1. Home
  2. Lifestyle
  3. Events

Ram Mandir par Kavita : राम मंदिर पर पढ़ें और शेयर करें दिल को छू लेने वाली कविता

Ram Mandir par Kavita : राम मंदिर पर पढ़ें और शेयर करें दिल को छू लेने वाली कविता
Ram Mandir par Hindi mein Kavita: आज हम आपके लिए राम मंदिर पर लेटेस्‍ट कविता लेकर आए हैं। यहां आपको Poem On Ram In Hindi, Famous poem on lord rama, Shree Ram Status Poem in Hindi पढ़ने को मिलेगी। इसे आप अपने दोस्‍तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं।

Kavita On Lord Rama In Hindi : आज हम आपके लिए बेहतरीन राम मंदिर पर कविता लेकर आए हैं। आप यहां पर Poem On Lord Shri Ram In Hindi, Kavita on Ram, Short poem on lord rama, English poem on lord rama, कुमार विश्वास की राम पर कविता, मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर कविता, राम पर दोहे भी पढ़ सकते हैं।

Ram Mandir par Kavita

ram mandir par kavita, Ram mandir, ram mandir poem, hariom pawar, dr hariom panwar, hariom pawar kavita, dr hariom panwar kavita, hariom panwar poem in hindi, Poem On Ram In Hindi, Shree Ram Status Poem in Hindi, Poem On Lord Shri Ram In Hindi, Kavita on Ram, Short poem on lord rama, Famous poem on lord rama, English poem on lord rama,

जय श्री राम, जय श्री राम बोलो जय श्री राम

सपना हुआ साकार अब तो बोलो जय श्री राम

भीड़ से आई थी आवाजें

मंदिर वहीं बनाएंगे

अब 2024 में साकार हुआ सपना

बोलो जय श्री राम

Ram Mandir Poem by Hariom Pawar

राम दवा हैं रोग नहीं हैं सुन लेना

-कवि हरि ओम पंवार

चर्चा है अख़बारों में
टी. वी. में बाजारों में
डोली, दुल्हन, कहारों में
सूरज, चंदा, तारों में
आँगन, द्वार, दिवारों में
घाटी और पठारों में
लहरों और किनारों में
भाषण-कविता-नारों में
गाँव-गली-गलियारों में
दिल्ली के दरबारों में

धीरे-धीरे भोली जनता है बलिहारी मजहब की
ऐसा ना हो देश जला दे ये चिंगारी मजहब की
मुझको मंदिर-मस्जिद बहुत डराते हैं
मैं होता हूँ बेटा एक किसानी का
झोंपड़ियों में पाला दादी-नानी का
मेरी ताकत केवल मेरी जुबान है
मेरी कविता घायल हिंदुस्तान है

मुझको मंदिर-मस्जिद बहुत डराते हैं
ईद-दिवाली भी डर-डर कर आते हैं
पर मेरे कर में है प्याला हाला का
मैं वंशज हूँ दिनकर और निराला का

मैं बोलूँगा चाकू और त्रिशूलों पर
बोलूँगा मंदिर-मस्जिद की भूलों पर
मंदिर-मस्जिद में झगड़ा हो अच्छा है
जितना है उससे तगड़ा हो अच्छा है
कहना है दिनमानों का...
ताकि भोली जनता इनको जान ले
धर्म के ठेकेदारों को पहचान ले
कहना है दिनमानों का
बड़े-बड़े इंसानों का
मजहब के फरमानों का
धर्मों के अरमानों का
स्वयं सवारों को खाती है ग़लत सवारी मजहब की 
ऐसा ना हो देश जला दे ये चिंगारी मजहब की ||

बाबर हमलावर था मन में गढ़ लेना
इतिहासों में लिखा है पढ़ लेना
जो तुलना करते हैं बाबर-राम की
उनकी बुद्धि है निश्चित किसी गुलाम की

राम हमारे गौरव के प्रतिमान हैं
राम हमारे भारत की पहचान हैं
राम हमारे घट-घट के भगवान हैं
राम हमारी पूजा हैं अरमान हैं
राम हमारे अंतरमन के प्राण हैं
मंदिर-मस्जिद पूजा के सामान हैं
राम हुआ है नाम लोकहितकारी का...
राम दवा हैं रोग नहीं हैं सुन लेना
राम त्याग हैं भोग नहीं हैं सुन लेना
राम दया हैं क्रोध नहीं हैं जग वालों
राम सत्य हैं शोध नहीं हैं जग वालों
राम हुआ है नाम लोकहितकारी का
रावण से लड़ने वाली खुद्दारी का

दर्पण के आगे आओ
अपने मन को समझाओ
खुद को खुदा नहीं आँको
अपने दामन में झाँको
याद करो इतिहासों को
सैंतालिस की लाशों को

जब भारत को बाँट गई थी वो लाचारी मजहब की |
ऐसा ना हो देश जला दे ये चिंगारी मजहब की ||
नंगे हुए सभी वोटों की मंडी में...
आग कहाँ लगती है ये किसको गम है
आँखों में कुर्सी हाथों में परचम है
मर्यादा आ गयी चिता के कंडों पर
कूंचे-कूंचे राम टंगे हैं झंडों पर
संत हुए नीलाम चुनावी हट्टी में
पीर-फ़कीर जले मजहब की भट्टी में

कोई भेद नहीं साधू-पाखण्डी में
नंगे हुए सभी वोटों की मंडी में
अब निर्वाचन निर्भर है हथकंडों पर
है फतवों का भर इमामों-पंडों पर
जो सबको भा जाये अबीर नहीं मिलता
ऐसा कोई संत कबीर नहीं मिलता
राम मिलें निर्धन की आँसू-धारा में
जिनके माथे पर मजहब का लेखा है
हमने उनको शहर जलाते देखा है
जब पूजा के घर में दंगा होता है
गीत-गजल छंदों का मौसम रोता है
मीर, निराला, दिनकर, मीरा रोते हैं
ग़ालिब, तुलसी, जिगर, कबीरा रोते हैं

भारत माँ के दिल में छाले पड़ते हैं
लिखते-लिखते कागज काले पड़ते हैं
राम नहीं है नारा, बस विश्वाश है
भौतिकता की नहीं, दिलों की प्यास है
राम नहीं मोहताज किसी के झंडों का
सन्यासी, साधू, संतों या पंडों का

राम नहीं मिलते ईंटों में गारा में
राम मिलें निर्धन की आँसू-धारा में
राम मिलें हैं वचन निभाती आयु को
राम मिले हैं घायल पड़े जटायु को
राम मिलेंगे अंगद वाले पाँव में
राम मिले हैं पंचवटी की छाँव में
मैं भी इक सौंगंध राम की खाता हूँ...
राम मिलेंगे मर्यादा से जीने में
राम मिलेंगे बजरंगी के सीने में
राम मिले हैं वचनबद्ध वनवासों में
राम मिले हैं केवट के विश्वासों में
राम मिले अनुसुइया की मानवता को
राम मिले सीता जैसी पावनता को

राम मिले ममता की माँ कौशल्या को
राम मिले हैं पत्थर बनी आहिल्या को
राम नहीं मिलते मंदिर के फेरों में
राम मिले शबरी के झूठे बेरों में

मैं भी इक सौंगंध राम की खाता हूँ
मैं भी गंगाजल की कसम उठाता हूँ
मेरी भारत माँ मुझको वरदान है
मेरी पूजा है मेरा अरमान है
मेरा पूरा भारत धर्म-स्थान है
मेरा राम तो मेरा हिंदुस्तान है

साभार: कविताकोश

Poem On Lord Rama In Hindi : अयोध्‍या राम मंदिर के उद्घाटन पर शेयर करें भगवान राम पर कविता

Ram Mandir Murti: मूर्तिकार अरुण योगीराज को भगवान राम की मूर्ति को बनाने में कितना समय लगा

Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर अयोध्या में सुबह और शाम की आरती का समय, जानें कहां से बुक होगी ऑन लाइन टिकट


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।