Flower Farming: फूलों की खेती से कमाना चाहते हैं लाखों रुपए तो इन टिप्‍स को अपनाएं

Flower Cultivation business: खेती में कई विकल्‍प हैं। अगर आप अनाज के साथ फूलों की खेती शुरू करें तो इसमें फायदा ज्‍यादा है। इसमें आमदनी भी दो गुनी होती है और लागत भी कम होती है।
 

सोनीपत, Flower Cultivation in India: फूलों की खेती में अच्‍छा खासा मुनाफा है। अगर आप समय रहते इसे शुरू करते हैं तो जल्‍द ही लाखों रुपए कमा सकते हैं। फूलों की मांग 12 महीने बनी रहती है। शादी-ब्‍याह में तो इनकी मांग और भी बढ़ जाती है। आज हम आपको ऐसे फूलों की खेती की जानकारी देंगे, जिससे आप अच्‍छी आमदनी कमा सकते हैं।

गेंदे की खेती

किसानों को अगर अपनी आय बढ़ानी है तो खेती के अलावा उन्हें पशुपालन और फूलों व सब्जियों की बागवानी करनी चाहिए. किसान गेंदे और गुलाब की खेती कर सकते हैं. कृषि वैज्ञानिक ने उदाहरण देते हुए जिक्र किया कि लखनऊ में ऐसे कई किसान हैं जो पिछले 15 सालों से गुलाब की खेती कर रहे हैं और प्रति एकड़ ढाई से तीन लख रुपए कमा लेते हैं. गेंदे के फूल की खेती में गुलाब के मुकाबले लागत कम लगती है।

गुलाब करेगा मालामाल

गुलाब की खेती करने वाले किसान अपने गांव में छोटे-छोटे गुलाब का अर्क निकालने का प्लांट भी लगा सकते हैं, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार मेंथॉल की खेती के लिए किसान प्लांट लगाते हैं और इसके बाद किसान अर्क को बेंच सकते हैं और एक्सपोर्ट भी कर सकते हैं।

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गुलाब की खेती से निकले अर्क का गुलाब जल और इत्र बनाया जा सकता है, इससे किसानों को काफी लाभ होगा।

कृषि वैज्ञानिक की सलाह

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक एस डी पांडेय ने बताया कि किसान को अपनी पैदावार बढ़ाने के लिए फसल अवशेष का इस्तेमाल करना होगा. फसलों के बचे हुए अवशेष को वर्मी कंपोस्ट के साथ मिलाकर खाद के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।

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इससे खेत की उर्वरक क्षमता बढ़ जाएगी और मिट्टी स्वस्थ हो जाएगी क्योंकि उसमें जीवाणुओं की संख्या ज्यादा होगी, जिसके चलते पैदावार भी अच्छी होगी।

कीटनाशक की जरूरत नहीं

इतना ही नहीं बाजारों से रासायनिक पदार्थ और कीटनाशक भी नहीं खरीदना पड़ेगा. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि हरी खाद के रूप में ढैंचा लगाएं और सनई का इस्तेमाल करें और खेत को कभी भी खाली न छोड़ें, उसमें जुताई कर दें ताकि पैदावार में कमी ना आए. उन्होंने बताया कि खेत खाली छोड़ने पर मिट्टी की उपज क्षमता कम हो जाती है।

मौसम की जानकारी जरूरी

जलवायु का परिवर्तन कभी भी हो जाता है, जिससे फसल पर बहुत बुरा असर पड़ता है. ऐसे में किसानों को सतर्क रहना चाहिए और उन्हें इंडियन मेटियोरोलिजकल ऐप डाउनलोड करके समय-समय पर मौसम की जानकारी लेते रहना चाहिए,जिससे वह अपनी फसल की देखरेख सही तरीके से कर सकेंगे।

ये टिप्‍स अपनाएं

खेतों में अक्सर ठंड के कारण पाला पड़ जाता है. ऐसे में फसलों को पाले से बचाने के लिए किसान तुरंत सिंचाई करेंगे तो तापमान मेंटेन रहेगा।

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इसके अलावा फफूंदी नाशक कार्बन दाइजीन और मेटालिक्जिन 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रयोग करते हैं तो पाले का असर नहीं होगा. गर्मी का मौसम आ रहा है, ऐसे में किसान सब्जियों की खेती करेंगे।

खरपतवार के लिए उपाय

खेत में खरपतवार ना लगे इसके लिए किसान मेढ़ के बीच में जो खाली जगह होती है वहां फसल के अवशेष डाल दें तो खरपतवार नही उपजेगा. दूसरी तकनीक यह है कि पन्नी लगाकर उसमें छेद कर दें तो खरपतवार बिल्कुल ही नहीं उगेगी. वहीं, अगर नीम का तेल इस्तेमाल करके छिड़काव कर दिया जाए तो कीड़ा रोग नहीं लगेगा।

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