Gangaur Puja 2025: कब है गणगौर पूजा, जानें तारीख और इस त्योहार के खास गीत

गणगौर पूजा 2025 की तारीख (Gangaur Puja Date 2025)
इस साल गणगौर का त्योहार 15 मार्च से शुरू होकर 31 मार्च तक चलेगा। लेकिन 31 मार्च का दिन सबसे खास होगा, क्योंकि इसी दिन इस पर्व का समापन होगा। इस दिन महिलाएं विशेष श्रद्धा के साथ पूजा करती हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
गणगौर के पारंपरिक गीत (Gangaur Ke Geet)
गणगौर के दौरान गाए जाने वाले गीत इस त्योहार की शान हैं। ये गीत लोक परंपराओं और भावनाओं को बयां करते हैं। एक लोकप्रिय गीत है:
“गौर-गौर गणपति, ईसर पूजे पार्वती, पार्वती का आला गीला, गौर का सोना का टिका। टिका दे, टमका दे, राजा-रानी बरत करे। करता-करता आस आयो, वास आयो, खेरो-खांडो लाडू लायो। लाडू ले बीरा न दियो, बीरो म्हाने चुनड दी, चुनड को मैं बरत करयो। सन मन सोला, ईसर-गोरजा, दोनु जोड़ा, जोर ज्वार।”
इस गीत में सुहाग और समृद्धि की भावना झलकती है।
खोल किवाड़ी: प्रार्थना गीत (Gangaur Ka Prasiddh Geet)
एक और मशहूर गीत है:
“गौरि ए गणगौरी माता! खोल किवाड़ी, बाहर उबी थारी पुजनवाली। पूजो ए पूजाओ बाई, काई-काई! मांगों? अन्न मांगों, धन मांगों, लाछ मांगों, लछमी। जलहर जामी बाबल माँगा, रातादेई माई।”
यह गीत पूजा के दौरान माता से आशीर्वाद मांगने की भावना को दर्शाता है।
गौर गौर गोमती: लोकप्रिय गीत (Gaur Gaur Gomati Geet)
“गौर गौर गोमती, ईसर पूजे पार्वती, पार्वती का आला-गीला, गौर का सोना का टीका। टीका दे, टमका दे, बाला-रानी बरत करयो। करता-करता आस आयो, खेरे-खांडे लाडू आयो। लाडू ले बीरा ने दियो, बीरो ले मने पाल दी।”
इस गीत को गाते हुए महिलाएं सोलह बार दोहराती हैं और अंत में “एक-लो, दो-लो, तीन-लो... सोलह-लो” कहकर समाप्त करती हैं। ये गीत पीढ़ियों से चले आ रहे हैं और गणगौर की खुशी को दोगुना करते हैं।
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