Agriculture News: जानिए किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए कितना लोन देगी एसबीआई?
Agriculture: कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा है कि इस संबंध में आईओटेकवर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच एक फरवरी को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
Agriculture News: हाल ही में ड्रोन बनाने वाली घरेलू कंपनी आईओ टेकवर्ल्ड एविगेशन ने केंद्र सरकार की एक योजना के तहत किसानों को एग्री ड्रोन खरीदने के लिए रियायती दर पर लोन उपलब्ध करने के संबंध में भारतीय स्टेट बैंक के साथ समझौता किया है।
कंपनी ने एक बयान के जरिए बताया है कि इस संबंध में आईओ टेकवर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के बीच एक फरवरी को एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। तो चलिए जानते हैं किसानों को किस दाम पर मिलेंगे ड्रोन और अन्य जानकारियां।
लोन पर कितने फीसदी ब्याज की छूट?
हरियाणा का जिला गुरुग्राम स्थित इस ड्रोन बनाने वाली कंपनी के सह-संस्थापक दीपक भारद्वाज ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक, आईओ टेकवर्ल्ड एविगेशन के ग्राहकों को प्रतिस्पर्धी दरों पर बिना किसी गारंटी के ऋण प्रदान करेगा।
और कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के तहत ऋण पर तीन प्रतिशत की ब्याज सहायता भी प्रदान करेगा। कृषि-ड्रोन, खेती-बाड़ी के क्षेत्र में एक बदलावकारी पहल बनने जा रहा है।
एसबीआई की तरफ से दी जा रही ऋण सुविधा उन किसानों के लिए बहुत मददगार होगी। जो संस्थागत वित्तपोषण सुविधाओं की कमी के कारण ड्रोन खरीदने की स्थिति में नहीं हैं।
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एग्री ड्रोन के फायदे क्या?
कंपनी के सह-संस्थापक अनूप उपाध्याय ने कहा ड्रोन की मदद से उर्वरकों और कीटनाशकों का बेहतर उपयोग संभव होता है और इस प्रकार खेती की लागत कम होती है। कृषि-ड्रोन का उपयोग न केवल कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है बल्कि समय की बचत करता है।
ब्याज सबवेंशन और क्रेडिट गारंटी सहायता कितनी मिलेगी?
बता दें कि साल 2020 में शुरू की गई एआईएफ योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 तक 1 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जाने हैं और वर्ष 2032-33 तक ब्याज सबवेंशन और क्रेडिट गारंटी सहायता दी जाएगी।
वहीं किसान, कृषि-उद्यमी, स्टार्टअप, एफपीओ, पीएसीएस, मार्केटिंग को-ऑपरेटिव सोसायटीज, स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह, बहुउद्देशीय सहकारी समितियां और केंद्रीय और
राज्य एजेंसियां या स्थानीय निकाय प्रायोजित सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाएं (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट्स) कृषि क्षेत्र में फसल होने के बाद उनके मैनेजमेंट और तकनीकी उन्नति के निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये तक का कर्ज हासिल कर सकते हैं।
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