Subsidy Scheme: राजस्थान सरकार इस योजना के तहत किसानों को 1 लाख 35 हजार रुपये तक की सब्सिडी दे रही है. फार्म पौण्ड यानी खेतों में बने तालाब में बारिश के पानी को आसानी से एकत्र किया जा सकता है. इसका मुख्य उपयोग बंजर पड़ी भूमि को खेती लायक बनाना है. ऐसे में अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो योजना से जुड़ी शर्तें और आवेदन प्रक्रिया जानना बेहद जरूरी है।
राजस्थान तालाब सब्सिडी योजना
राजस्थान में किसानों को खेती में सबसे ज्यादा दिक्कत पानी की कमी को लेकर आती है. पानी की कमी के चलते किसानों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
दरअसल, गिरते भू-जल स्तर के कारण खेती-किसानी पर सीधा असर पड़ रहा है. इस समस्या का समाधान करने के लिए राज्य सरकार किसानों के लिए खास योजना लेकर आई है।
इसलिए शुरू की स्कीम
खेतों में पानी की कमी न हो और किसानों को समय पर सिंचाई की सुविधा मिल सके, इसके लिए सरकार ने फार्म पौण्ड (Farm Pond Scheme) बनाने की स्कीम शुरू की है. यानी खेतों में तलाब बनाने की योजना. इसके लिए सरकार किसानों को भारी सब्सिडी प्रदान कर रही है।
ऐसे करें आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान खुद स्तर पर ‘राज किसान साथी पोर्टल’ पर या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर जन आधार नंबर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय जमाबंदी की प्रमाणक प्रति और राजस्व विभाग द्वारा जारी किए गए खेत का मानचित्र होना आवश्यक है. आवेदन के बाद कृषि विभाग खेत तालाब निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी करता है. इसकी सूचना मोबाइल या कृषि पर्यवेक्षक द्वारा किसानों तक पहुंचाई जाएगी।
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राज्य के कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सीमांत किसानों को लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 73, 500 रुपये कच्चे फार्म पौंड पर और 90 प्रतिशत या 1 लाख 35 हजार रुपये प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौंड पर सब्सिडी दी जाएगी. वहीं, सामान्य श्रेणी के किसानों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 63 हजार रुपये कच्चे फार्म पौंड पर और 80 प्रतिशत या 1 लाख 20 हजार रुपये प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौंड पर, जो भी कम हो उस रकम को सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा।
सब्सिडी कैसे मिलेगी
कृषि आयुक्त ने बताया कि किसानों को फार्म पौण्ड पर सब्सिडी के लिए न्यूनतम 0.3 हैक्टेयर खेत एवं संयुक्त खातेदारी की स्थिति में न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर कृषि भूमि होनी चाहिए. इसके बाद, सब्सिडी केवल न्यूनतम 400 घनमीटर क्षमता वाली खेत तलाई पर ही मिलेगी।
लीज एग्रीमेंट में निर्धारित है कि किसानों को कम से कम सात साल तक वह जमीन खेती करनी होगी. यह आवश्यक है कि उन्हें एक सादे कागज़ पर शपथ पत्र देना होगा जिसमें किसान के पास सिंचित और असिंचित जमीन की जानकारी हो। पौण्ड बनने के बाद, किसान अपने खेतों में पानी का इकट्ठा कर लेंगे। बाद में जरूरत पड़ने पर वह पानी खेती में इस्तेमाल करेंगे।
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