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Delhi NCR Air Quality: बैन के बावजूद दिल्ली जमकर हुई आतिशबाजी, बेहद खराब श्रेणी में पहुंचा एक्यूआई

Delhi NCR Air Quality: बैन के बावजूद दिल्ली जमकर हुई आतिशबाजी, बेहद खराब श्रेणी में पहुंचा एक्यूआई
Air Quality Index Delhi: दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) कल रात 323 (बहुत खराब) दर्ज किया गया जो सबसे खराब है।  कई लोगों ने पटाखों के धुएं से आंखों में जलन होने की शिकायत की। मुंबई व बेंगलुरु में भी दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई और इस कारण प्रदूषण बढ़ गया है।

नई दिल्‍ली। Delhi Latest Update: नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आतिशबाजी को प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद दिवाली पर जमकर पटाखे फोड़े गए और हमेशा की तरह दिल्ली के साथ ही एनसीआर में भी प्रदूषण बढ़ने के चलते वायु की गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब श्रेणी में पहुंच गई। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले सप्ताह कहा था कि दिवाली पर आतिशबाजी करने पर छह माह तक जेल और 200 रुपए का जुर्माना हो सकता है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) कल रात 323 (बहुत खराब) दर्ज किया गया जो सबसे खराब है।  कई लोगों ने पटाखों के धुएं से आंखों में जलन होने की शिकायत की। मुंबई व बेंगलुरु में भी दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई और इस कारण प्रदूषण बढ़ गया है।

नोएडा में एक्यूआई 342 पहुंचा

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह से ही एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में है। कल देर शाम होने के साथ ही पटाखों के धुएं के चलते वायु की गुणवत्ता और बिगड़ती चली गई। सफर का कहना है कि दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में भी एक्यूआई  काफी खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। यहां यह 342 रहा।  

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दिल्ली यूनिवर्सिटी इलाके में वायु गणवत्ता सूचकांक 365

सबसे ज्यादा खराब स्थिति दिल्ली यूनिवर्सिटी इलाके की है जहां एक्यूआई 365 को टच कर गया। यह बेहद खराब श्रेणी है। दिल्ली के लोगों ने न केवल कल रात आतिशबाजी की नियमों की धज्जियां उड़ाईं, बल्कि उन्होंने तेज आवाज वाले पटाखे भी फोड़े। जैसे ही रात हुई, पटाखे फूटना तेज होते हो गए। दक्षिण से उत्तर पूर्वी व उत्तर पश्चिम राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न इलाकों में लोगों ने आतिशबाजी की।

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चिंताओं के चलते पटाखों पर बैन लगाया

सफर का पहले ही अनुमान था कि अगर गत वर्ष की तरह इस बार भी पटाखे फोड़े गए, तो दिवाली की रात हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच सकती है और एक और दिन रेड जोन में रह सकती है। दिल्ली पर्यावरणीय और स्वास्थ्य विभाग ने इन्हीं चिंताओं के चलते पटाखों पर बैन का निर्णय लिया गया था। विशेषज्ञों ने भी आशंका जताई थी कि अगर इस साल फिर ज्यादा पटाखे फोड़े गए तो वायु गुणवत्ता  खराब हो सकती है।

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पाबंदी के क्रियान्वयन के लिए बनाए थे 408 दल

दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी के क्रियान्वयन के लिए 408 दल गठित किए गए थे। सहायक पुलिस आयुक्तों के नेतृत्व में 210 दल बनाए गए थे। वहीं, राजस्व विभाग ने 165 दल व दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 33 दल गठित किए थे।

पर्यावरण के प्रति गैर-जिम्मेदार व असंवेदनशीलता : बिपाशा 

कुछ दिन पहले कोलकाता से दक्षिणी दिल्ली के कैलाश हिल्स इलाके में आई बिपाशा घोष (19) का कहना है कि मेरे क्षेत्र में रात 11 बजे के बाद आतिशबाजी शुरू हो गई। उन्होंने कहा, मुझे हालात देखकर नहीं लगा कि दिल्ली में आतिशबाजी बैन है। ऐसा करने वाले पर्यावरण के प्रति गैर-जिम्मेदार व असंवेदनशील हैं।

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