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Ashok Tanwar News: हरियाणा में अशोक तंवर के दमदार व्यक्तित्व से बीजेपी हुई मजबूत

Ashok Tanwar News: हरियाणा में अशोक तंवर के दमदार व्यक्तित्व से बीजेपी हुई मजबूत
Ashok Tanwar News: डॉ. तंवर ने अपना राजनीतिक जीवन कांग्रेस पार्टी के स्टूडेंट विंग "एनएसयूआई" से शुरू किया और अपनी प्रतिभा और जुझारूपन से 27 वर्ष की उम्र में ही एनएसयूआई के अध्यक्ष बने और इनके अध्यक्ष रहते एनएसयूआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय में लगातार दो छात्र संघ चुनाव जीते और जेएनयू में एनएसयूआई मजबूत स्थिति में सामने आई । इसके बाद कांग्रेस के ही दूसरे संगठन भारतीय यूथ कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष बनने का श्रेय भी इन्हें जाता है।

चंडीगढ़। Ashok Tanwar News : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित भारत के सर्वोच्च विश्वविद्यालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति में सक्रिय रहने वाले और छोटी उम्र में ही भारतीय राजनीति को समझने वाले डॉ. अशोक तंवर ने पिछले 15 वर्षों में हरियाणा की राजनीति में अपना अहम स्थान बनाया है।

हरियाणा की राजनीति पर अच्छी समझ के चलते पार्टी ने 2009 में पंद्रहवें लोकसभा चुनाव में इन्हें हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए इन्होंने सफलता प्राप्त की और पार्टी के खाते में एक सांसद की संख्या को बढ़ाया। वर्ष 2014 से 2019 तक ये हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहे परंतु प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुडा के साथ मतभेदों के चलते उनके द्वारा इन्हें प्रताड़ित करने का हर संभव प्रयास किया गया। परंतु अशोक तंवर हर चुनौती का सामना करते हुए कभी नही झुके और दिन रात पार्टी हित के कार्यों में जुटे रहे।

2019 विधानसभा चुनाव में जब पार्टी हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुडा की तानाशाही के सामने घुटने टेक दिए तब इन्होंने झुकना स्वीकार न करके पार्टी से इस्तीफा देना स्वीकार किया और विधानसभा चुनावों में प्रदेश की टोहाना, सिरसा, ऐलनाबाद, नरवाना सहित अनेकों सीटों पर विभिन्न उम्मीदवारों को अपना खुला समर्थन देकर चुनावी सफलता दिलवाई।

इसके बाद इन्होंने अपना एक संगठन बनाया परंतु पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा हरियाणा में पार्टी के विस्तार के लिए इन्हें टीएमसी में शामिल कर लिया गया परंतु पार्टी में उपजे आंतरिक विवादों के बाद इन्हें पार्टी से किनारा करना पड़ा।

तत्पश्चात दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी का अगला निशाना हरियाणा था और हरियाणा में उन्हें चाहिए था एक मेहनती और मज़बूत नेता, जिसकी सम्पूर्ण राज्य में पकड़ हो, जिसे पूरा हरियाणा जानता हो, जिसके पास प्रत्येक विधानसभा में कार्यकर्ता हो, जिसके पास संगठन को खड़ा करने का अनुभव हो और उनकी ये तलाश डॉ. तंवर के रूप में खत्म हुई क्योंकि इनमें ये सब गुण मौजूद है। 

आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और अन्य नेता कई प्रयासों की वार्तालाप के बाद इन्हें पार्टी में शामिल करने में कामयाब हुए और हरियाणा में हुए जिला परिषद चुनावों में जब पार्टी को कहीं सफलता नही मिली तब डॉ. तंवर ने अपनी काबिलियत के दम पर पार्टी को सिरसा जिला परिषद के कुल 24 में से 6 सदस्यों को चुनाव जितवा कर अपनी मेहनत का लोहा मनवाया।

परंतु आम आदमी पार्टी पर बढ़ते भ्रष्टाचार और विभिन्न पदों के लिए खरीद फरोख्त के आरोपों के चलते इन्होंने पार्टी से दूरियां बनाना सही समझा। इसी के साथ आम आदमी पार्टी द्वारा दलितों का अपमान और पार्टी में दलित समाज को सम्मान न देने के कारण पिछले दिनों इन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

भारतीय राजनीति को एक अलग मुकाम पर पहुंचाने वाले भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास " नारे तले किसी जाति, धर्म, लिंग व वर्ग के आधार पर भेदभाव न करते हुए सभी भारतवासियों के समान अधिकारों को सुनिश्चित करने तथा देश और आमजन के हित में किए गए अनगिनत कार्यों से प्रभावित होकर डॉ. अशोक तंवर ने पिछले दिनों में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया और शायद ये कदम इन्हें इनके उद्देश्यों को पूरा करने में सही सिद्ध होगा।

 क्योंकि भारतीय जनता पार्टी देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है जहां बूथ से लेकर क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर मेहनत करने वाले साधारण से साधारण कार्यकर्ता को भी पूरा सम्मान मिलता है और उनकी मेहनत अनुरूप पद भी मिलता है। उदाहरण स्वरूप स्वतंत्र भारत में ये पहला अवसर है जब देश का प्रथम नागरिक (राष्ट्रपति) होने का गौरव एक आदिवासी महिला को भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मिला है, छत्तीसगढ़, झारखंड जैसे राज्यों में आदिवासी, मध्यप्रदेश में ओबीसी मुख्यमंत्री बना कर पार्टी ने पूरे भारत में एक सकारात्मक संदेश दिया है कि यहां मेहनत करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को बराबर सम्मान और पद दिए जाते हैं।

साथ ही पिछले लोकसभा चुनावों में प्राप्त जनादेश और मतों की संख्या दर्शाती है कि कैसे भारतीय जनता पार्टी देश के हर तबके से जुड़ने में सफल हुई। और आज बीजेपी एकमात्र ऐसी पार्टी है जो पूरे देश के सभी राजनीतिक दलों के सामने न केवल चुनाव लड़ रही है बल्कि चुनावों में सफलता भी दर्ज कर रही है और इस सफलता का श्रेय केवल और केवल पार्टी के मेहनती कार्यकर्ताओं को जाता है। इसीलिए डॉ. अशोक तंवर का बीजेपी में शामिल होना उनका जनता के हितों को साधने के लक्ष्य को दर्शाता है। 

और तंवर के बीजेपी में आने से पार्टी को भी फायदा होता दिखाई दे रहा है जैसे तवंर प्रदेश की राजनीति में मजबूत पकड़ रखते हैं और इनके बीजेपी में आने से पार्टी को लोकसभा की प्रत्येक सीट पर कम से कम 20 से 25 हजार मतों का इजाफा तो होगा ही होगा और इसके साथ ही हरियाणा विधानसभा की लगभग 15 से 20 सीटें ऐसी हैं जिन पर डॉ. तंवर का सीधे तौर पर प्रभाव पड़ेगा और अन्य सीटें जो पार्टी ने पिछले चुनावों में बहुत कम अंतर से हारी थी उन सीटों पर भी पार्टी के जीतने की प्रबल संभावना बन गई है। डॉ. तंवर बीजेपी में मजबूत दलित नेतृत्व के रिक्त स्थान को भी भरने का काम करेंगे और पार्टी में हरियाणा के लगभग एक चौथाई दलित मतदाताओं कीआवाज बनेंगे, जिससे दलित समाज और बीजेपी को निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा।

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